बांग्लादेश के पुलिसकर्मियों द्वारा एक व्यक्ति को हिरासत में लिए जाने और उसके गिड़गिड़ाने का वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे से वायरल है कि यह दीपू चंद्र दास का आखिरी समय का वीडियो है.
बूम ने जांच में पाया कि यह वीडियो नवंबर 2025 में देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हुए एक प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए ढाका कॉलेज के छात्र अब्दुल मोमिन का है. बांग्लादेश के एक पुलिस अधिकारी ने भी बूम से पुष्टि की कि इस वीडियो का दीपू चंद्र दास से कोई संबंध नहीं है.
गौरतलब है कि 18 दिसंबर 2025 की रात बांग्लादेश के मयमनसिंह के भालुका इलाके में गुस्साई भीड़ ने कथित तौर पर ईशनिंदा के आरोप में एक गारमेंट वर्कर दीपू चंद्र दास को पीट-पीटकर मार डाला और उसके शव को आग के हवाले कर दिया.
भारत ने मॉबलिंचिंग के इस मुद्दे को उठाते हुए ‘बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों' पर चिंता जाहिर की और ढाका, चटगांव और खुलना में स्थित वाणिज्य दूतावासों को बंद कर दिया. वहीं 18 दिसंबर 2025 को युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन भी भड़क गए. प्रदशर्नकारियों ने ढाका में स्थित अखबारों के दफ्तरों और संसद भवन को भी निशाना बनाया.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल
भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव तजिंदर बग्गा ने अपने एक्स अकाउंट पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘दीपू चंद्र दास लगातार रोता रहा, गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन बांग्लादेशी पुलिस ने उसे कट्टर मुस्लिम भीड़ के हाथों मरने के लिए सौंप दिया. दीपू बार-बार कहता रहा - सर, मैं निर्दोष हूं. सर, मैं निर्दोष हूं. सर, मैंने कुछ भी गलत नहीं किया.’ (आर्काइव लिंक)
फेसबुक पर एक यूजर (आर्काइव लिंक) ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'दीपू चंद्र दास के मरने के पहले का अंतिम वीडियो आ गया है. खुद बांग्लादेश के पुलिसकर्मी दीपू चंद्र दास को हजारों की वहशी दरिंदी भीड़ को सौंपने जा रही है. दीपू चंद्र दास रो रहे हैं वह कह रहे हैं कि मैं कोई गलती नहीं कि मुझे फंसाया जा रहा है.' इंस्टाग्राम (आर्काइव लिंक) पर भी इसी दावे से यह वीडियो वायरल है.
पड़ताल में क्या मिला
नवंबर 2025 की मीडिया रिपोर्ट
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले बांग्ला कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया. हमें बांग्लादेशी न्यूज आउटलेट Bhorer Kagoj Live के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 18 नवंबर 2025 को शेयर किया गया यह वीडियो मिला. वीडियो रिपोर्ट में पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए इस व्यक्ति की पहचान ढाका कॉलेज के एक छात्र के रूप में की गई.
वीडियो में दिख रहा व्यक्ति एक टीशर्ट पहने दिखाई देता है जिस पर ढाका कॉलेज का लोगो और ‘Momin’ नाम लिखा हुआ है. वीडियो में वह बांग्ला भाषा में पुलिस अधिकारियों से यह निवेदन करता हुआ सुनाई देता है कि वह ढाका कॉलेज से है और किसी भी विरोध प्रदर्शन से उसका कोई संबंध नहीं है. वीडियो में एक पुलिस अधिकारी उसे वहां से चले जाने के लिए कहता दिखता है और एक अन्य व्यक्ति पुलिस से बात करते हुए बताता है कि वे सभी कैंपस से हैं.
हमें इसी घटना का एक स्थानीय बांग्लादेशी न्यूज आउटलेट NPB News पर एक लंबा वीडियो भी मिला. इस वीडियो में वह व्यक्ति अपना नाम अब्दुल मोमिन बताता है. बाद में एक पुलिस अधिकारी उसे रिक्शा ढूंढने में मदद करता हुआ भी दिखाई देता है क्योंकि उसे चोट लगी हुई थी.
Prothom Alo की रिपोर्ट के अनुसार, 17 नवंबर को ढाका के धनमंडी 32 इलाके में शेख हसीना से जुड़े मानवता के खिलाफ अपराध के मामले के फैसले को लेकर पुलिस और लोगों के बीच झड़प हुई थी. NTV News के मुताबिक यह टकराव रात भर जारी रहा क्योंकि छात्र और अन्य लोग दो बुल्डोजर लेकर धनमंडी 32 में स्थित शेख मुजीबुर रहमान के घर को ढहाने के लिए पहुंचे थे हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
वीडियो दीपू चंद्र दास का नहीं, बांग्लादेश पुलिस की पुष्टि
अधिक स्पष्टिकरण के लिए बूम बांग्लादेश ने ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) के अतिरिक्त महानिरीक्षक (AIG) शाहादत हुसैन से संपर्क किया. हुसैन ने बूम बांग्लादेश को पुष्टि की कि वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति दीपू चंद्र दास नहीं है.
(मामून अब्दुल्ला, बूम बांग्लादेश की अतिरिक्त रिपोर्टिंग के साथ)


