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फ़ैक्ट चेक

ज़ोमैटो मामला: फाउंडर के बयान को सन्दर्भ के बाहर किया जा रहा है पेश

वायरल बयान में ज़ोमैटो के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल के स्टेटमेंट को तोड़-मरोड़ कर मामले को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है

By - Sumit | 2 Aug 2019 12:14 PM GMT

एक वायरल स्टेटमेंट में कहा जा रहा है कि जोमाटो के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल ने कहा है कि उनका ऐप हिंदू ग्राहकों से व्यापार नहीं चाहता है, जो मुस्लिम डिलीवरी बॉय द्वारा दिए जाने वाले भोजन लेने से इनकार करते हैं। यह बयान ग़लत है।

गुमराह करने वाले बयान का यह भी दावा है कि गोयल ने कहा कि फूड बिजनेस कंपनी का एकमात्र धर्म है । गोयल और ज़ोमैटो दोनों के ट्वीट को सांप्रदायिक रंग देने के लिए तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है । ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप एक ग्राहक के कारण चर्चा में है, जिसने एक रेस्तरां से ऑर्डर इसलिए रद्द कर दिया क्योंकि डिलीवरी बॉय मुस्लिम था।

बुधवार को, कंपनी ने ग्राहक को जवाब दिया कि फूड का कोई धर्म नहीं है । फूड ही एक धर्म है । इस बयान ने ऑनलाइन कई लोगों को दिल जीत लिया । हालांकि, इसके रुख ने रूढ़िवादी हिंदुओं के एक बड़े हिस्से के साथ सोशल मीडिया को विभाजित कर दिया है, जो हलाल मांस के संबंध में मुस्लिम ग्राहकों के अनुरोधों को समायोजित करने की बात को लेकर ज़माटो पर दोहरे मानकों का आरोप लगा रहे हैं।

‘IStandWithAmit’ ‘BoycottZomato’ ‘ZomatoUninstalled’ जैसे हैशटैग भी ट्वीटर पर ट्रेंड कर रहे हैं।



कंपनी को अब फ़र्ज़ी ख़बरों से निशाना बनाया जा रहा है।

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भ्रामक पोस्ट में लिखा गया है

Zomato के मालिक दीपेंद्र गोयल ने कहा…."नहीं चाहिए हिन्दू कस्टमर्स से बिज़नेस जिसे मुसलमान डिलीवरी बॉय से सामान नहीं लेना न ले, हमारे लिए धर्म नहीं खाने का व्यापार ही सबसे बड़ा धर्म है” !! तो मूर्ख हिंदुओं क्या भूखे मर जाओगे अगर ज़ोमैटो से नही मंगवाओगे तो?

पोस्ट के आर्काइव्ड वर्शन तक यहां पहुंचा जा सकता है।



दूसरी पोस्ट में दावा है की गोयल ने कहा की ज़ोमैटो को हिन्दू ग्राहकों के साथ व्यवसाय ही नहीं करना | इस पोस्ट को नीचे देखें एवं इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने ज़ोमैटो और इसके संस्थापक दीपिंदर गोयल दोनों के ट्विटर हैंडल को चेक किया, लेकिन उनके द्वारा शेयर किए गए किसी भी तरह के सांप्रदायिक संदेश के सामने नहीं आए। 31 जुलाई के दिन ज़ोमैटो ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अमित शुक्ला को ट्वीट किया था जिसमें लिखा था की, "खाने का कोई धर्म नहीं होता | यह खुद एक धर्म है |"



( 31 जुलाई को ज़ोमैटो का ट्वीट )

नीचे शुक्ला का ट्वीट है जिसे अब उनकी प्रोफ़ाइल से हटा दिया गया है।

( वायरल ट्वीट )

आप ट्वीट के अर्काइव वर्शन यहां देख सकते हैं।

उसी दिन, दीपिन्दर गोयल ने ज़ोमैटो के ट्वीट को उद्धृत करते हुए कहा, हमें भारत के विचार - और हमारे सम्मानित ग्राहकों और भागीदारों की विविधता पर गर्व है । हमें अपने मूल्यों के रास्ते में आने वाले किसी भी व्यवसाय को खोने का अफ़सोस नहीं है ।

यह भी पढ़ें: Zomato Says, ‘Food Has No Religion’ After Customer Refuses Food From Muslim Rider

गोयल के ट्वीट में धर्म का उल्लेख नहीं था लेकिन मूल्यों के बारे में बात की गई थी ।



कंपनी ने हलाल मांस परोसने वाले रेस्तरां पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए एक बयान के साथ अपने मूल स्टेटमेंट ट्वीट का जवाब दिया ।



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