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फैक्ट चेक

संभल हिंसा में मारे गए युवक के गलत दावे से जोड़कर एडिटेड तस्वीर वायरल

बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि मुस्कुरा रहे शव की वायरल तस्वीर संभल हिंसा से बहुत पहले से इंटरनेट पर मौजूद है और इसे फोटो एडिटर के स्माइल फिल्टर से एडिट किया गया है.

By - Rishabh Raj | 3 Dec 2024 4:49 PM IST

उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर एक शव की तस्वीर वायरल है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह शव संभल हिंसा में जान गंवाने वाले एक युवक का है. वायरल तस्वीर में दिख रहे शव के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट देखी जा सकती है.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर में दिख रहे शव को फोटो एडिटर के स्माइल फिल्टर से एडिट किया गया है और यह तस्वीर संभल हिंसा से पहले से इंटरनेट पर मौजूद है.

संभल में बीते 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने सात एफआईआर दर्ज की हैं. इसमें सपा सांसद और विधायक के बेटे समेत 6 नामजद और 2750 अज्ञात शामिल हैं. वहीं 27 लोगों अरेस्ट किया जा चुका है. 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'Ya Shaheed Assalam, लोगों का सपना होता है हंसी खुशी शहीद होना, भाई ने तो अपनी जान मस्जिद के लिए दे दी. ये चेहरे का नूर और खुशी बता रही है कि भाई की शहादत कुबूल हुई. अल्लाह जन्नत में आला से आला मुकाम अता फरमाए, आमीन. #Sambhal #SambhalJamaMasjid' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर भी यह तस्वीर इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)



फैक्ट चेक: वायरल तस्वीर एडिटेड और पुरानी है

बूम ने वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए जब संभल हिंसा से जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो हमें न्यूज वेबसाइट Dainik Jagran की 25 नवंबर 2024 की रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में हिंसा में मारे गए चारों लोगों की तस्वीर थी. इनमें से एक भी व्यक्ति की तस्वीर वायरल तस्वीर से मेल नहीं खाती है.


इसके बाद हमने वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए इसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें अक्टूबर के कई इंस्टाग्राम और एक्स पोस्ट मिले, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. इससे हमें पता चला कि यह तस्वीर संभल हिंसा से पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 15 अक्टूबर 2024 को वायरल तस्वीर को पोस्ट करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'अल्लाह हमें मुस्कुराते चेहरे के साथ शांतिपूर्ण मृत्यु प्रदान करें.'

इस पोस्ट के कमेंट सेक्शन में एक यूजर ने इस तस्वीर को एडिटेड बताया. साथ ही उन्होंने वायरल तस्वीर की मूल तस्वीर भी शेयर की.



इस मूल तस्वीर की पड़ताल के लिए जब हमने इसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें 13 अक्टूबर 2024 का फेसबुक पोस्ट मिला. इस पोस्ट में इस तस्वीर के अलावा 4 अन्य शवों की तस्वीर थी.

इसमें बताया गया कि ये शव पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम क्षेत्र में 12 अक्टूबर को शिया समुदाय और सुन्नी समुदाय के लोगों के बीच हुई झड़प में मारे गए लोगों के हैं.

इसके बाद इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च करने पर हमें न्यूज वेबसाइट The Hindu की 13 अक्टूबर 2024 की रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में 14 लोगों की मौत हो गई थी.


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