डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन (DGCA) ने एक नोटिस जारी करते हुए सूचना दी है कि अंतराष्ट्रीय हवाई यात्रा 30 नवंबर, 2020 तक स्थगित रहेगी | हालांकि यह रोक ऑल-कार्गो विमानों और डी.जी.सी.ए द्वारा शुरू कुछ विशेष फ्लाइट्स पर लागू नहीं होगा |
इसके अलावा यह भी बताया गया है कि कुछ चुनिंदा रास्तों पर अंतराष्ट्रीय विमान उड़ाए जा सकेंगे पर यह केवल 'मामले-दर-मामले' यानी 'केस टु केस' हिसाब से होगा |
भारत ने अंतराष्ट्रीय विमान सेवा कोरोनावायरस महामारी के कारण 23 मार्च से बंद कर दी है | हालांकि मई में विशेष मिशन के अंतर्गत 'वंदे भारत मिशन' शुरू कर एयर इंडिया द्वारा कई देशों में फ्लाइट सेवा शुरू है | बाद में जुलाई के महीने से कुछ देशों के साथ द्विपक्षीय 'एयर बबल' व्यवस्था कर फ्लाइट्स चलाई जा रही हैं | इसमें भारत से एयर इंडिया और सम्बंधित देशों की कुछ कंपनियां शामिल हैं |
मुख्य बातें:
- अंतराष्ट्रीय वायु सेवा 30 नवंबर तक बंद
- 18 देशों और भारत के बीच है 'एयर बबल' व्यवस्था
- ऑल-कार्गो विमानों पर रोक नहीं
इस लेख को लिखने तक भारत की 18 देशों के साथ द्विपक्षीय 'एयर बबल' व्यवस्था है |
क्या है एयर transport बबल?
"ट्रांसपोर्ट बबल" या 'एयर बबल' वह अस्थाई व्यवस्था है जिसमें दो देश commercial passenger services शुरू करने के इरादे से विमान उड़ाते हैं | यह व्यवस्था कोरोनावायरस महामारी में ठप पड़ी अंतराष्ट्रीय वायु यात्रा को ध्यान में रखकर की गयी है |
यह व्यवस्था दोतरफ़ा होती है | जो दो देश इस व्यवस्था में शामिल होते हैं, उनके बीच चलने वाले विमानों को सामान सुविधाएं दी जाती हैं |
यह व्यवस्था भारत ने करीब 18 देशों के साथ की है | इन देशों में, अफ़ग़ानिस्तान, बहरीन, कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इराक, जापान, केन्या, ओमान, क़तर, यूक्रेन और संयक्त राष्ट्र अमेरिका के अलावा अन्य देश शामिल हैं | पूरी सूची यहां पढ़ें |
इन देशों से आने वाले विमानों और भारत से इन देशों में जाने वाले विमानों में यात्रा कर रहे यात्रियों को यह ध्यान देना ज़रूरी है कि उनके पास गंतव्य देश के वैद्य डाक्यूमेंट्स हो, वैद्य वीसा हो और महामारी के बाद जारी निर्देशों के हिसाब से यात्री उस देश में यात्रा करने के लिए सक्षम हो | ज़्यादा जानकारी के लिए यहां और यहां पढ़ें |