सोशल मीडिया पर एक शख्स के साथ बदतमीजी करते और उसे इस्तीफा देने के लिए मजबूर करते कुछ लोगों का एक वीडियो वायरल है. इसे बांग्लादेश के मौजूदा हालात से जोड़ते हुए दावा किया जा रहा है कि वहां एक हिंदू शिक्षक का अपमान करके उससे जबरन इस्तीफा लिया गया.
बूम ने अपने फैक्ट चेक में इसे गलत पाया. वीडियो में दिख रहा शख्स शिक्षक नहीं बल्कि बांग्लादेश के चापाईनवाबगंज नगर पालिका के इंजीनियर तौफीक इस्लाम हैं. उनके कार्यालय में सिगरेट पकड़े जाने की वजह से प्रदर्शनकारियों का गुट उनके साथ बदसलूकी कर रहा था.
संयुक्त संघ की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से जारी हिंसा में 650 जानें गई हैं. इस दौरान वहां हिंदू समुदाय के लोग भी इस हिंसा की चपेट में आए. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले से जोड़कर आए दिन इस तरह की गलत सूचनाएं शेयर की जा रही हैं, इस कड़ी में यह वीडियो भी वायरल है.
इस वीडियो में प्रदर्शनकारियों का एक ग्रुप एक शख्स के साथ बदसलूकी करता दिख रहा है. इस प्रक्रिया में वे उसकी तलाशी लेते हैं और फिर उनकी शर्ट के कॉलर में सिगरेट के डिब्बे ठूंस देते हैं.
वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए कई दक्षिणपंथी यूजर ने इसे शेयर किया है. फेसबुक पर एक यूजर ने वीडियो के साथ लिखा, 'बांग्लादेश में एक और हिंदू शिक्षक को मुस्लिम छात्रों द्वारा अपमानित किया गया, जिन्हें वह कभी पढ़ाते थे और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. हर दिन, बांग्लादेश में हजारों हिंदुओं पर त्यागपत्र पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला जा रहा है. साथ मे जजिया कर लागू कर दिया गया है. उनका उद्देश्य बांग्लादेश में काम कर रहे सभी 2 करोड़ हिंदुओं को हटाना है.' #AllEyesOnBangladeshiHindus.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
एक्स पर बीजेपी से जुड़े मनीष कश्यप ने वीडियो के साथ लिखा, 'सभी अध्यापक प्रधानाचार्य प्रोफेसर रीडर डीन विभागाध्यक्ष और वाइस चांसलर बांग्लादेश का यह वीडियो देखकर बताएं कि जिन्हें पढ़ाया था वे बेईज्जत करके इस्तीफा क्यों ले रहे हैं? क्या मजहब ही सिखाता है आपस में बैर रखना? क्या यह स्थिति भारत में आ सकती है? मूल कारण और स्थाई समाधान क्या है?'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
वायरल पोस्ट के कमेंट सेक्शन में कई यूजर्स ने दावे का खंडन करते हुए शख्स का नाम इंजीनियर तौफीक इस्लाम बताया था. इसके साथ उन्होंने घटना से संबधित खबर का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया था.
यहां से संकेत लेकर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स सर्च किए. इसके जरिए हमें बीडी न्यूज 24 की 21 अगस्त 2024 की एक रिपोर्ट मिली, इसमें घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई थी. रिपोर्ट के अनुसार यह घटना 19 अगस्त 2024 की है.
रिपोर्ट में बताया गया कि बांग्लादेश के चापाईनवाबगंज नगर पालिका के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर तौफीक इस्लाम के ऑफिस में सिगरेट मिलने पर युवकों ने उनका अपमान किया और उनसे सफेद कागज पर जबरन इस्तीफे की भी मांग की. इस दौरान तौफीक बेहोश हो गए जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया.
नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी मामून और राशिद ने बीडी न्यूज 24 को बताया गया कि असल में वे मेयर से इस्तीफा मांगने आए थे. चापाईनवाबगंज नगर पालिका के मेयर मोखलेशुर रहमान अवामी लीग से जुड़े थे जो सरकार गिरने के बाद 18 अगस्त को अपने कार्यालय चले गए थे.
इन युवाओं का नेतृत्व इस्माइल हुसैन सिराजी कर रहे थे. सिराजी बांग्लादेश को नशामुक्त करने की बात करते हुए तौफीक से इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
बीडी न्यूज 24 से बातचीत के दौरान घटना के संदर्भ में पूछने पर सिराजी ने कहा, "वह कार्यालय असल में भ्रष्टाचार का अखाड़ा है. छात्र आंदोलन के बाद ये लोग छात्रों पर दबाव बना रहे हैं. उन्हें शांत करने के लिए हमने ऐसा कदम उठाया."
रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलते हुई तस्वीर देखी जा सकती है. इससे साफ है कि मुस्लिम इंजीनियर के साथ की गई बदसलूकी के वीडियो को हिंदू शिक्षक पर हमले का बताकर शेयर किया जा रहा है.
बांग्ला ट्रिब्यून की एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि इस गुट ने उसी दिन दो अन्य नगर निगम अधिकारियों को भी सफेद कागज पर इस्तीफा लिखने को मजबूर किया था.
इसके अलावा स्वदेश प्रतिदिन और न्यूज प्रतिदिन के यूट्यूब चैनल पर भी इस घटना से संबंधित वीडियो रिपोर्ट मौजूद है. 19 अगस्त को अपलोड किए गए न्यूज प्रतिदिन के वीडियो के साथ बताया गया कि यह चापाईनवाबगंज नगर पालिका में एंटी डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट्स कैंपेन का वीडियो है.
इस वीडियो में वायरल वीडियो वाले हिस्से के साथ-साथ इंजीनियर तौफीक इस्लाम का अस्पताल में भर्ती होने वाला दृश्य भी देखा जा सकता है.
नीचे वायरल वीडियो के विजुअल्स के साथ न्यूज रिपोर्ट्स में मौजूद विजुअल्स की तुलना की गई है.
इसके अतिरिक्त बूम की बांग्लादेश टीम ने एक प्रदर्शनकारी छात्र और अभिभावक से भी बात की. उन्होंने बूम को बताया कि अजीमपुर सरकारी गर्ल्स स्कूल और कॉलेज के पांच शिक्षकों- गीतांजलि बरुआ, गौतम चंद्र पाल, अब्दुर्रहीम, मोहम्मद हुसैन और शहनाज बेगम को छात्रों ने जबरन इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया.
प्रदर्शनकारी छात्र और अभिभावक के अनुसार, अलग-अलग समुदाय से आने वाले इन शिक्षकों पर छात्रों को अपने निजी कोचिंग सेंटर में दाखिला लेने के लिए मजबूर करना, कोचिंग सत्र के दौरान एग्जाम पेपर बांटना और अन्य भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप था. इन्हीं आरोपों कारण उन पर पद छोड़ने के लिए दबाव डाला गया था. हालांकि वायरल वीडियो का संबंध इस घटना से नहीं है.
(एडिशनल रिपोर्टिंग : बूम बांग्लादेश से अमीर शाकिर और तौसीफ अकबर)