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फ़ैक्ट चेक

पाक लेखकों ने भारतीय बलों द्वारा 'मानव ढाल' के उपयोग की पुरानी घटना को हालिया बता कर किया शेयर

बूम ने पाया कि मीर द्वारा ट्वीट किया गया वीडियो जून 2018 का है जहां युवाओं के एक समूह को दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा कथित तौर पर मानव ढाल बनाया गया था

By - Anmol Alphonso | 20 Aug 2019 12:09 PM GMT

पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने एक पुराना वीडियो ट्वीट किया है । वीडियो में प्रदर्शनकारियों को पथराव करने से रोकने के लिए भारतीय सुरक्षाकर्मी चार लोगों को एक पुलिस वाहन के सामने बैठने के लिए मजबूर कर रहे हैं ।

नीचे दिए गए विवरण के साथ मीर ने एक मिनट-पंद्रह सेकेंड का वीडियो ट्वीट किया है ।

“यह जम्मू और कश्मीर का एक नवीनतम वीडियो (16 अगस्त) है, श्रीनगर के उपनगरीय इलाके जहां भारतीय सेना ने 4 हिरासत में लिए गए कश्मीरी लड़कों को मानव ढाल के रुप में इस्तेमाल किया ताकि भारत-विरोधी नारे लगाने वाले लड़कों को रोका जा सके और बहादुर सैनिकों ने उन्हें गाली देते हुए कहा कि "अब पत्थर फेंक दो।"

( हामिद मीर का ट्वीट)

अर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें।

लेख को लिखे जाने तक ट्वीट को लगभग 3,400 बार रीट्वीट और 5,600 बार लाइक किया गया है । कई ट्विटर यूज़र्स ने मीर को बताया कि वीडियो पुराना था । 1.15 सेकंड के वीडियो में चार व्यक्तियों को सादे कपड़ों में दिखा जा सकता है | वो चारो तरफ़ से सुरक्षाकर्मियों से घिरे हैं जिनके हाथों में रायफल है और पथराव करने वालों की भीड़ के साथ मौखिक बहस कर रहे हैं ।

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फ़ैक्ट चेक

जैसा कि कई ट्विटर यूज़र्स ने बताया कि वीडियो पुराना था हमने ‘4 स्टोन पेल्टर’ और ‘ह्यूमन शील्ड ’ कीवर्ड के साथ खोज की और जून 2018 की घटना पर समाचार रिपोर्ट तक पहुंचे । एबीपी समाचार द्वारा 19 जून, 2018 को अपलोड की गयी वीडियो रिपोर्ट मीर द्वारा डाले गए वीडियो से मेल खाती है।

वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “एक वीडियो सोशल मीडिया पर हाल ही में सामने आया है जिसमें यह देखा जा सकता है कि भारतीय सैनिकों ने पत्थरबाज युवकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए उनके वाहनों के आगे बैठने के लिए मजबूर किया है। यह घटना पंपोर के सामबोरा गांव में एक घेरा और तलाशी अभियान के दौरान हुई थी”

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18 जून, 2019 को कश्मीर वाला की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के सामबोरा गांव में स्थानीय लोगों के मुताबिक सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी अभियान के दौरान युवाओं के एक समूह को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया था ।

घटना के बाद यही वीडियो जम्मू-कश्मीर में व्हाट्सएप पर वायरल हुआ था और अवंतीपोरा के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद जाहिद ने कश्मीर रीडर से कहा था कि उन्होंने भी इस वीडियो को देखा है और पुलिस इसकी सत्यता और वास्तविकता का पता लगा रही है ।

(घटना पर स्क्रॉल की रिपोर्ट)

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि सुरक्षा बलों को घेरा और तलाशी अभियान के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा उन्होंने चार वयस्क लोगों और एक नाबालिग का इस्तेमाल पत्थरबाजों को भगाने के लिए मानव ढाल के रूप में किया था, जैसा कि स्क्रॉल ने 28 जून, 2018 की रिपोर्ट में बताया है ।

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