सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें एक शख्स देवी गीत- ‘या देवी सर्वभूतेषु’ और 'अल्लाह-हू-अकबर' एक साथ गाता नजर आ रहा है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह पश्चिम बंगाल में नवरात्रि के दौरान दुर्गा आरती का वीडियो है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. यह हाल में बीते दुर्गा पूजा के दौरान दुर्गा आरती का वीडियो नहीं बल्कि तृणमूल कांग्रेस द्वारा 2023 में आयोजित शहीद दिवस कार्यक्रम का वीडियो है.
सोशल मीडिया पर कई दक्षिणपंथी यूजर्स ने इस पुराने वीडियो को शेयर करते हुए ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है. एक्स पर एक यूजर ने इसके साथ लिखा, 'ये पश्चिम बंगाल है, यदि आप भी चाहते हैं कि नवरात्रि में माता रानी की ऐसी आरती आपके यहां भी हो तो भाजपा को छोड़कर किसी को भी वोट कर सकते हैं. मर्जी आपकी.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे से वायरल है. इसके अलावा, हमें यह वीडियो बूम के टिपलाइन नंबर पर भी इसी समान कैप्शन के साथ प्राप्त हुआ.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो दुर्गा आरती का नहीं है
वायरल वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें एक्स पर साल 2023 के ऐसे कई पोस्ट मिले, जिनमें इसे तृणमूल कांग्रेस की रैली का बताया गया था. तब एक्ट्रेस और भाजपा नेता रूपा गांगूली ने भी इस वीडियो को शेयर किया था.
यहां से संकेत लेकर हमने तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इस आयोजन से जुड़े वीडियो की तलाश की. इस दौरान हमें 21 जुलाई 2023 को शेयर किया गया यह लाइव वीडियो मिला, इसके डिस्क्रिप्शन के अनुसार यह वीडियो पश्चिम बंगाल में जुलाई 2023 में तृणमूल कांग्रेस द्वारा आयोजित किए गए शहीद दिवस कार्यक्रम का वीडियो है.
लगभग साढ़े तीन घंटे के इस लाइव वीडियो में 35 मिनट पर गायक शांतनु रॉय चौधरी मंच पर गाने के लिए आमंत्रित किए जाते है. शांतनु 40 मिनट पर 'अल्लाह-भागवान' गाना शुरू करते हैं. इस क्रम में 44 मिनट के बाद वह वायरल वीडियो वाला हिस्सा यानी, ‘अल्लाह हू अकबर’ और ‘या देवी सर्वभूतेषु’ गाते नजर आते हैं.
तृणमूल कांग्रेस के आधाकारिक फेसबुक पेज पर भी यह लाइव वीडियो मौजूद है. इसमें भी 43 से 45 मिनट के बीच यह हिस्सा देखा जा सकता है. इससे स्पष्ट है कि शहीद दिवस कार्यक्रम के दौरान गाए गए गाने को गलत तरीके से नवरात्रि और दुर्गा आरती से जोड़ा जा रहा है.
आपको बताते चलें तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाती है. यह उन 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की याद में मनाया जाता है, जो 21 जुलाई 1993 को राज्य सचिवालय- राइटर्स बिल्डिंग की मार्च के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए थे. इस मार्च का नेतृत्व ममता बनर्जी द्वारा किया गया था. उस समय राज्य में सीपीआईएम के नेतृत्व वाली वाममोर्चा सत्ता में थी.