लद्दाख स्थित नेशनल हाइवे 44 के दावे से अलग-अलग पुलों के कई सारे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. बूम ने अपनी पड़ताल के दौरान पाया कि ये वीडियो चीन स्थित पुल के हैं, जिन्हें गलत तरीके से भारत का बताकर शेयर किया जा रहा है.
गौरतलब है कि NH-44, जिसे इसके पुराने नाम NH-7 से भी जाना जाता है. यह भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है. यह जम्मू -कश्मीर के उत्तरी सिरे श्रीनगर से भारत के दक्षिणी सिरे कन्याकुमारी तक को जोड़ता है. NH-44 कुल 11 भारतीय राज्यों- जम्मू -कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु से होकर गुजरता है.
नीचे हमने नेशनल हाइवे 44 के नाम पर शेयर किए जा रहे है वीडियो क्लिप्स की एक-एक कर पड़ताल की है.
क्लिप: एक
पोस्ट का लिंक/आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें चीन की न्यूज एजेंसी 'चाइना डेली' के आधिकारिक एक्स पर समान विजुअल वाला एक पोस्ट मिला. चाइना डेली के मुताबिक यह चीन के सिचुआन प्रांत में स्थित 'याक्सी हाईवे' है. इसे 'स्काई लैडर हाईवे' के नाम से भी जाना जाता है.
इस पुल से संबंधित रिपोर्ट यहां, यहां और यहां देखी जा सकती है. china.org.cn के एक लेख के अनुसार, याक्सी हाइवे दक्षिण-पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत में याआन और शीचांग को जोड़ता है. इस हाइवे की लंबाई 240 किलोमीटर है.
क्लिप: दो
पोस्ट का लिंक/ पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
दूसरी क्लिप के कीफ्रेम रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें कई ऐसे सोर्स मिले जिनमें बताया गया कि यह चीन का 'बेइपानजियांग ब्रिज' है, जो युन्नान और गीझोऊ प्रांतों को जोड़ता है.
इस पुल के विजुअल्स के साथ संबंधित रिपोर्ट यहां, यहां और यहां देखी जा सकती है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन स्थित यह ब्रिज गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल ब्रिज के रूप में दर्ज है.
क्लिप : तीन
पोस्ट का लिंक/ पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
तीसरे वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर m.ctrip.com पर हमें इस पुल के कई क्लिप मिले, जिनमें इसे चीन के सिदु नदी पर स्थित एनशी ब्रिज का बताया गया था.
atlasobscura.com के अनुसार, सिदु नदी पर बना यह पुल घाटी की तल से 1600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसे इसे रॉकेट की मदद से बनाया गया था.
चाइना डेली और बीबीसी अर्थ समेत कई मीडिया आउटलेट्स में चीन स्थित इस पुल के बारे में विस्तृत जानकारी मौजूद है.
इन रिपोर्ट्स से स्पष्ट है कि चीन स्थित पुलों के वीडियो को भारत का बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.