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फ़ैक्ट चेक

गौ रक्षकों द्वारा अत्याचार का वीडियो ग़लत प्रसंग के साथ वायरल

पंजाब पुलिस ने बूम से बात कर पुष्टि की कि पुरुष 'गौ रक्षक' हैं, जिसे 2016 में पशु व्यापारियों के साथ मारपीट करने और घटना को फिल्माने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था

By - Swasti Chatterjee | 23 Jun 2019 4:29 PM GMT

पंजाब के राजपुरा में दो स्वघोषित गौ रक्षकों द्वारा 2012 में दो लोगों की पिटाई और प्रताड़ित करने का परेशान करने वाला वीडियो फ़ेसबुक पर झूठे दावों के साथ वायरल हो रहा है । दावा किया जा रहा है कि ये दोनो पुरुष ईसाई हैं, जिन पर गोवा में हिंदुओं ने हमला किया था ।
बूम ने पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस विंग, पंजाब पुलिस के अतिरिक्त महानिरीक्षक, गुरमीत सिंह चौहान से बात की । चौहान जांच अधिकारी थे जिन्होंने 2016 में आरोपी को गिरफ़्तार किया था । उन्होंने पुष्टि की कि आरोपी गौ रक्षक हैं, जिन्हें पशु व्यापारियों पर हमला करने और यातना देने के लिए गिरफ़्तार किया गया था । आरोपियों को संदेह था कि पीड़ित व्यक्ति पंजाब राज्य से बाहर गायों की तस्करी कर रहे थे ।
वीडियो में दो लोगों को दिखाया गया है, जिन्हें लोगों का एक समूह क्रूरतापूर्वक पीट रहे हैं । वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा है, "दो ईसाई पुरुषों को गोवा में एक हिंदू समूह ने पीट-पीटकर मार डाला था ।"

( वीडियो का स्क्रीनशॉट )

वीडियो की ग्राफ़िक प्रकृति को देखते हुए बूम ने इसे स्टोरी में शामिल नहीं करने का निर्णय लिया है । वीडियो को इसी कैप्शन के साथ फ़ेसबुक पर वायरल किया गया है ।

(फ़ेसबुक पर वायरल वीडियो)

वीडियो को इसी सांप्रदायिक कहानी के साथ ट्विटर पर भी शेयर किया गया है ।

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वीडियो को मुख्य फ़्रेमों में तोड़ा और एक रिवर्स इमेज सर्च किया और हम एक लंबी क्लिप तक पहुंचे जिसमें आगे दिखाया गया है कि हमलावर, पीड़ितों में से एक पर पेशाब करते हैं ।
वीडियो को 2012 में यूट्यूब पर अपलोड किया गया था । 3 मिनट के निशान पर, पीड़ितों की पीड़ा की तुलना गायों से करते हुए, हमलावर को पंजाबी में यह कहते हुए सुना जा सकता है, "इस तरह से हमारी गायों को भी नुकसान होता है ।"

यहां सुनें (नोट - दर्शक को विवेक की सलाह दी जाती है)

(वीडियो का स्क्रीनशॉट जिसे 23 अक्टूबर 2012 को अपलोड किया गया था)

वीडियो पर कुछ टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि स्वघोषित गाय रक्षकों द्वारा पशु तस्करों पर हमला हुआ है ।

(यूट्यूबर के जवाब जो बताते हैं कि वीडियो में गाय तस्करों पर अत्याचार हुआ है ।)

बूम ने तब प्रमुख शब्दों जैसे "गौ रक्षक पंजाब" की ख़ोज की और हम सतीश कुमार से संबंधित कई लेखों तक पहुंचे । सतीश कुमार एक स्वघोषित गौ रक्षक हैं और गौ रक्षा दल नामक एक संगठन के प्रमुख हैं ।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कुमार को पंजाब पुलिस ने मवेशी व्यापारियों के साथ दुर्व्यवहार करने और उन पर पेशाब करने के आरोप में गिरफ़्तार किया था । बयान में उल्लेख किया गया है, “सतीश ने अन्य सदस्यों के साथ दोनों व्यापारियों से 30,000 रुपये की मांग की, ताकि वे अपने मवेशियों से भरे वाहनों को पंजाब से यूपी ले जा सकें । जब उन्होंने इनकार कर दिया, तो सतीश और उनके लोगों ने उनके चेहरे पर पेशाब कर दिया, उनके साथ मारपीट की और रिकॉर्डिंग की । उन्होंने व्यापारियों से मूत्र पीने के लिए भी कहा । ”
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि "वीडियो के वायरल होने के बाद 6 अगस्त को मामला दर्ज़ किया गया था । वीडियो में गौ रक्षा दल के सदस्यों द्वारा लोगों को बेरहमी से पिटाई करते हुए दिखाया था ।"

बूम ने तब पटियाला के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चौहान से संपर्क किया, जिन्होंने इस घटना की जांच करने वाली टीम का नेतृत्व किया था और कुमार और उनके सहयोगियों की गिरफ़्तारी भी की थी । चौहान ने बताया कि वीडियो मूल रूप से पंजाब के राजपुरा का है, जिसका पटियाला में एक मामला दर्ज़ है । चौहान ने कहा कि यह घटना 2012 की है लेकिन यही वीडियो चार साल बाद 2016 में वायरल हुआ । उन्होंने बताया, “हमने पटियाला में मामला दर्ज़ किया और जांच शुरू की । वीडियो में गुलाबी टी-शर्ट में आदमी सतीश कुमार है । कुमार और उनके सहयोगी गौ रक्षा दल के नाम से अवैध गौ रक्षा दल चला रहे थे । उन्होंने पशु व्यापारियों से पैसे वसूली कर पंजाब राजमार्ग पर आतंक फैला दिया था । और जो पैसे नहीं दे रहे थे, उसके साथ इस तरह के अत्याचार किए गए ।” चौहान ने पुष्टि की कि वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने कुमार को गिरफ़्तार कर लिया ।

सतीश कुमार के स्वघोषित गौ रक्षा अभियान के बारे में कई समाचार संस्थानों ने लेख लिखे, जिसके बाद कुमार और उनके सहयोगियों ने सोशल मीडिया पर गाय व्यापारियों पर अत्याचार के विचलित करने वाले वीडियो साझा किए । मिंट में बताया गया है, “गौ रक्षा दल कथित तौर पर ट्रकों पर "वध के लिए मवेशियों को ले जा रहे वीडियो ऑनलाइन शेयर करते थे, जिनमें ड्राइवरों को पीटते और वाहनों को आग लगाते हुए दिखाया जाता था ।”

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