मिर्ज़ापुर में आपसी झगड़े में घायल पुजारी की तस्वीर सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम से बात करते हुए मिर्ज़ापुर ASP संजय कुमार ने मामले में किसी तरह का सांप्रदायिक एंगल होने से इंकार करते हुए वायरल दावे को फ़र्ज़ी क़रार दिया.
सोशल मीडिया पर खून से लथपथ एक पुरोहित की तस्वीर हिन्दू-मुस्लिम (Hindu-Muslim) समुदाय के बीच वैमनस्य फैलाने के इरादे से शेयर की गई है. वायरल तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि मिर्ज़ापुर (Mirzapur) के विंध्याचल मां (Vindhyachal) के दरबार में पूजा करने वाले अमित पाण्डेय (Amit Pandey) को मुस्लिमों ने जान से मारने की कोशिश की है. साथ ही हिन्दुओं से आह्वान किया गया है कि 'अब नहीं जागे तो शायद कल हमारे साथ भी ऐसा हो.'
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. मारपीट का मामला दो पुरोहितों के बीच का है. इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
नवाब मलिक को कबाड़ विक्रेता के रूप में दिखाने वाली वायरल तस्वीर मॉर्फ़्ड है
फ़ेसबुक पर तस्वीर शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "बहुत ही दुःख की बात है मिर्ज़ापुर के विंध्याचल मां के दरबार में पूजा करने वाले अमित पाण्डेय जी को जिहादियों ने जान से मारने की कोशिश की..अब नहीं जागे तो शायद कल हमारे साथ भी ऐसा हो."
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ट्विटर पर इसी दावे के साथ वायरल पोस्ट यहां और यहां देखें
क्रिकेटर सूर्यकुमार यादव पर अखिलेश यादव के नाम से किया गया ट्वीट फ़ेक है
फ़ैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. मारपीट का मामला दो पुरोहितों के बीच का है. इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
हमने जांच के दौरान पाया कि ट्विटर पर शेयर किये गए तस्वीर के कमेंट में एक यूज़र ने मिर्ज़ापुर पुलिस को टैग करते हुए मामले से अवगत कराया था, जिसके जवाब में मिर्ज़ापुर पुलिस ने मामले को पुराना बताया था.
एक अन्य ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए मिर्ज़ापुर पुलिस ने बताया था कि इस घटना पर विंध्याचल थाने में 26 जून 2020 को मामला दर्ज किया गया था.
इसके बाद हमने मिर्ज़ापुर के ASP संजय कुमार से संपर्क किया. उन्होंने मामले में किसी तरह का सांप्रदायिक एंगल होने से इंकार करते हुए वायरल दावे को फ़र्ज़ी क़रार दिया.
हालांकि, हमने इस मामले पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए विंध्याचल थाने से भी संपर्क किया लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
हमने "अमित पाण्डेय विंध्याचल" जैसे संबंधित कीवर्ड के साथ खोज की तो इंडिया न्यूज़ रिपोर्ट नाम के एक यूट्यूब चैनल पर 29 जून 2020 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती एक तस्वीर देखी जा सकती है. वीडियो के कैप्शन में बताया गया है "विंध्याचल मंदिर के अमित पांडे के ऊपर धारदार हथियार से हमला".
रिपोर्ट में बताया गया है कि मां विध्यवासिनी के गर्भ गृह में सिंगारिया परिवार के दो लोगों ने अमित पाण्डेय पर जानलेवा हमला किया.
इससे हिंट लेते हुए हमने "सिंगारिया परिवार विंध्याचल" कीवर्ड के साथ खोज की तो हूबहू इसी तस्वीर के साथ HBC News 18 UP-Uttarakhand नाम के फ़ेसबुक पर 29 जून 2020 का एक पोस्ट मिला.
पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, "विंध्याचल मंदिर के अमित पांडे जी पांडे के ऊपर धारदार हथियार से हमला किया गया मां विंध्यवासिनी मंदिर के गर्भगृह में सिंगारिया परिवार के दो लोग धारदार हथियार से हमला किया जान से मारने की कोशिश की वह जान बचाकर मंदिर से भागे। ब्यूरो रिपोर्ट रिया सिंह"
अमित पाण्डेय की खून से लथपथ तस्वीर के साथ 2 जुलाई 2020 के एक ट्वीट में भी अमित पाण्डेय पर हमले का ज़िम्मेदार सिंगारिया परिवार को बताया गया है.
उपर्युक्त दोनों पोस्ट में पुरोहित अमित पाण्डेय पर हमले में किसी प्रकार का सांप्रदायिक एंगल नहीं है. मिर्ज़ापुर पुलिस ने घटना को पुराना जबकि मिर्ज़ापुर ASP ने इसमें सांप्रदायिक दावे को ख़ारिज किया है.
हालांकि, बूम स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं करता कि अमित पाण्डेय और दूसरे पक्ष के बीच किस बात को लेकर झगड़ा हुआ था या फिर मामले में सिंगारिया परिवार की कितनी संलिप्तता है, जैसा कि उपर्युक्त फ़ेसबुक पोस्ट में बताया गया है.
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हमारी खोज में अमित पाण्डेय से जुड़ी कई रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें उनके और अन्य दूसरे पुरोहितों के बीच झगड़े और पुलिसकर्मियों से मारपीट का ज़िक्र है. रिपोर्ट यहां, यहां और यहां देखें.