HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
फ़ैक्ट चेक

नहीं, अयोध्या में यह रोहिंग्या शरणार्थी लड़की नहीं है जो दियों से तेल निकाल रही है

बूम ने पाया की वायरल तस्वीर जिसमें दो लड़कियों को समान बताया जा रहा है, झूठ है | तस्वीरें दो अलग अलग लड़कियों की हैं

By - Saket Tiwari | 2 Nov 2019 8:14 AM GMT

सोशल मीडिया पर वायरल एक ग्राफ़िक्स दावा करता है की दिवाली की रात में अयोध्या से वायरल हुई गरीब बनी हुई लड़की की तस्वीर फ़र्ज़ी है और वह एक रोहिंग्या मुस्लिम है | यह दावे झूठ हैं |

ग्राफ़िक तस्वीर तीन तस्वीरों को जोड़कर बनाया गया है | इसमें सबसे ऊपर एक रोहिंग्या मुस्लिम लड़की की तस्वीर, उसके नीचे वायरल तस्वीर जो कथित तौर पर अयोध्या से ली गयी है जब लड़की तेल चुरा रही थी और तीसरी तस्वीर गूगल इमेज सर्च के परिणामों का स्क्रीनशॉट जिसमें 'रोहिंग्या' लिखा है |

ग्राफ़िक के ऊपर लिखा है: "यह रोहिंग्या मुस्लिम लड़की यहाँ से यहाँ कैसे पहुंची | सब कुछ प्रायोजित था | नज़दीक से फ़ोटो लेना और उसे वायरल करना | पर गूगल ने पोल खोल दी |"

इन तस्वीरों को ट्विटर और फ़ेसबुक पर कई कैप्शंस के साथ शेयर किया जा रहा है | कैप्शन में लिखा है: "इस अवैध रोहींगया लड़की को वाम और सेकुलर गैंग ने एक षड़यंत्र के तहत अयोध्या पहुंचाया ज़िससे एक झूठा प्रोपेगैंडा फैलाय़ा जा सके , अरे बेशर्मो तुम्हारा प्लान फेल हो गया🤘"

इसी तरह के एक और कैप्शन में लिखा है: "इस अवैध रोहींगया लड़की को वाम और सेकुलर गैंग ने एक षड़यंत्र के तहत अयोध्या पहुंचाया ज़िससे एक झूठा प्रोपेगैंडा फैलाय़ा जा सके , अरे बेशर्मो तुम्हारा प्लान फेल हो गयाये रोहिंग्या मुस्लिम लड़की यहाँ से यहाँ कैसे पहुँची?? सब कुछ प्रायोजित था, नजदीक से फ़ोटो लेना और उसको वाइरल करना……लेकिन गूगल ने पोल खोल दी"

हिन्दू धर्म योद्धास नामक फ़ेसबुक पेज पर इस तस्वीर को करीब 15,000 शेयर मिले हैं |

Full View


Full View

फ़ैक्ट चेक

बूम ने पाया की दो लड़कियों की तस्वीरें समान नहीं हैं | पहली तस्वीर के लिए हमनें गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया की यह तस्वीर 2017 में एजेन्स-फ्रांस-प्रेस्से (ए.एफ.पी) द्वारा ली गयी थी | यह तस्वीर गेट्टी इमेजेज नामक एक वेबसाइट पर प्राप्त हो सकती है | तस्वीर लेने वाले शख़्स का नाम के.एम असाद है जिन्होंने ए.एफ.पी के लिए गेट्टी इमेज द्वारा तस्वीर ली थी |

इस तस्वीर का वास्तविक कैप्शन है: "म्यांमार से बांग्लादेश के उखिया में 6 सितम्बर, 2017 को आये नए शरणार्थियों को देखती एक लड़की | 1,25,000 से ज़्यादा शरणार्थी बांग्लादेश की सीमा में आ चुके हैं | इसमें अधिकतर रोहिंग्या हैं जो म्यांमार में अल्पशंख्यक मुस्लिम हैं | म्यांमार सरकार इन्हें पहचानने से इंकार करती है जहाँ बहुशंख्यक भुद्ध हैं |"

गेट्टी इमेज का स्क्रीनशॉट

यह तस्वीर लाइवमिंट द्वारा भी एक लेख के लिए इस्तेमाल की जा चुकी है |

लाइवमिंट के लेख का स्क्रीनशॉट

दूसरी तस्वीर दरअसल सबसे पहले अक्टूबर 29, 2019 के आस पास सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी | योगी आदित्यनाथ की सरकार पर व्यंग करते हुए कई ट्विटर यूज़र ने इसे शेयर किया |



रिवर्स इमेज सर्च में इस तस्वीर के 29 अक्टूबर, 2019 के पहले मौजूद होने का कोई उदाहरण सामने नहीं आया | लड़की की पहचान ज्ञात नहीं है | हालांकि, वास्तविक ट्वीट जो सबसे पहले किये गए थे, उनमें इस लड़की के रोहिंग्या मुस्लिम होने की बात नहीं कही गयी है | यहाँ तक की पहली तस्वीर की शेयर नहीं की गयी है |

इसके अलावा, रोहिंग्या मुस्लिम लड़की की तस्वीर दो साल पहले ली गयी थी जिसके हिसाब से आज दो लड़कियां एक उम्र की और एक जैसी नहीं लग सकती हैं | बूम ने दोनों के चेहरों में भी साफ़ अंतर पाया |

Related Stories