सोशल मीडिया पर सिनेमा से जुड़े कलाकार जावेद अख्तर का एक वीडियो वायरल है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि जावेद अख्तर ने बिहार सीएम नीतीश कुमार द्वारा एक महिला डॉक्टर का हिजाब खींचने की घटना का समर्थन किया है.
वायरल वीडियो में जावेद अख्तर को महिलाओं का चेहरा ढंकने की प्रथा की आलोचना करते हुए सुना जा सकता है. एक सवाल के जवाब में वह कहते हैं, "आपको अपने चेहरे से शर्मिंदा होने की क्या जरूरत है ?... किसी महिला को चेहरा ढंकने की क्या जरूरत है ? चेहरा दिखाना अभद्र, अश्लील या अशोभनीय कैसे हो सकता है ..."
बूम ने जांच में पाया कि चेहरा ढंकने की प्रथा की आलोचना करते जावेद अख्तर का वीडियो बिहार में सीएम नीतीश कुमार द्वारा हिजाब खींचे जाने की घटना से पहले का है. घटना पर जावेद अख्तर ने सीएम से माफी मांगने की मांग भी की है.
बिहार के पटना स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में 15 दिसंबर 2025 को आयुष विभाग के अंतर्गत चयनित डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन नियुक्ति पत्रों को वितरित कर रहे थे. इसी दौरान जब नुसरत परवीन नाम की महिला डॉक्टर नियुक्ति पत्र लेने मंच पर पहुंची तब नीतीश कुमार ने उनके चेहरे पर से हिजाब खींच दिया. घटना के बाद महिला डॉक्टर कोलकाता स्थित अपने घर लौट गई. मुख्यमंत्री के इस व्यवहार की काफी आलोचना हो रही है. विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने घटना पर रोष जताते हुए प्रदर्शन किया है और सीएम के इस्तीफे की मांग की है.
क्या है वायरल दावा :
फेसबुक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, "नीतीश कुमार ने जो किया सही किया, चेहरा ढकने की क्या जरूरत : जावेद अख्तर ( गीतकार और पटकथा लेखक)" आर्काइव लिंक
एक्स पर भी यह वीडियो इसी दावे से वायरल है. आर्काइव लिंक
पड़ताल में क्या मिला :
जावेद अख्तर का वायरल वीडियो 29 नवंबर 2025 का
वायरल वीडियो के कीफ्रेम को सर्च करने पर हमें यूट्यूब पर 29 नवंबर 2025 को लाइव किया गया पूरा वीडियो मिला. यह वीडियो उड़ीसा के भुवनेश्वर स्थित शिक्षा ओ अनुसंधान (SOA) यूनिवर्सिटी में आयोजित साहित्यिक महोत्सव का है. इस कार्यक्रम में मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर पहुंचे थे. वायरल वीडियो इसी कार्यक्रम से जुड़ा है.
मूल वीडियो में 45:52 की अवधि पर एक छात्रा बुर्का पहनने के संबंध में जावेद अख्तर से सवाल पूछती है, "सर आपने कहा कि आप ऐसी महिलाओं के बीच पले-बढ़े हैं जिन्होंने कभी बुर्का नहीं पहना. क्या आपके मुताबिक, वो सभी मजबूत महिलाएं थीं ? पर खुद को ढंकना आपको कमजोर कैसे बना देता है ? इसपर मैं आपकी राय जानना चाहती हूं."
जवाब में जावेद अख्तर कहते हैं, "तुम्हें अपने चेहरे पर शर्म क्यों करनी चाहिए ? मैंने माना कि बहुत ज्यादा खुले हुए कपड़े पहनना गरिमापूर्ण नहीं है, चाहें मर्द पहने या औरतें पहने, अगर एक मर्द शॉर्ट और स्लीवलेस टी-शर्ट पहनकर ऑफिस में आए तो यह अच्छी बात नहीं है, उसे सलीके से कपड़े पहनने चाहिए और एक महिला को भी सलीके के कपड़े पहनने चाहिए. लेकिन एक महिला को अपना चेहरा क्यों छुपाना चाहिए ? चेहरा दिखाना अभद्र, अश्लील या अशोभनीय कैसे हो सकता है ? चेहरे को ढकने की क्या जरूरत है ? इसकी क्या वजह है ? यह दवाब है. बुर्का पहनने वाली महिला अगर यह कहती है कि मैं अपनी मर्जी से पहन रही हूं तो उसे ब्रेनवाश किया गया है क्योंकि उसे पता है कि कुछ लोग उसके इस कदम की सराहना करेंगे. अगर आप उसे छोड़ देंगे तो कोई भी अपना चेहरा क्यों ढकेगा ? क्या उसे अपने चेहरे से नफरत है ? "
जावेद अख्तर ने लिखा - नीतीश कुमार माफी मांगे
नीतीश कुमार द्वारा हिजाब खींचने की घटना पर हमने जावेद अख्तर की टिप्पणी को सर्च किया. हमें उनके एक्स हैंडल पर 18 दिसंबर को अंग्रेजी में लिखा गया पोस्ट मिला. जिसका हिंदी अनुवाद है, "जो कोई भी मुझे जानता है, चाहे थोड़े-बहुत ही, वह अच्छी तरह जानता है कि मैं पारंपरिक पर्दे की प्रथा के खिलाफ हूं लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि मैं नीतीश कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला डॉक्टर के साथ किए गए व्यवहार को किसी भी तरह स्वीकार कर सकता हूं. मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं. नीतीश कुमार को उस महिला से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए."


