सोशल मीडिया पर एक झूठे दावे के साथ यू-आकार की सड़क की तस्वीर शेयर की जा रही है । दावा किया जा रहा है कि भूस्खलन के बाद ट्रैफिक के प्रवाह को बनाए रखने के लिए जापान में 24 घंटे के भीतर एक इमर्जन्सी सड़क का निर्माण किया गया था जिसने सड़क के एक तरफ को ब्लॉक कर दिया था।
वायरल मैसेज में लिखा है: "जापान में एक बड़ी आपदा के बाद 24 घंटे के भीतर इमरजेंसी सड़क का निर्माण किया गया ताकि भूस्खलन की के बाद ब्लॉकेज हटा कर ट्रैफिक का प्रवाह समान्य बनाया जाए।"
बूम को यह संदेश अपने व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर (7700906111) पर मिला है जिसमें इसके बारे में जानकारी मांगी गई है।
फ़ेसबुक पर वायरल
फ़ेसबुक पर इसी कैप्शन के साथ समान तस्वीर वायरल है ।
ट्वीटर पर वायरल
देखने के लिए यहां क्लिक करें, और आर्काइव्ड वर्शन यहां देखें ।
फ़ैक्ट चेक
ट्विटर पर वायरल तस्वीर पर दिए गए जवाब से संकेत लेते हुए, हम एक जापानी समाचार पत्र फुकूइप के एक लेख तक पहुंचे, जिसमें यू-आकार की वही सड़क की तस्वीर शामिल थी ।
24 घंटे नहीं, बल्कि ट्रैफिक को फ़िर से शुरू करने में चार महीने लग गए
लेख में कहा गया कि जापान के फुकुई शहर में स्थित अस्थायी सड़क को भारी बारिश के कारण मुख्य सड़क पर भूस्खलन होने के चार महीने बाद ट्रैफिक के लिए खोला गया था । लेख के मुताबिक 5 और 8 जुलाई, 2018 के बीच, फुकुई प्रान्त में कई राजमार्गों और सड़कों पर भूस्खलन के कारण यातायात बंद हो गया था ।
1 नवंबर, 2018 के लेख में बताया गया है कि, 31 अक्टूबर, 2018 को ट्रैपिक के लिए खोली गई सड़क को तस्वीर में देखा जा सकता है ।
लेख में आगे कहा गया है कि 5-8 जुलाई को भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 305 पर एक बड़ा भूस्खलन हुआ था जिसके बाद मुख्य सड़क बंद हो गई थी । इसमें आगे कहा कि वित्तीय वर्ष 2019 के अंत तक मुख्य सड़क को बहाल कर दिया जाएगा ।
जापानी समाचार पत्र फुकिनप द्वारा 1 नवंबर, 2018 को किया गया ट्वीट
इस अफवाह की पहले भी एक इंडोनेशियन फ़ैक्ट-चेकर ने जांच की थी ।
अस्थायी सड़क की विभिन्न तस्वीरों के साथ,दिनांक 31 अक्टूबर, 2018 की ट्वीट में लिखा गया है, “फुकुई सिटी में कोशित्सु क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 305 के समुद्र के किनारे 45 मीटर यू-आकार की अस्थायी सड़क पूरी हो गई है, जो जुलाई में भूस्खलन के कारण बंद हो गई थी। "
अस्थायी सड़क के निर्माण की समय अवधि स्पष्ट नहीं है, लेकिन भूस्खलन के हफ़्तों और महीनों बाद के समाचारों से संकेत मिलता है कि यह रातों-रात नहीं बनाया गया था ।