पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ, जैद हामिद ने एक व्यक्ति की हत्या का वीडियो शेयर किया है। यह वीडियो हैदराबाद का है जहां दो लोगों ने सरेआम कुल्हाड़ी से एक व्यक्ति की हत्या की है। जबकि जैद हामिद ने इसे उत्तर प्रदेश के झांसी की घटना बताते हुए यह दावा किया है कि हिंदू भीड़ ने सड़क पर एक मुस्लमान की हत्या की है। यह वीडियो 3 अक्टूबर 2018 को सैयद जैद जामन हामिद द्वारा ट्वीट किया गया था और इसे करीब 36,000 बार देखा गया है। इस कहानी को लिखने के समय तक इस वीडियो को 1800 बार रीट्वीट किया गया था और साथ ही 250 कंमेट्स भी दिए गए थे। ट्वीट पर कई उत्तरों ने बताया किया वीडियो से संबंधित कहानी फर्जी है लेकिन फिर भी हामिद ने ट्वीट को नहीं हटाया था। इनके ट्वीट के बाद अब इसे इसी संदेश के साथ फेसबुक पर साझा किया जा रहा है। हामिद ने लिखा, “जायनवाद समर्थक के तहत भारत क्रूर फासीवादी राज्य बन गया है, जिसमें कोई कानून नहीं है बल्कि हिंदू कट्टरपंथियों द्वारा सड़कों पर भीड़ न्याय कर रही है। यह भारत का झांसी शहर है, जहां हिंदू लोग सड़कों पर मुस्लिमों को मार रहे हैं और आप देख सकते हैं कि आरएसएस के डर से पुलिस कुछ भी नहीं कर रही है।" (चेतावनी: नीचे दिए गए वीडियो में ग्राफिक हिंसा है। विवेकाधिकार की सलाह दी जाती है)
ट्वीटर पर जैद हामिद के 1,80,000 फॉलोअर हैं और अपने सोशल मीडिया बायो में खुद को सोवियत-अफगान युद्ध के अनुभवी के रूप में चित्रित करते है। बूम ने वीडियो की जांच की और पाया कि यह हैदराबाद से है और पीड़ित और हमलावर, दोनों हिंदू हैं। भारतीय मीडिया ने हत्या की व्यापक रूप से रिपोर्ट की थी। (इसके बारे में
यहां,
यहां,
यहां और
यहां पढ़ें) अपराध के बाद हैदराबाद पुलिस को भी भारी आलोचना का सामना करना पड़ा, जैसा कि प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि घटना के वक्त मौजूद ट्रैफिक पुलिसकर्मी इस घटना को रोकने में असफल रही थी। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि घटना के आसपास वहां से पुलिस वाहन भी गुजरा था। यह घटना, 26 सितंबर, 2018 को हैदराबाद के अटापुर मुख्य सड़क के व्यस्त हिस्सों पर दिनदहाड़े हुई थी। पीड़ित रमेश जेरीगल्ला के खिलाफ हत्या का आरोप था और वह इसी मामले में कोर्ट की सुनवाई से वापस लौट रहा था। दोनों आरोपियों की पहचान किशन गौड और लक्ष्मण गौड के रूप में की गई है। मामले की जांच कर रहे साइबरबाद पुलिस ने कहा कि यह बदला लेने का मामला था और हमलावर और पीड़ित, दोनों गौड़ा समुदाय से हिंदू थे। डीसीपी एन प्रकाश रेड्डी ने पुष्टि की कि इस घटना से कोई धार्मिक कोण जुड़ा हुआ नहीं है। रेड्डी ने बूम को बताया कि दिसंबर 2017 में, पीड़ित रमेश पर हमलावरों में से एक के बेटे की हत्या का आरोप लगा था। रमेश को गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन वह जमानत पर बाहर था और मुकदमे के लिए उपस्थित हो रहा था। रेड्डी ने बताया कि, "घटना के दिन रमेश उनके खिलाफ हत्या के आरोप में सुनवाई के लिए अदालत में उपस्थित थे और सुनवाई के बाद लौट रहा था। तब किशन और लक्ष्मण ने उसका पीछा किया कथित तौर पर उसके चाचा हैं जिसकी हत्या का आरोप रमेश पर था। गुस्से में आकर उन्होंने रमेश पर हमला किया और अपने बच्चे की हत्या का बदला उसकी हत्या कर लिया।" उन्होंने आगे बताया कि, "वास्तव में, पिता किशन मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं और पिछले कुछ सालों से इलाज कर रहे थे।"