सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट साइट की इस वायरल तस्वीर का सच क्या है?
नेटिज़ेंस इस तस्वीर को वास्तविक मानते हुए व्यंगात्मक और फ़र्ज़ी दावे कर रहे हैं.
कोरोना वायरस (corona virus) की सेकंड वेव (second wave) के बीच फ़र्ज़ी खबरें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं. सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स एक एडिट की हुई तस्वीर शेयर कर रहे हैं. फ़ोटो दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) साइट के ठीक सामने स्ट्रेचर पर एक कोविड-19 मरीज़ को ले जाते एक हॉस्पिटल स्टाफ को दिखाती है. आपको बता दें कि यह तस्वीर दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर सरकार के कोविड-19 प्रबंधन पर व्यंग कसने के लिहाज़ से बनाई गयी है.
बूम ने पाया कि यह तस्वीर दो अलग अलग तस्वीरों को मॉर्फ़ करके बनाई गयी है. सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट की रेलिंग की फ़ोटो पर कोविड-19 मरीज़ को ले जाते डॉक्टर की तस्वीर जोड़ी गयी है. हालांकि दोनों तस्वीरें हाल में कोविड-19 महामारी के बीच ही ली गयी हैं.
बीते दिनों में नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली में करीब 20,000 करोड़ लागत से बन रहे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को 'एसेंशियल सर्विस' घोषित किया है. इस प्रोजेक्ट और हाल में चल रहे काम को लेकर सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. यहां पढ़ें.
रिलायंस के नाम के साथ ऑक्सीजन टैंकर का वीडियो फ़र्ज़ी दावे से वायरल
इस तस्वीर को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी अपने आधिकारिक हैंडल पर पोस्ट किया और लिखा: "लेकिन क्या वह [इसे देख कर] हिल गया? क्या वह परवाह करता है? बिल्कुल चौंकाने वाला!"
हालांकि बाद में एक ट्वीट कर उन्होंने कहा कि तस्वीर वास्तविक है या केवल डेपिक्शन है यह अलग बात है पर प्राइम मिनिस्टर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट बंद नहीं कर रहे हैं यह चौकाने वाला है.
इस एडिटेड तस्वीर को कई नेटिज़ेंस इस दावे के साथ शेयर कर रहे हैं: "इस तस्वीर को देखकर हमारे सिर शर्म से लटक जाएं। केंद्रीय विस्टा पुनर्विकास अभी भी क्यों जारी है? यह क्यों नहीं निकाला गया है और धन को राहत और पुनर्वसन के लिए वापस ले लिया गया है?"
(इंग्लिश: Our heads should hang in shame looking at this picture. Why is the central vista redevelopment still on? Why hasn't it be scrapped and the money diverted to covid relief and rehab? #CentralVistaProject #ScrapCentralVista #ModiDisasterForIndia #resignModi)
कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां देखें.
रिलायंस के नाम के साथ ऑक्सीजन टैंकर का वीडियो फ़र्ज़ी दावे से वायरल
फ़ैक्ट चेक
वायरल हो रही तस्वीर को जब हमनें रिवर्स इमेज सर्च कर देखा तो हमें स्क्रॉल का एक आर्टिकल मिला जिसमें वास्तविक तस्वीर प्रकाशित की गयी थी.
यह लेख सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर आधारित था. हालांकि वास्तविक तस्वीर में केवल बेरिकेड्स हैं और डॉक्टर और मरीज़ वाली तस्वीर मौजूद नहीं है. इन बेरिकेड्स के पीछे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट साइट है और तस्वीर विजेता लालवानी द्वारा ली गयी है. विजेता लालवानी इस आर्टिकल की लेखिका भी हैं.
इसके बाद कोविड-19 मरीज़ की तस्वीर खोजने पर हमें रायटर्स फ़ोटोज़ वेबसाइट पर एक तस्वीर मिली जिसे अदनान अबिदी ने खिंचा है. इस तस्वीर को 24 अप्रैल 2021 को लिया गया था जबकि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट साइट की तस्वीर 27 अप्रैल 2021 को ली गयी थी.