HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
बिहार चुनाव 2025No Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
बिहार चुनाव 2025No Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

'अरावली बचाओ' प्रदर्शन से जोड़कर असंबंधित वीडियो हुए वायरल

बूम ने पाया कि स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच टकराव का वीडियो 3 दिसंबर 2025 का छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का है. वहीं दूसरा वीडियो गुजरात के भरूच जिले के नेत्रंग का है, जो नवंबर में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम से जुड़ा है.

By -  Jagriti Trisha |

24 Dec 2025 5:25 PM IST

देशभर में अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए चल रहे प्रदर्शनों के बीच सोशल मीडिया पर दो असंबंधित वीडियो वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो के साथ दावा किया गया कि यह अरावली काटने आई प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच हुए टकराव का वीडियो है. वहीं एक अन्य वीडियो के साथ कहा गया कि यह 'अरावली बचाओ आंदोलन' में जुटी भीड़ का वीडियो है.

बूम ने पाया कि दोनों ही वीडियो के साथ गलत दावा किया जा रहा है. ये दोनों अरावली बचाने के लिए शुरू हुए प्रदर्शनों से पहले के वीडियो हैं. पहला वीडियो छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का है, जहां दिसंबर 2025 में अमेरा कोयला विस्तार परियोजना के विरोध के दौरान स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी.

दूसरा वीडियो गुजरात के भरूच का है, जहां 15 नवंबर 2025 को बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. आम आदमी पार्टी के विधायक चैतर वसावा इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे.

असल में 20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित अरावली की नई परिभाषा को मंजूरी दे दी. इस परिभाषा के अनुसार केवल 100 मीटर से अधिक ऊंची पहाड़ियों को ही अरावली का हिस्सा माना जाएगा.

इस फैसले का मतलब था कि श्रृंखला में शामिल छोटी-छोटी पहाड़ियां इससे बाहर हो जाएंगी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से देशभर में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. 

सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?

फेसबुक पर वायरल हो रहे पहले वीडियो में किसी पहाड़ी इलाके में प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबल आमने-सामने हैं और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस आंसू गैस, लाठीचार्ज आदि का प्रयोग कर रही है.

यूजर्स इस वीडियो को शेयर करते हुए लिख रहे हैं कि अरावली को काटने आई सरकार और जनता आमने सामने. हम ऐसे ही इस अरावली को काटने नहीं देंगे.  पुलिस ने आम जनता पर किया लाठीचार्ज....#savearawali #अरावली.' (आर्काइव लिंक)

वहीं दूसरे वीडियो में एक सड़क पर हजारों की संख्या में लोग नजर आ रहे हैं. यूजर्स इस वीडियो को 'अरावली बचाओ आंदोलन' का बता रहे हैं. (आर्काइव लिंक)

पड़ताल में क्या मिला:

1. पुलिस और प्रदर्शनकारियों का वीडियो पुराना है

रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ऐसी कई न्यूज रिपोर्ट मिलीं, जिनमें वायरल वीडियो के विजुअल मौजूद थे. टाइम्स ऑफ इंडिया,आजतक और दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक यह वीडियो छत्तीसगढ़ के सरगुजा का है. 3 दिसंबर 2025 को अमेरा कोयला खादान के विस्तार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी.

इस झड़प में करीब 40 पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि बड़ी संख्या में आदिवासी, महिलाओं सहित कई ग्रामीण भी जख्मी हो गए. दरअसल अमेरा कोयला खादान के आसपास के इलाकों के ग्रामीण पिछले कई महीनों से इस विस्तार का विरोध कर रहे थे. उनका आरोप था कि यह परियोजना उनकी उपजाऊ जमीन पर लागू की जा रही है.

वहीं प्रशासन का कहना था कि अमेरा खादान के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया 2016 में पूरी हो चुकी है और कई ग्रामीणों को पहले ही मुआवजा मिल चुका है.

छत्तीसगढ़ के सरगुजा का वीडियो

असल में करीब 500 पुलिसकर्मियों की एक टीम प्रशासनिक अधिकारियों के साथ खादान के पास चल रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन को खत्म कर ग्रामीणों को हटाने और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की अमेरा खादान के विस्तार के लिए अधिग्रहित जमीन पर कब्जा करने पहुंची. जैसे ही टीम आगे बढ़ी गुस्साए ग्रामीणों ने लाठी, गुलेल, पत्थर और कुल्हाड़ी लिए उनका विरोध करना शुरू कर दिया. हालांकि गांव वालों का कहना था कि पुलिस ने पहले बल प्रयोग और लाठीचार्ज किया जिसके बाद भीड़ ने प्रतिक्रिया दी.

Full View


2. 'अरावली बचाओ प्रदर्शन' के दावे से वायरल वीडियो

इस वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें आम आदमी पार्टी (आप) समर्थित इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो मिला, जिसमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते कुछ विजुअल मौजूद थे. यहां यह वीडियो 16 नवंबर 2025 को पोस्ट किया गया था. इससे स्पष्ट था कि वीडियो 20 दिसंबर को अरावली पर्वतमाला से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पहले का है जिसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे.

इसके कैप्शन के मुताबिक यह वीडियो गुजरात के भरूच स्थित नेत्रंग का है, जहां बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर यह आयोजन किया गया था. इसके साथ यह भी बताया गया कि आयोजन में आप के आदिवासी नेता और डेडियापाड़ा से विधायक चैतर वसावा शामिल हुए थे. बता दें कि 'धरती आबा' के नाम से जाने जाने वाले बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को मनाई जाती है. 2025 में उनकी 150वीं जयंती मनाई गई थी.

बिरसा मुंडा की जयंती का है वीडियो

हमें चैतर वसावा के आधिकारिक इंस्टाग्राम और एक्स अकाउंट पर भी 15 नवंबर 2025 के इससे संबंधित कुछ पोस्ट मिले. उनके अकाउंट पर 11 नवंबर का पोस्ट किया गया कार्यक्रम की जानकारी वाला एक पोस्टर उपलब्ध है, हमने पाया कि ऐसा ही पोस्टर वायरल वीडियो के एक विजुअल में भी मौजूद है.



आम आदमी पार्टी की झगड़िया इकाई के प्रमुख Sarjan Vasava के फेसबुक पर भी इस आयोजन के कई वीडियो मौजूद हैं, जिसमें वायरल वीडियो भी शामिल है.



Tags:

Related Stories