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फैक्ट चेक

क्या भारतीय रिज़र्व बैंक ने 268 टन सोना विदेशों में गिरवी रखा? नहीं, यह दावा फ़र्ज़ी है

बूम ने रिज़र्व बैंक द्वारा जारी एक सूचना पढ़ी जिसमें साफ़ तौर पर इन वायरल संदेशों को ग़लत ठहराया गया है

By - Saket Tiwari | 2 Sept 2019 6:19 PM IST

कांग्रेस के नेता एवं पूर्व जनरल सेक्रेटरी शकील अहमद ने हिंदी अख़बार के एक लेख की तस्वीर ट्वीट की है | तस्वीर में हैडलाइन दी गयी है: '268 टन सोना गिरवी रखा' एवं इसके इंट्रोडक्शन में लिखा है: मोदी सरकार ने पूरे मामले को गोपनीय रखा | साथ ही कैप्शन में लिखा है की अगर यह सूचना सही है तो बहुत चिंताजनक है |

इस लेख में आगे लिखा है: "ईमानदार और पारदर्शी होने का ढिंढोरा पीटने वाली मोदी सरकार ने 268 टन सोना गिरवी रख दिया जिसकी किसी को कानो कान ख़बर नहीं होने दी | इस बात को साढ़े चार साल होने को है और अब आर.टी.आई के माध्यम से खुलासा हुआ है | खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने आर.टी.आई के माध्यम से खुलासा किया की मोदी सरकार ने जुलाई 2014 में उक्त सोना गिरवी रखा.."

इस दावे के ग़लत होने की पुष्टि भारतीय रिज़र्व बैंक ने खुद की है |

आप इस ट्वीट को नीचे देखें एवं इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |



शकील अहमद के अलावा कांग्रेस के आधिकारिक ट्वीट हैंडल पर भी यह सूचना ट्वीट की गयी | इसके अलावा आम लोगों ने भी इसे ट्वीट किया |



नेशनल हेराल्ड न्यूज़ वेबसाइट ने भी 2 मई 2019 को आर.टी.आई का हवाला देते हुए इसी तरह की एक न्यूज़ प्रकाशित की थी जिसमें मोदी सरकार द्वारा 200 टन सोने को चोरी छुपे विदेश भेजने के बारे में लिखा था | आप नीचे इस न्यूज़ का स्क्रीनशॉट देख सकते हैं |

फ़ेसबुक पर भी वायरल

Full View

फ़ैक्ट चेक

बूम ने खोज में पाया की नवनीत चतुर्वेदी जिन्होंने सबसे पहले इस सूचना के बारे में लिखा वो बीते लोक सभा चुनाव में दक्षिण दिल्ली सीट से 'नेशनल युथ पार्टी' के प्रत्याशी थे | उन्होंने 1 मई 2019 को एक ब्लॉग पर यह वायरल सूचना लिखी | नवनीत पेशे से खोजी पत्रकार हैं |

ब्लॉग का स्क्रीनशॉट

नवनीत ने जिस आर.टी.आई का हवाला देकर तस्वीर भी ब्लॉग में डाली है, उस आर.टी.आई में लिखा है की सोना विदेशी बैंकों में सुरक्षित है (safe custody) | आप नीचे स्क्रीनशॉट देख सकते हैं |

नवनीत द्वारा प्रकाशित आर.टी.आई का स्क्रीनशॉट

हमें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी एक सूचना भी मिली जिसमें इस तरह के वायरल दावों को ग़लत ठहराया है | 3 मई 2019 को प्रकाशित यह सूचना बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है |

प्रेस रिलीज़ में लिखा है: हमें कई प्रिंट मीडिया एवं सोशल मीडिया पर सूचना देखने को मिली की 2014 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने सोना विदेशों में भेजा है | यह दुनिया भर में स्थित किसी भी केंद्रीय बैंक द्वारा किया जाने वाला एक सहज अभ्यास है ताकि सोना सही सलामत एवं सुरक्षित रह सके | यह भी बताना चाहेंगे की भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 2014 में या उसके बाद सोना विदेश नहीं भेजा | इस प्रकार मीडिया लेखों में की गयी इस तरह की बातें असल में ग़लत हैं |

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी सूचना

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