सोशल मीडिया पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान के दावे से एक वीडियो वायरल है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी ने पाकिस्तान की लोकतांत्रिक व्यवस्था को भारत से बेहतर बताया.
वीडियो में राहुल गांधी कहते हुए दिख रहे हैं, "पाकिस्तान में होने वाले चुनाव यहां (भारत) के चुनाव से ज्यादा विश्वसनीय हैं..."
बूम ने जांच में पाया कि वीडियो एडिटेड है. वीडियो के एक हिस्से के साथ एआई के जरिए छेड़छाड़ करते हुए इसमें वॉइस क्लोन को अलग से जोड़ा गया है. यह वीडियो भारत के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के खिलाफ सोशल मीडिया पर संचालित दुष्प्रचार अभियान से जुड़ा है.
क्या है वायरल दावा :
@InsiderWB नाम के एक्स हैंडल ने वीडियो को अंग्रेजी कैप्शन के साथ पोस्ट किया था. जिसका हिंदी अनुवाद है, “ब्रेकिंग न्यूज : राहुल गांधी ने मोदी पर भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाया. पाकिस्तान में भी भारत से बेहतर लोकतांत्रिक व्यवस्था है. मोदी ने बड़े पैमाने पर धांधली की है और भारत पूरी तरह से तानाशाही में बदल रहा है." आर्काइव लिंक
@InsiderWB हैंडल ने पहले भी भारतीय सैन्य अधिकारियों के एआई के जरिए एडिट किए गए वीडियो शेयर किए गए हैं. बूम ने पहले भी इस तरह के झूठे और पाकिस्तान समर्थक दावे वाले वीडियो का फैक्ट चेक किया है.
पड़ताल में क्या मिला :
एआई डिटेक्शन टूल ने वॉइस ओवर को डीपफेक बताया
वीडियो के जिस हिस्से में राहुल गांधी पाकिस्तान का जिक्र कर रहे हैं उसमें उनकी आवाज में स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है. इससे वीडियो के वॉइस ओवर में छेड़छाड़ किए जाने की संभावना प्रतीत हो रही है.
हमने वीडियो को एआई डीपफेक डिटेक्शन टूल Hiya Deepfake Voice Detector पर चेक किया. टूल ने इस आवाज को 3/100 का प्रामाणिकता स्कोर दिया. यह वॉइस ओवर के डीपफेक होने की प्रबल संभावना को बताता है.
राहुल गांधी का मूल भाषण
हमने राहुल गांधी द्वारा 9 दिसंबर 2025 को लोकसभा में दिए गए भाषण को पूरा सुना. राहुल ने अपने भाषण में पाकिस्तान का कोई जिक्र नहीं किया है और न ही उन्होंने पाकिस्तान की लोकतांत्रिक व्यवस्था की तुलना भारत से की. भाषण में राहुल ने वोट चोरी के आरोपों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करने का आरोप लगाया. इस दौरान उन्होंने चुनाव आयोग, शिक्षा से जुड़ी संस्थाओं, खुफिया एजेंसियों, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग जैसी संस्थाओं का उल्लेख किया था.


