सोशल मीडिया पर एक अमेरिकी कोर्ट रूम का वीडियो वायरल है, जिसमें आरोपी शख्स महिला जज पर हमला करता नजर आ रहा है. भारत में कुछ दक्षिणपंथी यूजर्स आरोपी को मुस्लिम बताकर वीडियो को शेयर कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह शरणार्थियों के प्रति यूरोपीय यूनियन के नर्म रुख का नतीजा है.
वायरल वीडियो एक सीसीटीवी फुटेज का हिस्सा है. इस फुटेज में एक कोर्ट रूम में सुनवाई करती हुई महिला जज के ऊपर एक शख्स हमला कर देता है. हालांकि तुरंत ही वहां मौजूद सुरक्षागार्ड उसको हटा लेते हैं. आगे वीडियो में देखा जा सकता है कि हमलावर आरोपी के साथ मारपीट की जा रही है. इस फुटेज में घटना की तारीख, समय और जज का नाम भी देखा जा सकता है.
एक्स पर यूजर सनातनी हिंदू राकेश ने इसे शेयर करते हुए लिखा, 'अमेरिका के वेगास कोर्ट रूम में सजा सुनाते समय अभियुक्त मुस्लिम का जज पर हमला, अब यूरोपीय यूनियन को भी इन शान्तिदूतों कि जहालियत का अहसास हो रहा है, यूरोपीय यूनियन शरणार्थियों के प्रति अपने नर्म रूख के लिए अब पछता रही है.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फेसबुक पर भी वीडियो को इसी सांप्रदायिक दावे से शेयर किया गया है.
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इसके अलावा, यह वीडियो इसी दावे से वेरीफाई करने के रिक्वेस्ट के साथ हमें बूम की टिपलाइन नंबर- 7700906588 पर भी मिला.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ऐसी कई नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें अभियुक्त का नाम डिओब्रा रेड्डेन बताया गया था. इन रिपोर्ट्स में कहीं भी घटना के पीछे सांप्रदायिक एंगल नहीं बताया गया और न ही रेड्डेन के मुस्लिम होने की बात कही गई.
4 जनवरी 2024 की news.com.au की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेवाडा में क्लार्क काउंटी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी डिओब्रा रेड्डेन ने अमेरिकी जज मैरी के होल्थस की बेंच पर कूदकर उन पर हमला कर दिया.
हमले के दौरान जज होल्थस के सिर पर चोट लगी. इस मारपीट में एक सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गया था.
NBC NEWS की रिपोर्ट में बताया गया कि अभियुक्त डिओब्रा डेलोन रेड्डेन पर एक व्यक्ति पर बेसबॉल बैट से हमला करने का आरोप था. रेड्डेन सुनवाई में अपने बचाव में बोलते हुए प्रोबेशन की मांग कर रहा था इसी दौरान उसने जज पर हमला कर दिया. रिपोर्ट में रेड्डेन द्वारा जज को गाली देने की बात भी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 30 वर्षीय डिओब्रा रेड्डेन का पहले का भी अपराधिक रिकॉर्ड था. उसे मारपीट और गंभीर रूप से घायल करने के प्रयास के आरोप में जज होल्थस के सामने पेश किया गया था. रिकॉर्ड के हवाले से बताया गया कि 2021 में उसे घरेलू हिंसा के आरोप में 12-30 महीने की सजा हुई थी. बोर्ड ने 2022 में रेड्डेन को पैरोल दी थी.
घटना के बाद फिर आरोपी रेड्डेन को उसी जज के सामने पेश किया गया. इस दौरान उसका शरीर जंजीर से बांध दिया गया था और साथ ही उसके चेहरे को जालीदार मास्क से कवर कर दिया गया था.
जज ने उसे पुराने मामले में दोषी पाया. उसे 19-48 महीने की जेल की सजा हुई. हमने पाया कि किसी भी रिपोर्ट में घटना का कारण सांप्रदायिक नहीं बताया गया और न ही आरोपी का धर्म मुस्लिम बताया गया है. इससे साफ है आरोपी के मुस्लिम होने का दावा गलत है.
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय मीडिया ने भी इसपर रिपोर्ट की थी. नवभारत टाइम्स और अमर उजाला की वेबसाइट पर इससे संबंधित खबर देखी जा सकती है.