व्हाट्सएप्प पर एक मेसेज वायरल है जिसके साथ एक ऑडियो क्लिप भी फ़ॉरवर्ड की जा रही है | ऑडियो में एक शख्स को कहते सुना जा सकता है, "आपको एक आधार वेरिफिकेशन कॉल कभी भी आ सकता है | आपको आपका आधार कार्ड नंबर पूछा जाएगा और कहा जाएगा की यह आईडिया, एयरटेल, वोडाफोन या जो भी आपका नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर है उसकी तरफ से यह वेरिफिकेशन कॉल है | आपसे कहा जाएगा की यदि आपके पास आधार कार्ड है तो 'एक' दवाएं | जिसके बाद आपसे आपका आधार नंबर माँगा जाएगा | अब तक लगभग सभी लोगों के बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक हैं | इसके बाद आपसे और भी बटन दबाने को कहा जाएगा | फिर आपसे मोबाइल पर आया वन टाइम पासवर्ड (ओ.टी.पी) मांग लिया जाएगा | जैसे ही आप ओ टी पी देंगे, आधार कार्ड से लिंक बैंक अकाउंट खाली होजाएगा और कॉल कट जाएगा | ऐसे फ़र्ज़ी कॉल से बचें और अपने परिवार वालों को भी बचाएं | किसी को भी कॉल पर अपना आधार कार्ड नंबर नहीं बताएं | यदि किसी भी नेटवर्क प्रोवाइडर या बैंक को आपका आधार कार्ड चाहिए होता है तो उस संस्था का एक व्यक्ति आपको हस्ताक्षर की हुई कॉपी कार्यालय में जमा करने को कहता है |"
इस ऑडियो के साथ एक सन्देश भी वायरल है जिसमें लिखा है 'भारत सरकार: जिनके आधार कार्ड बने हुए उनके लिए जरूरी सुचना - सभी सावधान रहे और ये रिकॉर्डिंग जरूर सुने और जल्दी से जल्दी आगे पहुँचाया जाये प्लीज़ - धन्यवाद, दिल्ली पुलिस.'
नीचे आप वायरल सन्देश का स्क्रीनशॉट और ऑडियो क्लिप देख सकते हैं |
इस तरह की ऑडियो क्लिप पहले भी कई दफ़ा वायरल हो चुकी है एवं बूम ने इस पर लेख भी लिखा है |
मुंबई पुलिस के नाम से वायरल आधार वेरिफिकेशन की ऑडियो क्लिप फ़र्ज़ी है
फ़ेसबुक पर पिछले सालों कुछ ऐसी ही पोस्ट डाली जा चुकी हैं | कई पोस्ट में कभी गुजरात पुलिस, कभी मुंबई पुलिस तो कभी दिल्ली पुलिस को स्रोत बताया गया है | वायरल पोस्ट्स यहाँ और यहाँ देखें |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने हाल ही में वायरल सन्देश, जो कथित तौर पर दिल्ली पुलिस द्वारा भेजा गया है, का सच जानने के लिए दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता से संपर्क किया | अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल कुमार ने बूम को बताया की यह या इस तरह का कोई सन्देश दिल्ली पुलिस ने जारी नहीं किया है | पी.आर.ओ कार्यालय में बूम ने पुलिस इंस्पेक्टर गोपाल सिंह से भी बात की जिन्होंने कहा, "इस तरह के वायरल सन्देश कभी जयपुर पुलिस, कभी उत्तर प्रदेश पुलिस तो कभी दिल्ली पुलिस के नाम से हमें भी मिलते रहते हैं | हालांकि यह फ़र्ज़ी है और हमारी तरफ़ से जारी नहीं किये गए हैं |"
इस तरह के वायरल सन्देश कभी जयपुर पुलिस, कभी उत्तर प्रदेश पुलिस तो कभी दिल्ली पुलिस के नाम से हमें भी मिलते रहते हैं | हालांकि यह फ़र्ज़ी है और हमारी तरफ़ से जारी नहीं किये गए हैं - गोपाल सिंह, इंस्पेक्टर, दिल्ली पुलिस
आधार नंबर या कोई भी संवेदनशील जानकारी पब्लिक में शेयर ना करें
हालांकि वायरल ऑडियो का स्रोत फ़र्ज़ी है परन्तु उसमें दी गयी जानकारी मान्य है | यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (यु.आई.डी.ए.आई) ने भारतवासियों से निवेदन किया है की आधार नंबर कहीं भी शेयर ना करें | सोशल मीडिया — फ़ेसबुक, ट्विटर, और व्हाट्सएप्प — पर शेयर ना करें | 2018 में इंडिया टुडे ने एक लेख प्रकाशित किया जिसमें यु.आई.डी.ए.आई द्वारा जारी एक सन्देश था: किसी और के आधार नंबर से आधार प्रमाणीकरण करना या किसी और का आधार नंबर किसी भी मंशा से इस्तमाल करना आधार एक्ट और भारतीय दंड संहिता के अंदर अपराध है |
इकनोमिक टाइम्स के एक लेख के अनुसार यु.आई.डी.ए.आई ने कई फ़र्ज़ी दावों को ख़ारिज करने के लिए कुछ बातें साफ़ की | कुछ सवालों और जबाबों के स्क्रीनशॉट नीचे देख सकते हैं एवं पूरा लेख पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें |