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फ़ैक्ट चेक

डकैती का वीडियो 'संघी' हमले के रूप में किया गया वायरल

लखनऊ पुलिस और घायल मौलाना ने हमले के पीछे किसी भी तरह के सांप्रदायिक कारण से इनकार किया है

By - Swasti Chatterjee | 7 Nov 2019 7:54 AM GMT

लूटपाट की कोशिश में घायल एक मुस्लिम धर्मगुरु की तस्वीरों को एक झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है । दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल के सदस्यों ने उनकी हत्या करने की कोशिश की है ।

बूम ने मौलाना अब्दुल मुकीम के रूप में पहचाने गए फ़ोटो में उस व्यक्ति से बात की, जिसने कहा कि सांप्रदायिक कोण के बारे में कहना मुश्किल होगा क्योंकि हमला केवल एक व्यक्ति द्वारा किया गया था । लखनऊ पुलिस ने भी सांप्रदायिक कोण से इनकार किया, जिन्होंने कहा कि गिरफ़्तार आरोपी एक मानसिक बीमारी से पीड़ित है और लूटने के इरादे से मौलाना के घर में घुसा था ।

वायरल मैसेज में मौलवी को उनके असली नाम अब्दुल मुकीम के बजाय हाफिज अदनान नाम का शख़्स बताया गया है, जो जेल रोड, लखनऊ में एक मौलवी हैं और झूठी जानकारी का श्रेय चौधरी सलमान नदवी और खान उस्मान आज़मी को दिया गया है ।

नदवी अखिल भारतीय मुस्लिम आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, लखनऊ स्थित संगठन और एआईएमआईएम के राज्य कार्यकारी सदस्य हैं । बूम को नदवी और आज़मी के फ़ेसबुक पेजों पर मूल पोस्ट मिलीं, जो मौलवी की सही पहचान करती हैं, लेकिन हमले के पीछे एक सांप्रदायिक कहानी बताती हैं ।

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इसी सांप्रदायिक संदेश को सोशल मीडिया पर तेजी से फैलाया जा रहा है । वायरल हुई तस्वीरों के साथ कैप्शन में लिखा है, “11 बजे रात में लखनऊ में जेल रोड पर बनी मस्जिद के इमाम हाफ़िज़ अदनान साहब पर नीच, कायर संघियों-बजरंगियों ने तलवार से जानलेवा हमला किया अल्लाह ताआला ने हिफ़ाज़त फ़रमाई ।”

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संघियों और बजरंगियों का आशय आरएसएस और बजरंग दल के सदस्यों से है ।

तस्वीरों में मौलवी को उसके घायल सिर और कलाई के चारों ओर लिपटी पट्टियों के साथ खून से सने हुए बनियान पहने देखा जा सकता है ।

फ़ैक्ट चेक

बूम ने लखनऊ में मौलवी अब्दुल मुकीम से संपर्क किया जो इस समय चोट से उबर रहे हैं । उन्होंने पुष्टि की है कि वायरल तस्वीरों में वे ही थे ।

मुकीम ने कहा, "केवल एक आदमी था जिसने मुझ पर हमला किया था लेकिन मैं उसका चेहरा स्पष्ट रूप से नहीं देख पाया । मैंने उससे लड़ने की कोशिश की और चोटों का सामना करना पड़ा ।” जब उनसे पूछा गया कि क्या हमले के पीछे कोई सांप्रदायिक कारण था, तो उन्होंने कहा,“ यह कहना मुश्किल होगा कि वह सांप्रदायिक इरादे के साथ आया था । ”

हमने जेल रोड पुलिस चौकी के इंस्पेक्टर शेर बहादुर मौर्य से भी बात की, जिन्होंने इस घटना में किसी भी सांप्रदायिक कोण को खारिज कर दिया । जेल रोड पुलिस ने इस घटना के लिए सूरज प्रजापति को गिरफ़्तार किया है ।

मौर्य ने कहा, "आरोपी ने चोरी करने के इरादे से मौलाना के कमरे में प्रवेश किया था । आरोपी मानसिक बीमारी से पीड़ित था ।"

हमें एक और वीडियो भी मिला, जिसमें मुकीम को पुलिस को घटना सुनाते हुए देखा जा सकता है ।वीडियो में, वह कहता है, कि घटना 11-11.15 बजे के बीच हुई और उस पर किसी नुकीली चीज से हमला किया गया ।

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वायरल पोस्ट का पहले द क्विंट ने फैक्टचेक किया है ।

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