सोशल मीडिया पर यूनियन मिनिस्टर नितिन गडकरी के प्रधानमंत्री मोदी और शंकराचार्यों से संबंधित एक कथित बयान की तस्वीर गलत दावों के साथ शेयर की जा रही है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि ये बयान उन्होंने नहीं दिए, वायरल दावा फेक है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के संदर्भ में इस तरह के बयान नहीं दिए.
तस्वीर में गडकरी जी की फोटो के साथ उनके हवाले से बयान को कोट करते हुए लिखा गया है कि "जिसने 5 साल में मुझे एक भी एक्सप्रेस वे का उद्घाटन नहीं करने दिया, रेलमंत्री को वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी नहीं दिखाने दिया, वो किसी महंत या शंकराचार्य को राम मंदिर का उद्घाटन करने देगा?"
गौरतलब हो कि आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के लिए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी समेत देश-दुनिया के तमाम बड़ी हस्तियों को आमंत्रित किया गया है. इसका उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे. इसबीच विभिन्न शंकरचार्यों नाम भी काफी चर्चा में है.
शंकराचार्य, हिंदू दार्शनिक और धर्मगुरु हैं, जिनका उद्देश्य हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के घोषणा के बाद से ही विभिन्न शंकराचार्यों ने इस पर अपना पक्ष रखा. इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर कुछ इसके पक्ष में हैं तो कुछ इसके विपक्ष में.
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती समेत कई शंकराचार्यों ने कहा कि 'ये आयोजन शास्त्रों के अनुसार नहीं हो रहा है'. राम मंदिर अभी अधूरा है, चुनाव के मद्देनजर इसको जल्दी-जल्दी किया किया जा रहा है. इसलिए वो इसमें शामिल नहीं होंगे.
ऑनलाइन प्लेटफार्म फेसबुक पर कई यूजर्स, गडकरी के इस कथित बयान को इसी से जोड़कर शेयर कर रहे हैं. यहां, यहां देखें.
फैक्ट चेक
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले बूम ने नितिन गडकरी के राम मंदिर और प्रधानमंत्री मोदी से जुड़े हालिया बयानों के बारे में सर्च किया. हमें ऐसे किसी बयान से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री मोदी के संबंध में ऐसी बात कही हो. रिपोर्ट्स के मुताबिक हालिया बयानों में उन्होंने 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम और प्रधानमंत्री मोदी के बारे में सकारत्मक बाते ही कही हैं.
आगे हमने वायरल बयान, प्रधानमंत्री मोदी, राम मंदिर, प्राण प्रतिष्ठा आदि से संबंधित कुछ कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया, वहां भी हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें ऐसे किसी बयान का ज़िक्र हो.
पुष्टि के लिए हमने यूनियन मिनिस्टर नितिन गडकरी के सोशल मीडिया हैंडल्स की पड़ताल की. वहां भी इससे संबंधित कोई पोस्ट मौजूद नहीं था.
इसपर प्रतिक्रिया के लिए हमने नितिन गडकरी के ऑफिस से भी संपर्क किया. हमें अभी उनका रिप्लाई नहीं आया है, प्रतिक्रिया मिलने पर हम अपडेट करेंगे.