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सूटकेस में भरे शव की वायरल तस्वीर मानसी दीक्षित हत्याकांड से संबंधित नहीं है

सूटकेस में भरे शव की वायरल होती तस्वीर दरअसल 2017 के नवी मुंबई में हुए एक हत्याकांड से संबंद्ध रखती है

By - Sneha | 20 Oct 2018 6:40 PM GMT

  एक सूटकेस में भरे शव की एक दिल दहला देने वाली तस्वीर हाल ही में काफी वायरल हो रही है। इस तस्वीर के साथ जुड़े पोस्ट में कहा जा रहा है कि यह तस्वीर मॉडल मानसी दीक्षित की है, जिनकी हाल ही में मुंबई में हत्या हुई थी। तस्वीर को एक सांप्रदायिक रंग दे कर शेयर किया जा रहा है |   हालांकि बूम ने तथ्यों के जांच के बाद कि यह तस्वीर दीक्षित हत्या मामले से नहीं जुड़ी है, बल्कि अगस्त 2017 में नवी मुंबई में हुई एक हत्या से जुड़ी है।   मॉडल की तस्वीर के साथ यह गलत फोटो इस सन्देश के साथ वायरल किया जा रहा है: “20 वर्षीय मॉडल मानसी दीक्षित की मुजमल सय्यद ने हत्या की और उसका शव एक सूटकेस में भर दिया। इनटॉलेरेंस ब्रिगेड द्वारा कोई बयान नहीं, राष्ट्रीय मीडिया द्वारा कोई कवरेज नहीं, बॉलीवुड में कोई आक्रोश, किसी तरह का कोई प्रदर्शन नहीं। कुछ लोग अभी भी सोचते हैं कि पीड़ित और आरोपी के धर्म से कोई फर्क नहीं पड़ता। क्या आप इसे 'धर्मनिरपेक्षता' कहते हैं ?”  
वी सपोर्ट अरनब गोस्वामी
, से “नो” तो सोल्ड मीडिया तथा आई सपोर्ट अरनब गोस्वामी सहित कई फेसबुक पेज ने इस पोस्ट को शेयर किया है। कुल मिलाकर, पोस्ट को 5000 से ज्यादा बार शेयर किया गया है।    
    छानबीन   रिवर्स गूगल इमेज सर्च से पता चलता है कि यह तस्वीर अगस्त 2017 में दैनिक भास्कर की एकरिपोर्ट में प्रकाशित हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक यह शव वाशी में ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली 20 वर्षीय मरियम शेख की थी। उसका शरीर और कटे हुए सिर को सूटकेस में डाल कर फेंक दिया गया था जो झाड़ियों में पाया गया था।    
    दीक्षित का शव भी कुछ इसी तरह मुंबई में मिला था। 15 अक्टूबर, 2018 को कथित रूप से 19 वर्षीय मानसी मुजमिल सैयद से मिलने गई थी और उसने मानसी की हत्या कर दी। हालांकि हत्या का मकसद स्पष्ट नहीं है, पुलिस को संदेह है कि हत्या से पहले उन दोनों के बीच बहस हुई थी। पुलिस के मुताबिक मानसी की मौत सिर पर चोट लगने और गला दबाने से हुई थी। उसके शव को मलाड स्थित इनऑर्बिट मॉल के पास मैंग्रोव में फेंक दिया गया था। पुलिस को इसके बारे में उस कैब चालक ने आगाह किया जिसने सैयद को उस जगह छोड़ा था।   इस मामले के साथ एक और पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगता हुआ एक पोस्टर पकड़ा है। यह पोस्ट सांप्रदायिक कोण के साथ साथ #MeToo का भी कोण जोड़ता दिखता है। इसमें कहा जा रहा है कि दीक्षित को कभी भी #MeToo कहानी कहने का मौका नहीं मिला और जब पीड़ित एक हिंदू और आपराधी गैर-हिंदू है, तो इस घटना पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।   हालांकि, हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने यौन उत्पीड़न से इंकार किया है। बूम ने मुंबई के जोन XI के पुलिस उपायुक्त संग्रामसिंह निशंदर से बात की, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की है।     Full View      

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