दीपावली की रात अंतरिक्ष से भारत के नजारे के दावे से एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. तस्वीर में विभिन्न रंगों से चमचमाते हुए भारत के नक्शे को देखा जा सकता है.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल तस्वीर दिवाली की रात की सैटेलाइट तस्वीर नहीं है. तस्वीर भारत के शहरों में 1992 के पहले से लेकर 2003 तक के बीच बढ़ी शहरों की रोशनी के माध्यम से बढ़ती हुई आबादी को रेखांकित कर रही है.
क्या है वायरल दावा :
फेसबुक पेज से तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा गया है, 'दिवाली की रात जब पूरा भारत दीपों से जगमगाता है, तो यह दृश्य किसी जादू से कम नहीं लगता. अंतरिक्ष से देखने पर भारत मानो एक चमकते रत्न की तरह दिखाई देता है..." आर्काइव लिंक
एक्स पर भी यह तस्वीर इसी दावे के साथ वायरल है. आर्काइव लिंक
पड़ताल में क्या मिला :
वायरल तस्वीर के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें वायरल तस्वीर के संबंध में जानकारी देने वाली BBC BITESIZE और Weather Channel की रिपोर्ट मिली.
अमेरिका की वैज्ञानिक एजेंसी NOAA द्वारा जारी तस्वीर
रिपोर्ट में वायरल तस्वीर को अमेरिका की वैज्ञानिक एजेंसी राष्ट्रीय महासागरीय एवं वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) द्वारा लिया गया बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार यह तस्वीर NOAA द्वारा बनाई गईं कई अलग-अलग इमेज का कॉम्बिनेशन है. इन इमेज के द्वारा भारत में 1992 से 2003 के बीच शहरों में दिखने वाली रोशनी में आए बदलाव को दिखाते हुए भारत में बढ़ती आबादी को दिखाना था.
2012 से गलत दावे से वायरल हो रही तस्वीर
हिंट मिलने के बाद हमने संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया. हमें वायरल तस्वीर के संबंध में नासा द्वारा साझा की गई जानकारी भी मिली. 2012 में भी वायरल तस्वीर को भारत में दिवाली की रात की सैटेलाइट तस्वीर के दावे के साथ शेयर किया गया था. 2012 से यह तस्वीर अमूमन हर साल दिवाली की रात की भारत की सैटेलाइट तस्वीर के दावे से शेयर की जाती है.
भारत में बढ़ी आबादी को प्रदर्शित कर रही तस्वीर
नासा के अनुसार, यह तस्वीर अमेरिका के रक्षा मौसम विज्ञान उपग्रह कार्यक्रम (DMSP) सैटेलाइट से मिली जानकारी पर आधारित है. इसे 2003 में NOAA के वैज्ञानिक क्रिस एल्विज ने बनाया था. इसे यह दिखाने के लिए बनाया गया था कि समय के साथ भारत में आबादी कैसे बढ़ी है. तस्वीर में चमकता सफेद हिस्सा उस रौशनी को दिखा रहा है जो 1992 से पहले से ही मौजूद थी, बाद में दिखने वाली रौशनियों को अलग-अलग रंगों से दिखाया गया है. नीली रौशनी 1992 तक के लिए, हरी रौशनी 1998 तक के लिए और लाल रोशनी 2003 तक के लिए संकेत करती है. इसका मतलब है कि जहां भी नीला, हरा या लाल रंग है, वहां नए शहर बसे हैं या पुराने शहर और ज्यादा फैल गए हैं.
इसके साथ ही नासा ने यह भी बताया है कि दिवाली के समय जो अतिरिक्त रौशनी होती है, वह इतनी हल्की होती है कि उसे अंतरिक्ष से देख पाना लगभग असंभव है.
संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें NOAA की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की गई मूल तस्वीर भी मिली. इसी तस्वीर को एडिट करते हुए दिवाली की रात की तस्वीर बताकर शेयर किया जा रहा है .
Source : https://www.ngdc.noaa.gov/ngdc.html


