एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर कोरोनावायरस से जुड़ी कोई भी पोस्ट करना सरकार द्वारा दंडनीय अपराध घोषित किया गया है। यह दावा ग़लत है। इस मैसेज में गृह मंत्रालय (एमएचए) के मंत्रालय के रवि नायक का नाम शामिल है जो वास्तव में मौजूद ही नहीं है।
बूम ने एमएचए के एक अधिकारी से बात की जिसने इस संदेश को फ़र्ज़ी बताया और पुष्टि की कि रवि नायक नाम का कोई भी व्यक्ति मंत्रालय में प्रमुख सचिव के पद पर काम नहीं करता है। अधिकारी ने नाम बताने से इनकार कर दिया क्योंकि वे मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं थे।
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वायरल मैसेज में लिखा है, "ग्रूप के सभी माननीय सदस्यों को सूचित किया जाता है कि अभी कोरोना वायरस से संबंधित किसी भी पोस्ट को केंद्र सरकार द्वारा दंडनीय अपराध घोषित किया गया है, केवल एक सरकारी एजेंसी कोरोना पर पोस्ट कर सकती है।"
बूम को अपने व्हाट्सएप्प हेल्पलाइन नंबर (7700906111) पर यह मैसेज प्राप्त हुआ है जिसमें इसकी सत्यता के बारे में पूछताछ की गई है।
फेसबुक पर वायरल
हमने फेसबुक पर इसी भ्रामक कैप्शन के साथ खोज की और पाया कि पोस्ट वहां वायरल है।
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फ़ैक्टचेक
बूम ने पाया कि वायरल फ़ॉरवर्ड में किए जा रहे दावे झूठे हैं और गृह मंत्रालय द्वारा ऐसा कोई सर्कुलर जारी नहीं किया गया है।
वायरल मैसेज में जिस अधिकारी, रावि नायक का नाम शामिल किया गया, उसके बारे में जानकारी के लिए हमने गृह मंत्रालय की वेबसाइट की जाँच की लेकिन हमें ऐसे किसी अधिकारी का नाम वहां नहीं मिला।
इसके अलावा, हमें ऐसा कोई भी समाचार रिपोर्ट नहीं मिला जिसमें यह बताया गया हो कि गृह मंत्रालय ने कोरोनावायरस से संबंधित कुछ भी पोस्ट करना दंडनीय अपराध में शामिल किया है।
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बूम ने पहले भी कोरोनावायरस से जोड़ कर सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले फ़र्ज़ी सरकारी सर्कुलर / नोटिफिकेशन का फ़ैक्टचेक किया है।
कोरोनावायरस पर बूम का लाइवब्लॉग यहाँ देखें|