कुछ दिनों पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की मेट्रो ट्रेनों और बसों में महिलाओं के लिए मुफ़्त सफ़र करने का ऐलान किया था | इस घोषणा के चलते अरविन्द केजरीवाल की नीतियों पर कई सवाल उठाए गए | सोशल मीडिया पर लोगों ने इस कदम का मज़ाक उड़ाया | इसी दौरान फ़ेसबुक पर एक फ़ोटोशॉप्ड तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें ऊपर की तरफ़ निर्मला सीतारमण की फ़ोटो है और नीचे एक लड़की और एक बूढ़े आदमी की तस्वीर है | उस तस्वीर पर अंग्रेजी में लिखा है जिसका हिंदी अनुवाद कुछ यूँ है : एक मज़दूर मेट्रो का किराया भरेगा वहीँ दिल्ली की एक अमीर लड़की को किराया देने से छुटकारा मिलेगा | यह कैसी नीति है ? अरविन्द केजरीवाल क्या आपकी मूर्खता की कोई हद नहीं है? क्या सिर्फ़ फ्री का माल बाँटना ही चुनाव जीतने का तरीका है?
आपको बता दें की यह दावा फ़र्ज़ी है | निर्मला सीतारमण ने ऐसा कुछ नहीं कहा है |
आप सीतारमण के नाम का फ़र्ज़ी फ़ेसबुक पेज यहाँ देख सकते हैं जहाँ से यह दावा वायरल हो रहा है और इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देख सकते हैं |
आप इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देख सकते हैं |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने इस स्टेटमेंट की जड़ तक पहुंचने की कोशिश की | इस फ़ोटो में आप देख सकते हैं की निर्मला सीतारमण के नाम में अंग्रेजी भाषा का शब्द "H" नहीं है | निर्मला सीतारमण हमेशा उनके आधिकारिक कामों में और आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स पर अंग्रजी में "Nirmala Sitharaman" लिखती हैं |
बूम ने जब इस स्टेटमेंट को इंटरनेट पर सर्च किया तो किसी मीडिया संस्थान ने इस पर कोई आर्टिकल नहीं लिखा था | यहाँ तक की इस से मिलती जुलती भी कोई बात निर्मला सीतारमण ने नहीं कही है | बूम ने उनके आधिकारिक फ़ेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल देखा और उस पर ऐसा किसी भी तरह का कोई स्टेटमेंट नहीं मिला |
बूम ने वित्त मंत्रालय संपर्क किया तो मंत्रालय के एक अधिकारी ने बूम को बताया की निर्मला सीतारमण द्वारा ऐसा कोई स्टेटमेंट पोस्ट नहीं किया गया है | आप निर्मला सीतारमण का आधिकारिक फ़ेसबुक पेज यहाँ और ट्विटर हैंडल यहाँ देख सकते हैं |
जो दो फ़ोटोज़ इस फ़ेसबुक पोस्ट के साथ जोड़ी गयी हैं उनमें से लड़की की फ़ोटो कई इंस्टाग्राम हैंडल्स पर उपलब्ध है और जो आदमी है उनकी फ़ोटो भी शटरस्टॉक नामक फोटो वेबसाइट पर उपलब्ध है | यह दोनों फोटोज़ एक दूसरे से जुडी हुई नहीं हैं | आदमी की फोटो दो साल पुरानी है जब वह 23 जनवरी 2017 को नई दिल्ली में 26 जनवरी की तैयारियां देखने आया था |
आप शटरस्टॉक का वह पेज यहाँ देख सकते हैं जहाँ वास्तविक फ़ोटो है और पिंटरेस्ट नामक एक वेबसाइट को यहाँ देख सकते हैं जहाँ लड़की की फ़ोटो मिल जाएगी | इन सारे तथ्यों से यह दावा फ़र्ज़ी साबित होता है |
यह बात क्यों महत्व रखती है?
यह बात महत्व पूर्ण है क्योंकि वे केंद्र सरकार की एक मंत्री हैं | यदि ऐसा कोई बयान दिया जाता है तो मुख्यधारा की मीडिया को दिया जाता है | हालांकि यह बयान सिर्फ़ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है |