फ़ेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया गया है | वीडियो में कुछ महिलाएं एवं पुरुष 'राम शरण सुखदाई भजो रे' भजन गा रहे हैं | इस वीडियो क्लिप के साथ दावा किया जा रहा है की एक फतवे के अनुसार दुबई में नमाज़ अदा करना हराम है |
कैप्शन में लिखा है: दारुल उलूम देवबंद में अब नया फतवा जरी होगा दुबई की मस्ज़िद में नमाज़ अदा करना हराम है | (Sic)
इसके अलावा वीडियो की टेम्पलेट पर लिखा है: दुबई की मस्ज़िद में राम राम की गूँज | मुस्लिम महिलाओं ने गाए प्रभु राम के भजन | अगर यह भारत में होता तो इस्लाम ख़तरे में आ जाता |
आपको बता दें की यह दावा फ़र्ज़ी है एवं वीडियो भारत में ही शूट किया गया है |
हमनें उत्तर प्रदेश में स्थित दारुल उलूम से सम्बंधित गूगल सर्च किया | ऐसा कोई लेख नहीं मिला जिसमें दावे से मिलती जुलती सूचना हो | यदि वीडियो की बात करें तो यह 2012 में आंध्र प्रदेश के प्रशांति निलयम आश्रम में शूट किया गया था | पोस्ट आप नीचे देख सकते हैं एवं इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |
वीडियो को नीचे देखें एवं इसके आर्काइव्ड वर्शन को यहाँ देखें |
हमें समान वीडियो यूट्यूब पर अलग अलग चैनल्स द्वारा ग़लत दावों के साथ अपलोड किया हुआ मिला |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने "'Hari bhajan in a mosque" कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च किया | ए.बी.पी वायरल सच का एक वीडियो मिला जो 2016 में प्रकाशित हुआ था | इस वीडियो में वायरल क्लिप के साथ जिस दावे को ख़ारिज किया था वो अब वायरल हो रहे दावे से अलग था |
वीडियो से पता चलता है की वायरल क्लिप प्रशांति निलयम में हुए एक कार्यक्रम का कटा छठा रूप है | प्रशांति निलयम सत्य साई राम का आश्रम था | इस कार्यक्रम में बहरीन, ईरान, कुवैत, ओमान, क़तर, सऊदी अरबिया, सीरिया, टर्की, और संयुक्त अरब अमीरात से आये भक्तों ने भाग लिया था |
हमें कोलम्बो टेलीग्राफ का एक लेख भी मिला | लेख के साथ 2012 में प्रकाशित वास्तविक वीडियो जुड़ा हुआ था | नीचे आप वास्तविक वीडियो देख सकते हैं | 44 मिनट के समय चिन्ह पर वायरल वीडियो क्लिप वाला हिस्सा सुन सकते हैं | वीडियो करीब एक घंटे लम्बा है जिसमें अलग अलग भाषा में तरह तरह के भजन गाए गए हैं |
बूम ने दारुल उलूम को संपर्क किया परन्तु कोई जवाब नहीं मिला | जवाब मिलते ही लेख को अपडेट किया जाएगा |