सोशल मीडिया पर राइट विंग अकाउंट्स ने उत्तरकाशी मस्जिद विवाद से जोड़कर एक वीडियो शेयर किया, जिसके साथ दावा किया गया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुलिस पर पथराव किया.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि दावा गलत है. उत्तरकाशी में पुलिस पर पथराव करने वाले मुस्लिम समाज के लोग नहीं बल्कि एक मस्जिद हटाने की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन में शामिल हिंदू संगठन के लोग थे.
गौरतलब है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक मस्जिद को हटाने की मांग को लेकर बीते 24 अक्टूबर को कुछ हिंदू संगठनों ने "जन आक्रोश रैली" निकाली. उनका आरोप है कि मस्जिद अवैध और सरकारी जमीन पर बनी हुई है. इस रैली के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई. इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
अब इससे संबंधित एक वीडियो को ऑनलाइन शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. इस वायरल वीडियो में भी एक शख्स कह रहा है कि मुस्लिम लोग पत्थर फेंक रहे हैं.
आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य ने अपने एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'ये कश्मीर नहीं, न ही बंगाल है. ये देवभूमि उत्तराखंड का उत्तरकाशी है. देखिए कैसे कट्टरपंथी मुस्लिम ऊपर खड़े होकर स्थानीय लोगों और पुलिस पर पत्थर बरसा रहे हैं.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
बीजेपी से जुड़े अभिषेक तिवारी, मनीष कश्यप समेत कई दक्षिणपंथी यूजर्स ने भी वीडियो को शेयर करते हुए यही दावा किया.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक: पुलिस पर पथराव करने वाले हिंदू संगठनों के प्रदर्शनकारी
उत्तरकाशी में हुई इस घटना से संबंधित कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें कई खबरें मिलीं, जिनमें बताया गया था कि रैली के दौरान हुई झड़प में हिंदू संगठन के प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया.
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मस्जिद हटाने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों की ओर से जुलुस निकाला गया. जुलुस को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके. प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान मुस्लिम समुदाय की बंद दुकानों में भी तोड़फोड़ की. करीब चार मिनट के इस पथराव में 7 पुलिसकर्मी समेत 27 लोग घायल हो गए.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इस घटना की वजह से गंगोत्री नेशनल हाईवे लगभग ढाई घंटे बंद रहा. लगभग दो महीने से संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ इस मस्जिद को हटाने की मांग कर रहा था. इसी क्रम में उसने 24 अक्टूबर को इस जुलुस और प्रदर्शन का आह्वान किया था.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू संगठन के प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि उक्त मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है लेकिन जिला प्रशासन ने साफ किया था कि मस्जिद पुरानी है और मुस्लिम समुदाय के लोगों की जमीन पर है.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मस्जिद की और बढ़ने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई थी. प्रदर्शनकारी बैरीकेडिंग हटाकर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे. इसी क्रम में पुलिस और उनके बीच हाथापाई हो गई. इस दौरान उन्होंने पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया.
बीबीसी की एक रिपोर्ट में उत्तरकाशी के एसपी अमित श्रीवास्तव के हवाले से बताया गया कि "प्रदर्शनकारियों को एक निश्चित रूट पर चलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन उन्होंने उस रूट को छोड़कर दूसरे रास्ते पर जाने की कोशिश की, उन्हें रोकने के क्रम में पुलिस के साथ हाथापाई हुई. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों की तरफ से पुलिस पर पत्थर चलाए गए, जिसमें पुलिसवालों को चोटें आईं."
खबरों के अनुसार, फिलहाल जिले में धारा 163 के तहत धरना प्रदर्शनों और आंदोलनों पर रोक लगा दी गई है. पुलिस ने अबतक इस मामले में 8 नामजद समेत 200 लोगों पर FIR दर्ज किया है..
उत्तरकाशी पुलिस ने भी किया वायरल दावे का खंडन
उत्तरकाशी पुलिस और उत्तराखंड पुलिस ने अपने एक्स पर इस घटना के संबंध में एसपी अमित श्रीवास्तव की एक बाइट जारी की है, जिसमें उन्होंने बताया कि "कल (24 अक्टूबर) उत्तरकाशी में संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ द्वारा एक रैली आयोजित की गई थी. इस रैली में उन्हें सशर्त परमीशन दी गई थी. उनका रूट निर्धारित था. वे उस रूट से ना जाकर दूसरे रूट से जाने के लिए बैरियर पर हुज्जत करते रहे. पुलिस ने उन्हें बहुत धैर्यतापूर्वक रोका."
उन्होंने आगे कहा, "उन्हीं प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसमें फिर हल्का बल प्रयोग करके उनको तितर-बितर करना पड़ा. इसमें हमारे कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें कुल 8 पुलिसकर्मियों को चोटें आईं. इसके अतिरिक्त कुछ प्रदर्शनकारियों को भी चोटें आई हैं. इसके बाद से पूरे उत्तरकाशी में BNS की धारा 163 लागू कर दी गई है."
कल उत्तरकाशी में संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ द्वारा आयोजित रैली घटना प्रकरण के संबंध में पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी श्री अमित श्रीवास्तव सर की बाइट...
— Uttarkashi Police Uttarakhand (@UttarkashiPol) October 25, 2024
कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई।#uttarkashipoliceuttarakhand pic.twitter.com/fLHiBME7Rl
उत्तरकाशी पुलिस ने एक अन्य पोस्ट में मुस्लिमों द्वारा पुलिस पर पथराव किए जाने के वायरल दावे का भी खंडन किया और बताया कि सोशल मीडिया पर विशेष समुदाय द्वारा पथराव की भ्रामक खबर फैलाई जा रही है.
इसके अलावा, उत्तरकाशी एसपी अमित श्रीवास्तव ने बूम से भी इसकी पुष्टि की कि वायरल दावा सही नहीं है.