सोशल मीडिया पर एक अख़बार की क्लिपिंग वायरल है. यूज़र्स इस क्लिपिंग को सच मानकर ख़ूब शेयर कर रहे हैं. वायरल क्लिपिंग में ख़बर के शीर्षक में लिखा है "नहीं दिया वोट तो बैंक अकाउंट से कटेंगे 350 रूपए : आयोग". साथ ही क्लिपिंग में यह भी लिखा है कि अकाउंट नहीं होने की स्थिति में मोबाइल रिचार्ज से पैसा कटेगा, और इसके लिए चुनाव आयोग कोर्ट से पहले ही मंजूरी ले चुका है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल अख़बार क्लिपिंग में कोई सच्चाई नहीं है. यह महज़ एक व्यंग्य है.
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वहीं, एक अन्य फ़ेसबुक यूज़र ने क्लिपिंग की ख़बर को कोट करते हुए लिखा, "चुनाव आयोग ने कोर्ट से ली मंजूरी वोट नहीं दिया तो बैंक अकाउंट से कटेंगे 350रु."
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल न्यूज़पेपर क्लिपिंग की सत्यता जांचने के लिए सबसे पहले न्यूज़ रिपोर्ट खंगाली. इस दौरान हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 28 मार्च 2019 को प्रकाशित एक आर्टिकल मिला. यह आर्टिकल वेबसाइट के "हवाबाजी" सेक्शन में पब्लिश किया गया था. अमूमन, वेबसाइट के इस सेक्शन में व्यंग्य प्रकाशित किया जाता है.
"हवाबाजी: लोकसभा चुनावों में वोट देने नहीं गए तो बैंक अकाउंट से कटेंगे ₹350" शीर्षक के साथ प्रकाशित आर्टिकल के नीचे स्पष्ट शब्दों में एक डिस्क्लेमर नोट दिया गया है – "इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है। यह मजाक है और किसी को आहत करना इसका मकसद नहीं है."
बूम ने पहले भी इस वायरल न्यूज़पेपर क्लिपिंग का फ़ैक्ट चेक किया है. तब हमने डिप्टी न्यूज़ एडिटर नवीन कृष्णन से संपर्क किया था. उन्होंने बूम को बताया था, "नवभारत टाइम्स में हर साल होली पर व्यंग्यपूर्ण ख़बरें प्रसारित करने का हमारा इतिहास रहा है. हमने हर रिपोर्ट के साथ और पेज पर एंकर स्टोरी के नीचे एक डिस्क्लेमर भी रखा, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि इस पेज पर की गई सभी स्टोरीज़ और विज्ञापन काल्पनिक हैं."
"अगर कोई फ़ोटोशॉप की मदद से डिस्क्लेमर को क्रॉप करता है या मिटा देता है, तो इसके लिए हमें कैसे दोषी ठहराया जाए?" कृष्णन ने कहा.
इसके अलावा, हमें भारतीय चुनाव आयोग प्रवक्ता के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 23 मार्च 2019 को इस संबंध में किया गया ट्वीट मिला.
चुनाव आयोग प्रवक्ता ने नवभारत टाइम्स द्वारा होली प्रैंक के रूप में प्रकाशित लेख को भ्रामक करार दिया.
भारतीय चुनाव आयोग प्रवक्ता ने 29 नवंबर 2021 को इसी क्लिपिंग के संदर्भ में फिर से ट्वीट करते हुए इसे फ़ेक न्यूज़ करार दिया.
ट्वीट में लिखा है "हमारे संज्ञान में आया है कि निम्नलिखित फर्जी खबरें कुछ व्हाट्स एप ग्रुप और सोशल मीडिया में फिर से प्रसारित की जा रही हैं."
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