जबकि कर्नाटक में हाल ही में संपन्न हुए उपचुनावों के नतीजें नवंबर 6 को घोषित किये जा रहे थे, सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक रंग लिए एक पुराने फ़ेक पोस्ट को ठीक उसके एक दिन पहले फ़िर से वायरल किया जा रहा था | वायरल हुए पोस्ट में एक रैली की तस्वीर हैं जिसमे कुछ लोग भगवान राम के पोस्टर्स को जूतों से मारते दिख रहे हैं | पोस्ट के साथ यह संदेश शेयर किया गया है:
ये है कांग्रेस का असली चेहरा.... इन कुत्ते कांग्रेसियों के लिए आपके दो शब्द......लाइक नहीं... कमेंट pls | इस तस्वीर के साथ एक संदेश भी है जो ये कहता है:
कर्नाटक में हिन्दुओं को नीचा दिखाने के लिए कांग्रेस के सि एम सिदारमियया ने निकाली रैली और भगवान् राम के फोटो पर चप्पल लगाईं | ईसाईयों और मुस्लिमों को खुश करने के लिए किया कांग्रेस ने ये सब | शेयर करके कांग्रेस का चेहरा दुनिया के सामने लाइए | गौर करने वाली बात ये है की सिद्धारमैय्या अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री नहीं हैं |
तस्वीर के पीछे का सच आपको बता दे की यह पहली दफ़ा नहीं है जब इस तस्वीर को वायरल किया गया है | इसी वर्ष मार्च 25 को यही तस्वीर और इससे जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे | हालाँकि उस समय इस तस्वीर को किसी और सन्दर्भ में शेयर किया गया था | बेख़ौफ़ खबरें नामक फ़ेसबुक पेज ने ये पोस्ट इस संदेश के साथ मार्च 26 को शेयर किया था:
राम का अपमान करने वाला, सड़क पे कुत्ते की मौत मर गया | तब शेयर की गयी तस्वीर के साथ संदेश कुछ ऐसा था: उस दिन भगवान् राम की तस्वीर पर चप्पल मार रहे थे केरल में कांग्रेसी-बामपंथी नेता | कल राम नाम सत्य हो गए | प्रकृति भी न्याय करती है | कठोर दंड देती है | वायरल हुए पोस्ट में इसी मृतक को कांग्रेस का कार्यकर्ता बताया गया था |
हालाँकि ये पोस्ट भी फ़ेक था और जिस मृतक की तस्वीर इस पोस्ट में इस्तेमाल की गयी थी वो किसी भी तरह से इस घटना से जुड़ा हुआ नहीं था | ये तस्वीर दरअसल तमिल नाडु के मैलाडुथुरई से है | घटना इस साल मार्च महीने की है जब कुछ लोगो ने पेरियार के मूर्ति के तोड़े जाने के विरोध में भगवान् राम की तस्वीर का तथाकथित अपमान किया था | हालांकि पुलिस ने चौदह लोगों को इस सिलिसिले में हिरासत में लिया था, पर पूरे इलाके का माहौल काफ़ी तनावपूर्ण था | ट्विटर पर भी इस घटना की काफ़ी चर्चा रही | ट्विटर हैंडल @PratishthaJain ने ये ट्वीट सितम्बर 17 को किया था |
इसी घटना का वीडियो @rameshsethu ट्विटर हैंडल से मार्च 21, 2018 को ट्वीट किया गया था |
कहाँ-कहाँ से हुई ये तस्वीर वायरल हालाँकि पहली बार फ़ेसबुक पेज
बेख़ौफ़ ख़बरें से शेयर किये जाने के बाद यह पोस्ट कुछ ख़ास वायरल नहीं हुआ था, इसे अलग अलग पेजों से केरल की पृष्ठभूमि के साथ शेयर ज़रूर किया गया था जिन्हे आप
यहां और
यहां देख सकते हैं | हालांकि नवंबर 5 को
सुशिल सिंह नामक फ़ेसबुक यूज़र के प्रोफाइल से जब इसी तस्वीर को कर्नाटक का बताकर शेयर किया गया तो इसे करीब 2,200 से ज़्यादा बार शेयर किया गया |
बूम की जांच में ये साफ़ होता है की जिस तस्वीर को कर्नाटक का बता कर शेयर किया जा रहा है वो दरसल तमिल नाडु से है | और तस्वीर में दिख रहे लोग कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं हैं |