साम्प्रदायिक दावे के साथ वायरल इस 'CCTV फ़ुटेज' का सच क्या है
वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया है कि यह वीडियो मुस्लिम बाबा को चालाकी से चोरी करते हुए दिखाता है.
सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी सांप्रदायिक दावे के साथ एक स्क्रिप्टेड एक्ट दिखाता एक CCTV फ़ुटेज वायरल है. वीडियो शेयर करते हुए मुस्लिमों पर निशाना साधा जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि यह शांतिदूतों का नया कारनामा है, अगर ऐसे टोपी वाले फ़कीर आपकी गली में घूमते हैं तो उन्हें गली में न घुसने दें.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो, जिसे जानबूझकर सीसीटीवी फ़ुटेज की तरह दिखाने के लिए एडिट किया गया है, असल में एक स्क्रिप्टेड ड्रामा है और इसे 'शैक्षिक उद्देश्यों' के लिए बनाया गया था.
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वायरल फ़ुटेज में दिख रहा है कि एक व्यक्ति एक घर में पहुंचता है और उस घर की महिला से गहनों की सफाई करवाने के लिए कहता है. शुरुआत में महिला इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाती. लेकिन उस व्यक्ति के बार बार कहने पर वो अपने कानों में पहने गहनों को उतार कर दे देती है. इस बीच महिला का पति उसे ऐसा करने से मना करता है लेकिन महिला उसकी बात नहीं सुनती.
ख़ुद को गहनों की सफ़ाई करने वाला बताने वाला व्यक्ति महिला से बाकी गहने भी लाने के लिए कहता है तो महिला घर के अन्दर गहने लेने चली जाती है. इस बीच वो व्यक्ति किसी को फ़ोन करता है. तभी वो महिला दूसरे गहने लाकर उस व्यक्ति को लाकर देती है और वो उन्हें साफ़ करने का नाटक करता है.
इस दौरान वहां सर पर टोपी, कुरता पहने एक बाबा आता है और धुँआ उड़ाता है. इसके बाद एक छड़ी उन दोनों पति-पत्नी के सर पर मारकर चला जाता है. उसके जाते ही दोनों पति-पत्नी बेहोश होकर गिर जाते हैं. दोनों को बेहोशी की हालत में देख वो व्यक्ति सारे गहने अपने बैग में रखता और वहां से भाग निकलता है.
यह वीडियो साम्प्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
फ़ेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "शांतिदूतो का नया कारनामा…आपकी गली में ऐसे टोपी वाले फ़क़ीर घूमते है तो …उसको गली में घुसने न दे…"
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इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर बड़ी संख्या में यूज़र्स ने वीडियो शेयर किया है.
ट्विटर पर भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर किया गया है.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. वीडियो असल में, शैक्षिक उद्देश्य से लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया था.
हमने वायरल वीडियो को ध्यान से देखा और पाया कि वीडियो के आख़िर में एक डिस्क्लेमर दिया गया है, जिसमें लिखा है- "यह रील लाइफ वीडियो फ़ुटेज केवल शिक्षा के उद्देश्य से लोगों को यह समझाकर प्रकाशित किया जाता है कि वास्तविक दुनिया की स्थिति कैसी होगी. इस वीडियो मेकिंग के दौरान हमने वास्तविक घटनाओं को लिया है और लोगों को शिक्षित करने के लिए उनका चित्रण किया है.
इस वीडियो के पात्र केवल मनोरंजन और शिक्षा के उद्देश्य से हैं."
(ENGLISH: This reel life video footage is published only for the purpose of education the public by making them understand how the real world situations will be. During this video making we have taken real incidents and picturized to educate public
Characters in this video are entertainment and education purpose only)
हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद से वीडियो को फ़्रेम्स तोड़कर खोजा तो फ़ेसबुक पर 10 नवंबर 2021 को रॉक ऑन मीडिया नाम के एक पेज पर अपलोड हुआ मिला.
वीडियो के कैप्शन में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि वीडियो केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है. अंग्रेजी में लिखा कैप्शन जिसका हिंदी अनुवाद है- "देखने के लिए धन्यवाद! कृपया ध्यान रखें कि इस पेज में स्क्रिप्टेड ड्रामा और पैरोडी भी हैं. ये लघु फिल्में केवल मनोरंजन और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं."
(ENGLISH: Thank you for watching! Please be aware that this page features scripted dramas and parodies as well. These short films are for entertainment & educational purposes only!)
हमने फ़ेसबुक पेज के एडमिन से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि उनके द्वारा बनाए गए सभी वीडियो "केवल मनोरंजन और शैक्षिक उद्देश्यों" के लिए हैं.
बूम ने फ़ेसबुक पेज पर उपलब्ध नंबर पर भी कॉल किया लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
घायल महिला की पुरानी तस्वीर को फ़र्ज़ी दावे के साथ मॉडल पूनम पांडेय से जोड़ा गया
यह पहला मौक़ा नहीं है जब शैक्षिक उद्देश्य से बनाया गया कोई स्क्रिप्टेड ड्रामा वीडियो साम्प्रदायिक दावे के साथ वायरल हुआ है. इससे पहले एक ऐसा ही वीडियो वायरल था जिसे शेयर करते हुए दावा किया गया था कि एक मुस्लिम व्यक्ति अपनी महिला दोस्त के पानी में नशीला पदार्थ मिलकर उसकी इज्ज़त के साथ खिलवाड़ करने का प्लान बना रहा था. तब बूम ने उस वायरल वीडियो का फ़ैक्ट चेक किया था.