सोशल मीडिया पर एक टोल प्लाजा का वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल है जिसमें एक पिकअप ट्रक पर कुछ लोग सवार हैं और इस्लामी टोपी पहने एक व्यक्ति टोल प्लाजा के कर्मचारी से बहस करता व तोड़-फोड़ करता दिख रहा है. यूजर्स इस वीडियो को भारत से जोड़ कर और सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल सांप्रदायिक दावा गलत है. वायरल वीडियो बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एलिवेटेड एक्सप्रेसवे पर स्थित कुरील टोल प्लाजा पर 18 सितंबर 2024 को हुई घटना का है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक वेरिफाइड यूजर ने लिखा, 'हिंदुओं का आगे का भविष्य कैसा होगा, जरूर सोचना.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'ये आपका भविष्य दिखा रहे हैं. आपको शस्त्र खरीदना है या कुत्ते की मौत मरना है, यह आपका अपना निर्णय है. ये भेड़िए आपको जिंदा नहीं छोड़ेंगे, ये तो पक्का है.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
वीडियो ढाका एलिवेटेड एक्सप्रेसवे के कुरील टोल प्लाजा का है
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए जब वीडियो के अलग-अलग कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें एक बांग्लादेशी यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो मिला, जिसके डिस्क्रिप्शन में बताया गया कि वायरल वीडियो बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एलिवेटेड एक्सप्रेसवे पर स्थित कुरील टोल प्लाजा का है.
इसकी मदद से जब हमने इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो हमें बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट DhakaTribune.com पर इससे जुड़ी एक रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 18 सितंबर 2024 को ढाका एलिवेटेड एक्सप्रेसवे पर कुरील प्लाजा पर एक पिकअप ट्रक से आए कुछ लोगों ने तोड़-फोड़ और वहां के कर्मचारियों के साथ बहस की. साथ ही उन लोगों ने टोल प्लाजा की बैरिकेडिंग भी तोड़ दी.
न्यूज वेबसाइट bdnews24.com की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना एक्सप्रेसवे टोल प्लाजा के कर्मचारियों और पिकअप ट्रक पर सवार लोगों के बीच गलतफहमी को लेकर हुई.
ढाका एलिवेटेड एक्सप्रेसवे कंपनी लिमिटेड के संचालन और रखरखाव विभाग के प्रबंधक हसीब हसन खान ने bdnews24.com को बताया कि सुरक्षा नियमों के अनुसार खुली गाड़ियों में बैठकर यात्री एक्सप्रेसवे पर यात्रा नहीं कर सकते.
उन्होंने bdnews24.com से कहा, "यह पिकअप ट्रक खुला था और इसमें कई लोग खड़े थे. जह टोल कलेक्टर ने कैमरे पर देखा कि सुरक्षा नियमों के मुताबिक यह गाड़ी एक्सप्रेसवे पर नहीं जा सकती तो उन्होंने एमआईएस पर कॉल किया और पूछा कि गाड़ी को जाने दिया जाए या नहीं."
उन्होंने आगे कहा, "इतने में पिकअप ट्रक पर सवार कुछ लोग गुस्सा हो गए और उनमें से कुछ नीचे ऊतर कर पूछने लगे कि टोल चुकाने के बाद भी उन्हें आगे क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है. इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच बहस हो गई. "
bdnews24.com की रिपोर्ट के मुताबिक, पिकअप ट्रक पर सवार लोगों को शायद एक्सप्रेसवे के सुरक्षा नियमों के बारे में पता नहीं था, इसलिए ढाका एलिवेटेड एक्सप्रेसवे अथॉरिटी इस घटना पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर रही है.
bdnews24.com को भटारा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज मजहरूल इस्लाम ने बताया कि इस घटना की किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ढाका एलिवेटेड एक्सप्रेसवे पर मोटरसाइकिल, तिपहिया वाहन, एक्सपायर्ड वाहन, खुले ट्रक और अधिक वजन वाले वाहन को चलाने की अनुमति नहीं है.