सोशल मीडिया पर सुरक्षा बचावकर्मियों के दल की एक ग्रुप फ़ोटो काफ़ी वायरल हो रही है. जिसमें कुछ सुरक्षा बचावकर्मी एक सुरंग के बाहरी छोर पर खड़े होकर भारतीय झण्डे के साथ एक ग्रुप पोज़ देते हुए नज़र आ रहे हैं. कई समाचार संस्थानों और सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा इस तस्वीर को उत्तराखंड के निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 भारतीय श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने वाले बचावदल की ग्रुप फ़ोटो मानते हुए शेयर किया गया.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वायरल तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा बनाई गई है. यह उत्तराखंड में क्षतिग्रस्त हुई सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सफल बचाव अभियान के बाद ली गई वास्तविक तस्वीर नहीं है. इस एआई जनरेटेड तस्वीर को X अकांउट @Exclusive_Minds द्वारा पोस्ट किया गया था.
ग़ौरतलब है कि मंगलवार को उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में भूस्खलन के बाद 12 नवंबर 2023 से फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बचा लिया गया. १७ दिनों तक चले बचाव अभियान ने कई असफलताओं को पार किया। बचाव अभियान में विदेशों से भी सुरंग बनाने वाले विशेषज्ञ शामिल थे.
इस वायरल तस्वीर को कई समाचार आउटलेट्स ने अपने समाचार लेखों में प्रयोग किया और समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) को क्रेडिट दिया. इस तस्वीर को प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने अपने सिंडिकेटेड फ़ीड के हिस्से के रूप में अपलोड किया था .
समाचारों में एआई जनरेटेड तस्वीरों के प्रयोग दुनियाभर में नैतिकता की एक विषय की बहस खड़ी कर दी है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, न्यूज़ 18, इंडिया टुडे, हिंदुस्तान टाइम्स, लोकसत्ता सहित कई समाचार संस्थानों ने पीटीआई को क्रेडिट देते हुए इस एआई जनरेटेड तस्वीर को प्रयोग किया.
प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर भी यह तस्वीर वायरल हुई थी. सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बचाए जाने की खबर आने के बाद इसे कई X अंकाउट द्वारा शेयर किया गया था.
भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने प्लेटफॉर्म X पर सुरंग बचाव अभियान की कई अन्य तस्वीरों के इस एआई जनरेटेड तस्वीर को पोस्ट किया था.
फै़क्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वायरल तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा बनाई गई है. यह उत्तराखंड में क्षतिग्रस्त हुई सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सफल बचाव अभियान के बाद ली गई वास्तविक तस्वीर नहीं है. इस एआई जनरेटेड तस्वीर को X अकांउट @Exclusive_Minds द्वारा पोस्ट किया गया था.
इस एआई जनरेटेड तस्वीर में कई विसंगतियां स्पष्ट नज़र आती हैं, जैसे हाथों की विकृत उंगलियां, चेहरे और आंखों की असंगति और तस्वीर का कलर संयोजन आदि.
बूम ने पीटीआई के एक सूत्र से संपर्क किया, उन्होंने बताया कि यह अनजाने में हुई एक गलती थी. इस तस्वीर को राज्यवर्धन राठौड़ द्वारा X पर पोस्ट किए जाने के बाद समाचार एजेंसी ने अपनी सिंडीकेट फीड के लिए प्रयोग किया. संपर्क सूत्र ने हमसे सार्वजनिक रूप से बोलने के लिए अधिकृत न होने के कारण नाम ना प्रकाशित करने का आग्रह किया.
इस बचाव अभियान के बाद की वास्तविक तस्वीरें और फ़ुटेज को नीचे देखा जा सकता है.
STORY | NDRF team kindled hopes of 41 labourers rescued from Uttarakhand tunnel
— Press Trust of India (@PTI_News) November 29, 2023
READ: https://t.co/N5t259C3mG pic.twitter.com/ZGcTAhE2Je
VIDEO | Uttarkashi tunnel rescue UPDATE: "We were a team of four members who first went inside the tunnel. When we first saw the trapped workers, it was the same happiness that a family member would feel. We thought of them as our brothers," says NDRF personnel Sachin Choudhary.… pic.twitter.com/vblY6pWvAi
— Press Trust of India (@PTI_News) November 28, 2023