नहीं, तस्वीर में प्रियंका गांधी 'नक्सल भाभी' को गले नहीं लगा रही हैं
बूम ने हाथरस पीड़िता के भाई से संपर्क किया जिसने इस बात की पुष्टि की कि तस्वीर में दिख रही महिला उसकी माँ है
एक महिला को गले लगाते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि उसमे दिख रही महिला नक्सली है, जो हाथरस पीड़िता के रिश्तेदार के रूप में उसके घर में ठहरी हुई है।
बूम ने हाथरस पीड़िता के भाई से संपर्क किया जिसने इस बात की पुष्टि की कि तस्वीर में दिख रही महिला उसकी माँ है। हमने डॉ राजकुमारी बंसल से भी संपर्क किया, जिन्हे वायरल तस्वीर में नक्सली बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वह उस दिन हाथरस में मौजूद नहीं थी जिस दिन कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गाँधी पीड़ित परिवार से मिलने गए थे ।
29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में उत्तर प्रदेश के हाथरस की एक दलित लड़की की मौत के बाद यह तस्वीर वायरल हुई है। बता दें कि 14 सितंबर को ऊँची जाति के 4 लोगों ने कथित रूप से दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार कर उसके साथ बेरहमी से मारपीट की थी।
घटना के बाद चारों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया था। राज्य प्रशासन को मामले से निपटने के तरीके के लिए बहुत आलोचना का सामना करना पड़ा था। हाथरस पुलिस पर 30 सितंबर की रात में परिवार की सहमति के बिना पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार करने का भी आरोप लगाया गया था। हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है।
नहीं, वायरल हो रही यह तस्वीरें केरला की नहीं हैं
एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि "याद है ये फोटोशूट प्रियंका वाड्रा गांधी....क्या पिंकी नक्सली भाभी को जानती थी ??? क्यों पिंकी ने सिर्फ नक्सली भाभी को गले लागया माँ को नही ??? आजतक दल्ला न्यूज ने भाभी का ही इंटरव्यू क्यों लिया ?????"
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
ट्विटर पर तस्वीर को उसी दावे के साथ शेयर किया गया है।
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें।
फ़ेसबुक पर बड़े पैमाने पर तस्वीर को उसी कैप्शन के साथ शेयर किया गया है।
बूम को वायरल दावे की सत्यता की जांच करने के लिए अपने हेल्पलाइन नंबर पर यही तस्वीर प्राप्त हुई।
2016 का पुराना वीडियो कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह की पिटाई बताकर वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर 3 अक्टूबर, 2020 को क्लिक की गई थी, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने हाथरस में पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी।
एबीपी लाइव पर 4 अक्टूबर को पीटीआई क्रेडिट के साथ प्रकाशित तस्वीर में कैप्शन दिया गया था 'प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवार के एक परिजन को गले लगाया, दोनों को भावनात्मक और नैतिक समर्थन प्रदान किया। उत्तर प्रदेश में पार्टी का नेतृत्व करने वाले कांग्रेस नेता आज ड्राइवर की सीट पर अपने भाई राहुल गांधी के साथ हाथरस जा रही थीं । (पीटीआई फ़ोटो)'।
चूंकि पीटीआई के कैप्शन में पीड़िता के साथ महिला के संबंध का उल्लेख नहीं है, इसलिए हमने पीड़िता के परिवार से संपर्क करने का फैसला किया।
बूम ने पीड़िता के भाईयों में से एक से संपर्क किया, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की कि तस्वीर में दिख रही महिला उनकी माँ हैं ।
पीड़िता के भाई ने बूम को बताया कि "महिला... प्रियंका गांधी ने जिसे गले लगाया वो और कोई नहीं बल्कि मेरी मां है। इस तस्वीर के बारे में कई झूठी अफ़वाहें फैल रही हैं |"
फिर हमने उनसे सोशल मीडिया पर वायरल 'नक्सल भाभी' के दावे के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि जिस महिला को 'नक्सल भाभी' कहा जा रहा है, वह जबलपुर की एक डॉक्टर है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वह 4 अक्टूबर को हाथरस में उनके घर आयी थी और जबलपुर रवाना होने से पहले कुछ दिन उनके साथ रही। "उन्होंने घटना के बारे में पढ़ा था और हमसे मिलने आयी थीं। वह मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक डॉक्टर है," भाई ने बूम को बताया।
मध्य प्रदेश में बलात्कार के आरोपी की तस्वीर हाथरस मामले से जोड़कर वायरल
बूम ने फ़िर राजकुमारी बंसल से संपर्क किया, जिन्हे वायरल पोस्ट में प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ बताया जा रहा है। डॉ. बंसल जबलपुर के एक मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी हैं।
डॉ. बंसल ने हमें बताया कि वह 3 अक्टूबर को हाथरस में मौजूद नहीं थी, जब कांग्रेस नेताओं ने परिवार से मुलाकात की थी। "मैं 4 अक्टूबर को हाथरस पहुंची और कुछ दिनों तक वहां रही। इसके अलावा, मैंने कभी साड़ी नहीं पहनी या घूँघट नहीं डाला। प्रशासन ने जब परिवार के साथ किसी बाहरी को रहने की अनुमति नहीं दी तो मैं जबलपुर के लिए रवाना हो गयी," बंसल ने बूम को बताया।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह पीड़ित परिवार से किसी भी तरह से संबंधित नहीं थी और केवल मानवीय आधार पर हाथरस का दौरा कर रही थी। बंसल ने कहा, "मैं इस घटना के कारण वहां गयी थी और परिवार के सदस्यों के लिए भी चिंतित थी। मैं 6 अक्टूबर को वहां से लौट आयी।"
उन पर लगाए गए नक्सली-कनेक्शन के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर डॉ. बंसल ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि यह आरोप कैसे और कहां से आये। उन्होंने हमें यह भी बताया कि जबलपुर में इसकी साइबर सेल में शिकायत दर्ज की थी।
बूम ने हाथरस की घटना से जुड़े कई तथ्यों की जांच की है, जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
इस बीच डॉ. बंसल को मेडिकल कॉलेज द्वारा एक कारण बताओ नोटिस भी दिया गया, जहां वह वर्तमान में तैनात हैं। इस बारे में यहां पढ़ें।
हमने हाथरस में पीड़ित परिवार के घर के कई वीडियो देखे जिसमें डॉ. बंसल को देखा जा सकता है और उन वीडियो में हमने उन्हें सलवार-कमीज पहने पाया।
तालियों और फूलों से सम्मानित यह महिला हाथरस गैंगरेप पीड़िता नहीं है