सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की युवाअवस्था की एक कथित तस्वीर बड़े पैमाने पर शेयर की जा रही है. इस ब्लैक एंड व्हाईट तस्वीर में वह हाथ में जलती हुई सिगरेट लिए खड़ी हैं.
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि सोनिया गांधी की यह तस्वीर फर्जी है और इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एडिटिंग टूल की मदद से बनाया गया है.
हमें पड़ताल के दौरान मूल तस्वीर मिली. इस तस्वीर में सोनिया गांधी का नहीं बल्कि एक अन्य महिला का चेहरा था. हमने पाया कि एआई फेस स्वैप टूल के जरिए सोनिया गांधी के चेहरे को उस महिला मॉडल के चेहरे के साथ रिप्लेस कर दिया गया है.
इस फेक तस्वीर के एक्स पर दक्षिणपंथी यूजर भगवा क्रांति ने शेयर किया और लिखा, 'पहचानने वाले को 8500 मिलेंगे खटा खट टका टक.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फेसबुक पर भी यह तस्वीर इसी दावे से वायरल है.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
वायरल तस्वीर को गौर से देखने पर हमें नीचे बाईं ओर "रीमेकर" लिखा वॉटरमार्क दिखा.
गूगल सर्च करने पर बूम ने पाया कि रीमेकर एक एडिटिंग टूल है. यह टूल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से फोटो तथा वीडियो में चेहरा बदलने और तस्वीर जेनेरेट करने जैसे विभिन्न काम करता है.
रीमेकर टूल की बारे में जानने के बाद हमें अंदेशा हुआ कि संभवतः वायरल तस्वीर फेस स्वैप के उपयोग से बनाई गई है और मूल तस्वीर के चेहरे को सोनिया गांधी के चेहरे से बदल दिया गया है.
मूल तस्वीर तक पहुंचने के लिए हमने वायरल तस्वीर को गूगल लेंस पर रिवर्स इमेज सर्च किया. इसके जरिए हमें 26 फरवरी 2013 की Tumblr पर अपलोड की गई एक तस्वीर मिली.
Tumblr पर अपलोड की गई इस तस्वीर में फोटोग्राफर के नाम, 'फरजाद' का वॉटरमार्क भी मौजूद था. तस्वीर के साथ दिए गए डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह तस्वीर फरजाद सरफराजी द्वारा 2012 में ली गई थी. इसका शीर्षक था- गज़ाले.
नीचे वायरल तस्वीर और Tumblr पर अपलोड की गई तस्वीर की तुलना की गई है. इस तुलना में स्पष्ट देखा जा सकता है कि चेहरे को छोड़ दें तो यह दोनों तस्वीरें समान हैं.
इसके अलावा, वायरल तस्वीर को ध्यान से देखें तो उसके चेहरे की बनावट वास्तविक नहीं लगती. चेहरे पर इसतरह की चमक आमतौर पर एआई जनित तस्वीरों में देखी जाती है.