सोशल मीडिया पर भीड़ की एक तस्वीर काफ़ी वायरल जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर 'आप' नेता गोपाल इटालिया के नामांकन भरने के दौरान राघव चड्डा के साथ सूरत में रोड शो की है.
चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित कर दी हैं, चुनाव दो चरणों में है. पहले चरण का नामांकन भरने की अंतिम तिथि 14 नवंबर थी और सभी पार्टियों के प्रत्याशी नामांकन भरने में व्यस्त रहे. इसी सन्दर्भ में यह तस्वीर गुजरात के सूरत की बताकर वायरल है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर का गुजरात चुनाव से कोई सम्बन्ध नहीं है. यह जुलाई 2017 में कोलकाता में आयोजित 'शहीद दिवस' रैली की है.
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फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,'गोपाल इटालिया ने आज सुरत में राघवा चढ्ढा के साथ भव्य रोड शो करते हुए नामांकन दाखिल किया. यह तस्वीर गुजरात की जनता का मुड साफ साफ बयां कर रही है। #GujaratElection2022'
फ़ेसबुक पर यह तस्वीर इसी दावे के साथ काफ़ी वायरल है.
ट्विटर पर भी यह तस्वीर वायरल है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले 'आप' गुजरात प्रमुख गोपाल इटालिया के नामांकन भरने की खबर सर्च की तो 'द हिन्दू' की 11 नवम्बर की रिपोर्ट के अनुसार गोपाल इटालिया ने सूरत के पाटीदार समुदाय के प्रभुत्व वाली कतरगाम सीट से नामांकन जमा किया. उनके साथ आप नेता राघव चड्डा भी थे लेकिन वायरल तस्वीर के सामान रोड शो की कोई तस्वीर नहीं मिली.
इसके बाद वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की आधिकारिक वेबसाइट पर यह तस्वीर फाइल पिक्चर के रूप में 21 जुलाई 2018 के लेख में इस्तेमाल की हुई मिली. तस्वीर के साथ बताया गया था इस तारीख़ को 1993 में कोलकाता के मेयो रोड पर एक रैली के दौरान पुलिस की गोली से 13 कार्यकर्ताओं की जान गई थी. इसीलिए हर वर्ष 21 जुलाई को 'शहीद दिवस' के रूप में मनाया जाता है.
आगे 'द हिन्दू' की 22 जुलाई 2017 की रिपोर्ट में यह तस्वीर ममता बनर्जी की 'शहीद दिवस' पर कोलकाता में रैली की बतायी गयी.
'द ट्रिब्यून' की 22 जुलाई 2017 की रिपोर्ट में भी समाचार एजेंसी पीटीआई (PTI) को क्रेडिट देते हुए ये तस्वीर कोलकाता में 'शहीद दिवस' पर ममता बनर्जी की रैली की बताई गयी.
इसकी मदद से हमने पीटीआई की वेबसाइट पर आर्काइव में जाकर शहीद दिवस की तस्वीरें सर्च की तो इस मौक़े की वायरल तस्वीर से मिलती दो तस्वीर मिली.
ममता बनर्जी के आधिकारिक फेसबुक हैंडल से 21 जुलाई 2017 को शहीद दिवस की रैली की बताकर यह तस्वीर पोस्ट की गयी थी. पोस्ट में आगे लिखा था,'21 जुलाई, 1993 को 13 निर्दोष राजनीतिक कार्यकर्ताओं की क्रूर पुलिस हत्या की याद में आज ऐतिहासिक 'शहीद दिवस' है'.
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