सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक पुरुष पुलिसकर्मी महिला को डंडे से बेहरमी से पीटता नज़र आ रहा है. वीडियो को छत्तीसगढ़ का बताकर दावा किया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ पुलिस महिला प्रदर्शनकारियों पर जल्लाद की तरह प्रहार कर रही है.
सोशल मीडिया यूज़र्स इसे छत्तीसगढ़ का मानकर कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए शेयर कर रहे हैं. गौरतलब है कि आगामी महीनों में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो 2019 में झारखंड के रांची शहर का है. इसका छत्तीसगढ़ से कोई सम्बन्ध नहीं है.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "छत्तीसगढ़ की महिलाओं के साथ शर्मसार करने वाली घटना.. इस तरह के दृश्य अंतरात्मा को झकझोरते है कोई इतना बेरहम कैसे हो सकता है प्रदर्शनकारी महिलाओ पर जल्लाद बनकर ऐसा प्रहार को क्या कहेंगे?"
एक्स (पूर्व में ट्विटर ) पर भी यह वीडियो छत्तीसगढ़ के दावे से शेयर की जा रही है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से कीफ्रेम निकालकर सर्च किया तो सितम्बर 2019 की स्क्रॉल की इस घटना को कवर करती हुई रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक़, '24 सितंबर को, झारखंड पुलिस के जवानों ने रांची में महिला आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ कार्यकर्ताओं की पिटाई की. विरोध प्रदर्शन के 40वें दिन एक वीडियो जिसमें पुलिसकर्मी एक महिला को डंडे से पीट रहा है, वायरल हो गया. फुटेज में महिला पुलिसकर्मी नज़र नहीं आ रही हैं'.
रिपोर्ट में खुद को महागामा से विधायक बताने वाली दीपिका सिंह पाण्डेय का 24 सितंबर 2019 का ट्वीट मिला. ट्वीट में सलंग्न वीडियो में वायरल वीडियो का हिस्सा भी देख सकते हैं.
25 सितंबर 2019 की क्विंट हिंदी की वीडियो रिपोर्ट के अनुसार "झारखंड के रांची में राजभवन के निकट प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने डंडे बरसाए हैं. इन महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का ये 40वां दिन था. महिला प्रदर्शनकारी को पुरुष पुलिसकर्मी द्वारा पीटने के मामले में रांची के एसएसपी अनीष गुप्ता ने जांच के आदेश दिए हैं."
प्रभात खबर की 24 सितम्बर 2019 की रिपोर्ट में कहा गया कि झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले 16 अगस्त से ही आंगनबाड़ी सेविकाएं आंदोलन कर रही हैं. इसके तहत सेविकाओं को 1400 रुपये की जगह 5000 रुपये मानदेय देने, लघु आंगनबाड़ी सेविकाओं को 700 रुपये की जगह 2500 रुपये देने और सभी को स्वास्थ्य बीमा के लाभ से जोड़ने की मांग की जा रही है'. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि रेडियम रोड में लगाये गये बैरिकेडिंग के पास पुलिस ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को रोक दिया. इसे लेकर सेविकाओं और पुलिस के बीच झड़प हो गयी, जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया.
इस मामले पर राज्य की तत्कालीन रघुवर दास की बीजेपी सरकार को घेरते हुए नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कड़ी आलोचना की और दोषी पुलिसकर्मियों पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की थी.
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