पानी में खड़े होकर नमाज़ अदा कर रहे लोगों का वीडियो ग़लत दावे संग वायरल
बूम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो पुराना है और इसके साथ किया जा रहा दावा बेबुनियाद है.
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में ढेर सारे लोग घुटनों बराबर पानी में खड़े होकर नमाज़ अदा करते दिख रहे हैं. एक नज़र में देखने पर ऐसा लगता है कि ये लोग किसी नदी में खड़े हैं और नमाज़ अदा कर रहे हैं.
वीडियो के साथ लिखे कैप्शन में कहा गया है 'यह एक योजना है कि एकान्त स्थान पर गंगा नदी में अज़ान लगा कर कब्जा किया जये। इनकी योजना के अनुसार गंगा नदी के किनारे किनारे पर अस्थाई निवास बनाये जाय बाद में यह स्थाई निवास में परिवर्तन कर दिया जायेगा। क्यों कि विश्व की अगली लड़ाई पानी के लिए होनी है। और यह मॉ गंगा को आबे जमजम बनाए जाने का ऐक्सपेरिमैंट शुरू हो गया है'.
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फ़ेसबुक पर ये वीडियो कई लोगों द्वारा मिलते जुलते कैप्शंस के साथ शेयर किया गया है.
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ये वीडियो फेसबुक पर इसी दावे के साथ वायरल है.
ट्विटर पर भी इस वीडियो को यूज़र्स ऐसे ही दावों के साथ शेयर कर रहे हैं.
Ganga नदी में खड़े होकर Namaz अदा कर रहे हैं लोग? Fact check
बूम ने इस वीडियो की पड़ताल के लिये 'Namaz in knee deep water' शब्दों के साथ कीवर्ड सर्च कियाऔर हमें इससे जुड़े तमाम आर्टिकल और वीडियो मिले.
न्यूज़ रिपोर्ट्स के मुताबिक़ ये वीडियो अभी का नहीं बल्कि साल 2020 का है और इसका भारत से कोई लेना देना नहीं. ये वीडियो दरअसल बांग्लादेश से है.
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25 मई 2020 को बांग्लादेश में ईद के दौरान ही Amphan cyclone ने भारी तबाही मचाई थी. भयंकर तूफ़ान और बारिश के बाद हर जगह पानी भर गया था जिससे लोग पानी में ही नमाज़ अदा कर रहे थे. बांग्लादेश के एक टीवी चैनल Independent Television का 25 मई 2020 का एक वीडियो हमें मिला जिसमें इस घटना की रिपोर्ट है.
हालांकि ये वीडियो उसी जगह को दिखाता है जो वायरल वीडियो में दिख रहा है मगर यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया वीडियो हूबहू वायरल वीडियो से मेल नही खाता.
आगे खोजने पर हमें बांग्लादेश की एक वेबसाइट Dhaka Tribune की एक ख़बर मिली जिसमें इस घटना का ज़िक्र था और वीडियो के स्क्रीनशॉट्स का इस्तेमाल किया गया था. खबर के मुताबिक़ बांग्लादेश के Koyra Upazila में भयंकर तूफ़ान और समुद्री ज्वार के कारण तटबंध टूट गया था जिससे बस्ती और तमाम शहरी इलाकों में पानी भर गया.
अगले दिन ईद थी तो लोगों को उसी पानी में खड़े होकर नमाज़ अदा करनी पड़ी. खबर में से भी लिखा था कि नमाज़ अदा करके लोकल लोग मिल कर फिर से तटबंध को ठीक करने में जुट गये.
इस घटना से जुडी एक खबर हमें बांग्लादेशी वेबसाइट The Business Standard में भी मिली. इस खबर में भी इसी वीडियो के एक हिस्से का स्क्रीनशॉट प्रयोग किया गया है. खबर के मुताबिक़ 20 मई को Amphan cyclone की वजह से Koyra के तटबंध में लगभग 24 जगह नुक़सान हुआ.
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इस वजह से समुद्र का खारा पानी बस्तियों में घुस आया और लोगों को उसी पानी में खड़े होकर नमाज़ अदा करनी पड़ी. इसमें लिखा है कि लगभग 5 हज़ार लोगों ने घुटनों बराबर पानी में खड़े होकर नमाज़ अदा की थी.
हमें और खोजबीन करने बांग्लादेश के एक टीवी चैनल Jamuna Television की एक रिपोर्ट मिली जिसमें इसी वीडियो के माध्यम से बाढ़ की त्रासदी बताई गई थी.
Jamuna Television के वेरीफ़ाइड फ़ेसबुक पेज पर इस वीडियो के साथ एक बांगला कैप्शन है जिसका अनुवाद है 'पानी में घुटने टेककर कोयरा में ईद जमात ईद के दिन भी टूटे तटबंध की मरम्मत करेंगे खुलना के कोइरा तटवासी; पानी में घुटनों के बल खड़े होकर प्रार्थना करें'.
(बांग्ला: কয়রায় হাঁটু পানিতে ঈদ জামাত ঈদের দিনেও ভেঙে যাওয়া বেড়িবাঁধ মেরামতে খুলনার কয়রা উপকূলবাসী; হাঁটু পানিতে দাঁড়িয়েই নামাজ আদায়।)
वीडियो से साफ़ हो जाता है की ये भारत से नहीं बल्कि बांग्लादेश से है और इसके साथ किया जा रहा 'जल जिहाद' का दावा बिलकुल मनगढंत है.