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फैक्ट चेक

भारतीय समाचार संस्थानों ने उत्तराखंड सुरंग बचाव दल को दिखाने के लिए AI तस्वीर का प्रयोग किया

बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वायरल तस्वीर एआई जनरेटेड है और इसे X अकांउट @Exclusive_Minds द्वारा पोस्ट किया गया था.

By - Anmol Alphonso | 29 Nov 2023 9:39 PM IST

ोशल मीडिया पर सुरक्षा बचावकर्मियों के दल की एक ्रुप ़ोटो ाफ़ी ायरल हो ही ै. जिसमें ुछ सुरक्षा बचावकर्मी एक ुरंग के ाहरी ोर पर ड़े ोकर भारतीय ण्डे के ाथ एक ्रुप ोज़ ेते ुए ज़रहे ैं. कई समाचार संस्थानों और ोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा इस तस्वीर को उत्तराखंड के निर्माणाधीन सिलक्यारा ुरंग ें ंसे 41 भारतीय श्रमिकों को सुरक्षित ाहर निकालने ाले बचावदल की ्रुप ़ोटो ानते ुए ेयर िया या.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वायरल तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा बनाई गई है. यह उत्तराखंड में क्षतिग्रस्त हुई सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सफल बचाव अभियान के बाद ली गई वास्तविक तस्वीर नहीं है. इस एआई जनरेटेड तस्वीर को X अकांउट @Exclusive_Minds द्वारा पोस्ट किया गया था.

ग़ौरतलब है कि मंगलवार को उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में भूस्खलन के बाद 12 नवंबर 2023 से फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बचा लिया गया. १७ दिनों तक चले बचाव अभियान ने कई असफलताओं को पार किया। बचाव अभियान में विदेशों से भी सुरंग बनाने वाले विशेषज्ञ शामिल थे.

इस वायरल तस्वीर को कई समाचार आउटलेट्स ने अपने समाचार लेखों में प्रयोग किया और समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) को क्रेडिट दिया. इस तस्वीर को प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने अपने सिंडिकेटेड फ़ीड के हिस्से के रूप में अपलोड किया था .

समाचारों में एआई जनरेटेड तस्वीरों के प्रयोग दुनियाभर में नैतिकता की एक विषय की बहस खड़ी कर दी है.

्यू इंडियन एक्सप्रेस, न्यूज़ 18, इंडिया ुडे, हिंदुस्तान टाइम्स, लोकसत्ता सहित कई समाचार संस्थानों ने पीटीआई को क्रेडिट देते हुए इस एआई जनरेटेड तस्वीर को प्रयोग किया.


देखने के लिए हां ्लिक करें. और अर्काइव वर्जन के लिए हां ्लिक करें.

प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर भी यह तस्वीर वायरल हुई थी. सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बचाए जाने की खबर आने के बाद इसे कई X अंकाउट द्वारा शेयर किया गया था.



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भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने प्लेटफॉर्म X पर सुरंग बचाव अभियान की कई अन्य तस्वीरों के इस एआई जनरेटेड तस्वीर को पोस्ट किया था.


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बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वायरल तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा बनाई गई है. यह उत्तराखंड में क्षतिग्रस्त हुई सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सफल बचाव अभियान के बाद ली गई वास्तविक तस्वीर नहीं है. इस एआई जनरेटेड तस्वीर को X अकांउट @Exclusive_Minds द्वारा पोस्ट किया गया था.

इस एआई जनरेटेड तस्वीर में कई विसंगतियां स्पष्ट नज़र आती हैं, जैसे हाथों की विकृत उंगलियां, चेहरे और आंखों की असंगति और तस्वीर का कलर संयोजन आदि.




हमें एक @Exclusive_Minds नाम का एक X अंकाउट भी मिला, जिसके द्वारा सुरंग बचाव अभियान की कई एआई-जनरेटेड तस्वीरें पोस्ट की गई थीं.



इस तस्वीर को पीटीआई द्वारा इसकी सिंडिकेटेड कॉपी के हिस्से के रूप में अपलोड किया गया था जिसे बाद में अन्य समाचार संस्थानों ने भी प्रयोग किया.



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बूम ने पीटीआई के एक सूत्र से संपर्क किया, उन्होंने बताया कि यह अनजाने में हुई एक गलती थी. इस तस्वीर को राज्यवर्धन राठौड़ द्वारा X पर पोस्ट किए जाने के बाद समाचार एजेंसी ने अपनी सिंडीकेट फीड के लिए प्रयोग किया. संपर्क सूत्र ने हमसे सार्वजनिक रूप से बोलने के लिए अधिकृत न होने के कारण नाम ना प्रकाशित करने का आग्रह किया.

इस बचाव अभियान के बाद की वास्तविक तस्वीरें और फ़ुटेज को नीचे देखा जा सकता है.


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