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फैक्ट चेक

हैदराबाद के मज़दूरों के विरोध को गुजरात का बताकर किया गया वायरल

बूम ने पड़ताल कर पता लगाया की वायरल वीडियो तेलंगाना से है जहाँ मज़दूरों ने विरोध कर घर जाने की अनुमति माँगी

By - Anmol Alphonso | 26 May 2020 6:15 AM GMT

हैदराबाद में घर वापसी की माँग करते हुए मज़दूरों का वीडियो गुजरात के अहमदाबाद शहर का है इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। 

बूम ने पड़ताल करने पर पाया की गुजरात में भी मज़दूरों द्वारा विरोध किया जा रहे हैं किंतु यह वीडियो हैदराबाद का है। इस 3 मिनट 11 सेकंड की क्लिप में लोग एक फ़्लाइओवर के नीचे विरोध करते हैं । पुलिस किनारों पर खड़ी है और अपने मोबाइल फ़ोनो में इस विरोध की रेकॉर्डिंग करती नज़र आती है। 

यह वीडियो उसी हफ़्ते वायरल हुआ था जब गुजरात के कई इलाक़ों में प्रवासी मज़दूर अपने घर लौटने की माँग कर रहे थे। भारत अभी 25 मार्च 2020 को शुरू हुए देशभर के लॉकडाउन के चौथे चरण में है। कई राज्यों ने बंधनो को कम कर प्रवासी मज़दूरों की अपने घर राज्य लौटने की व्यवस्थाएँ भी की है।

यह भी पढ़ें: जी नहीं, मुंबई में 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे नहीं लगाए गए

देशभर में प्रवासी मज़दूर विरोध कर सरकार से उन्हें अपने अपने घर भिजवाने की माँग कर रहे हैं। रिपोर्ट्स की माने तो मज़दूर बड़ी संख्या में सड़कों पर सरकार का विरोध कर रहे हैं जबकी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने सभी मज़दूरों को अपने घर पहुँचना शुरु कर दिया है। इंडीयन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने बताया है कि 46 प्रतिशत ट्रेन गुजरात से जा रही हैं। यहां पढ़ें।

इस पोस्ट का अर्काइव्ड वर्शन यहां देखें और इसका स्क्रीनशॉट नीचे देखें |


फ़ेसबुक पर इस कैप्शन के साथ सर्च करने पर पता चला की यह वीडियो इन ग़लत दावों के साथ शेयर किया जा रहा था।


ट्विटर 

फ़ैक्ट चेक

बूम इस बात की पुष्टि कर पाया है की यह वीडियो गुजरात से नहीं बल्कि हैदराबाद से है।

वीडियो देखने पर हमने एक पुलिस कर्मचारी को ब्लू जैकेट में देखा, जिस पर 'हैदराबाद सिटी पुलिस' लिखा हुआ था। इसी से संकेत लेकर हमने न्यूज़ रिपोर्ट्स ढूँढे और पाया की यह वायरल वीडियो हैदराबाद, तेलंगाना का है न की अहमदाबाद, गुजरात का ।


4 मई 2020 की एशियानेट न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, 1000 से अधिक मज़दूर हैदराबाद के टोलीचौकी इलाक़े में जमा हो गए थे क्यूँकि उन्होंने अफ़वाहें सुनी थी की सरकार उनको घर भिजवाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चला रही है। द न्यू इंडीयन एक्सप्रेस को एक मज़दूर ने बताया "हम भूखे हैं क्यूँकि हमारे पास करने को कोई काम नहीं है। मैं एक होटल में काम करता था किंतु मेरे साथ रहने वाले अन्य कई लोग कन्स्ट्रक्शन साइट्स पर काम करते थे। लेकिन अब जब सब कुछ बंद हो गया है हमारे पास पैसे कमाकर यहाँ जीने का कोई तरीक़ा नहीं है।"

हमें साक्षी टीवी द्वारा 3 मई, 2020 को रिपोर्ट किए गए इस घटना का एक वीडियो मिला जिसमें वही दुकाने, ब्लू जैकेट पहने पुलिस और वाइरल वीडियो में दिखायी देता स्थान - यह सब दिखायी दे रहा है।

Full View

यही वायरल वीडियो क्लिप ट्विटर पर भी कई लोगों ने शेयर की यह कहते हुए की मज़दूर हैदराबाद की टोलीचौकी में विरोध कर रहे थे।


दोनो ही वीडियो में वही दुकाने दिखाई देती है जो इस बात की पुष्टि करती है की दोनो वीडियो का स्थान एक है। इसके अलावा हमने वीडियो में दिखायी देते 'लुक्स' - इस दुकान को जीयोलोकेट किया और गूगल मैप्स स्ट्रीट व्यू से इस बात की पुष्टि की लोकेशन दोनो का एक ही है।


इस रिपोर्ट के लिखने के समय तक तेलंगाना में 1,854 पॉज़िटिव मामले और 53 लोगों की कोविड-19 से मौत हो गयी है।

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