सोशल मीडिया पर नशे में धुत एक व्यक्ति का वीडियो वायरल है. जिसमें व्यक्ति बीच सड़क पर एक बाघ को प्यार से सहलाता हुआ दिखाई दे रहा है और बाघ ने व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह घटना मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व क्षेत्र की है जो सीसीटीवी में कैद हो गई थी.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो एआई जनरेटेड है, एआई डिटेक्टर टूल्स ने वीडियो के एआई जनरेटेड होने की पुष्टि की है.
क्या है वायरल दावा :
वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि यह दृश्य मध्य प्रदेश के पेंच इलाके का है, जहां राजू पटेल नाम का एक व्यक्ति, जो कथित तौर पर देसी शराब के नशे में था, एक बंगाल टाइगर को बिल्ली समझकर सहलाने लगा.
वीडियो के साथ लगाए गए कैप्शन में एक कहानी बताई जा रही है, जिसके अनुसार राजू नाम के व्यक्ति ने बाघ को अपनी शराब की बोतल से शराब पिलाने की कोशिश भी की, बाघ ने राजू पर कोई हमला नहीं किया. आगे कैप्शन में कहा गया कि बाद में वन विभाग के अधिकारियों ने बाघ को बेहोश करने के बाद सुरक्षित तरीके से वापस जंगल पहुंचा दिया.
फेसबुक पेज से वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है, "4 अक्टूबर 2025 को पेंच में एक अजीबो-गरीब पल सीसीटीवी में कैद हो गया, 52 वर्षीय मजदूर राजू पटेल...नशे में धुत्त होकर घर लौट रहा था...रास्ते में... एक जवान बाघ बैठा था, राजू ने नशे में बाघ को "बड़ी बिल्ली" समझकर उसके साथ खेलना-दुलारना चालू कर दिया..." आर्काइव लिंक
पड़ताल में क्या मिला :
वायरल दावे की जांच के लिए हमने संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया. हमें वायरल दावे की पुष्टि करने वाली एक भी विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली.
पुलिस ने किया वीडियो का खंडन
अधिक जानकारी के लिए हमने मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के पुलिस कंट्रोल रूम में संपर्क किया. सिवनी के पुलिस अधीक्षक (SP) कार्यालय ने इस तरह की किसी भी घटना की जानकारी होने से इंकार किया.
मीडिया आउटलेट The Sootr ने भी इस दावे की पुष्टि के लिए पेंच टाइगर रिजर्व के उप निदेशक रजनीश सिंह से संपर्क किया. जिन्होंने बताया कि वायरल वीडियो पेंच का नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि किसी बाघ के साथ ऐसी स्थिति तभी संभव हो सकती है जब वह पालतू (domesticated) हो और जंगल में ऐसा होना असंभव है.
वीडियो में कई विसंगतियां
अपनी जांच में हमें साफ विजुअल वाला वीडियो भी मिला. वीडियो में कई विसंगतियां दिखाई दे रही हैं. इसके बैकग्राउंड में अस्पष्ट वस्तुओं को देखा जा सकता है, जो हिलती हुई प्रतीत हो रही हैं. इसके अलावा बाघ के सिर पर हाथ फेर रहे व्यक्ति के हाथों की अंगुलियां विक्षिप्त दिखाई दे रही हैं. शराब की बोतल का ऊपरी हिस्सा कभी गायब हो रहा है कभी फिर से दिखाई दे रहा है. वीडियो के एआई जनरेटेड होने की संभावना प्रतीत हो रही है.
एआई डिटेक्शन टूल्स ने की पुष्टि
हमने वीडियो को Deepfake-O-Meter एआई डिटेक्शन टूल पर चेक किया. जिसे University at Buffalo की Media Forensics Lab ने विकसित किया है. टूल ने वीडियो के एआई जनरेटेड होने की प्रबल संभावना बताई है.
हमने Deepfakes Analysis Unit (DAU) में अपने पार्टनर से भी सलाह ली. DAU ने वीडियो को Is It AI और AI Or Not जैसे एआई डिटेक्शन टूल्स पर चेक किया. दोनों टूल्स ने वीडियो के एआई जनरेटेड होने की संभावना लगभग 69% बताई है.
पेंच टाइगर रिजर्व के उप निदेशक रजनीश कुमार सिंह ने किया वीडियो का खंडन
पेंच टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के उप निदेशक रजनीश कुमार सिंह ने बूम से बातचीत में कहा, "यह वीडियो तीन दिन पहले वायरल होना शुरू हुआ लेकिन ओरिजनल पोस्ट में कहीं भी मध्य प्रदेश का जिक्र नहीं था. बाद में इसमें सिवनी, मध्य प्रदेश जोड़कर शेयर किया जाने लगा." गौरतलब है कि पेंच टाइगर रिजर्व का एक मुख्यालय नागपुर में भी स्थित है.
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि वीडियो को लेकर उनके पास किसी स्थानीय व्यक्ति का कॉल नहीं आया. रजनीश आगे कहते हैं कि वीडियो को देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाया गया है जैसे कि, "दोनों परछाइयां एक तरफ आ रही है,वीडियो एक सीसीटीवी फुटेज है और सड़क पर लगे सीसीटीवी का एक्सेस पुलिस या स्थानीय प्रशासन को ही होगा न कि साधारण व्यक्ति को.वहीं अगर इस तरह के वीडियो वास्तविक होते तो उनकी ड्यूरेशन लंबी होती. वायरल वीडियो सिर्फ 5-6 सेकंड का है."
शेफाली श्रीवास्तव से मिले इनपुट के साथ


