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फैक्ट चेक

कोरोनावायरस पर वायरल 'एडवाइज़री' यूनिसेफ़ ने जारी नहीं की है

बूम ने पाया कि यूनिसेफ़ ने ऐसी कोई एडवाइज़री जारी नहीं की है और मैसेज में ज्यादातर दावे वैज्ञानिक नहीं हैं।

By - Shachi Sutaria |
Published -  11 March 2020 7:50 PM IST
  • कोरोनावायरस पर वायरल एडवाइज़री यूनिसेफ़ ने जारी नहीं की है

    संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ़) के नाम से कोरोनावायरस के बारे में ग़लत और असंबंधित सलाहों को सूचीबद्ध करने वाला मैसेज वायरल हो रहा है। यूनिसेफ़ ने ऐसी कोई एडवाइज़री या सलाह जारी नहीं की है। इसके अलावा, मैसेज में बताए गए ज्यादातर दावे वैज्ञानिक साक्ष्य द्वारा समर्थित नहीं हैं।

    सोशल मीडिया ऐसे मैसेज से भरा हुआ है और इसे विश्व स्तर पर शेयर किया जा रहा है। मैसेज में कोविड-19 की रोकथाम को लेकर आठ दावे किए गए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि इनका पालन कोरोनावायरस से बचाने के लिए पर्याप्त होगा।


    इस पोस्ट को व्हाट्सएप्प पर दो फॉर्मेट में फैलाया जा रहा है: टेक्स्ट और इमेज। बूम को अपने व्हाट्सएप्प हेल्पलाइन पर भी यह मैसेज कई बार मिला है।


    मैसेज को शेयर किया जा रहा है क्योंकि भारत में कोविड-19 से पीड़ित 45 मामले सामने आए हैं। केरल से फ़रवरी में जो तीन मामले सामने आए थे, वे अब ठीक हो चुके हैं। विश्व स्तर पर, 109 देशों में फैले कोविड-19 के 110,000 से अधिक मामले सामने आए हैं।

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    फ़ैक्टचेक

    वायरल मैसेज में आठ दावे हैं और इसका श्रेय यूनिसेफ़ को दिया गया है।

    बूम ने पाया कि ना तो यूनिसेफ़ के किसी भी सोशल मीडिया चैनल और न ही उसकी वेबसाइट ने ऐसी किसी भी एडवाइज़री का उल्लेख किया है।

    अफ्रीका स्थित अफ्रीका फ़ैक्टचेक ने कहा कि यह संदेश अफ्रीकी महाद्वीप में भी वायरल है और इसलिए उन्होंने एक प्रवक्ता से संपर्क किया जिन्होंने इस बात से इनकार किया कि यूनिसेफ़ ने इस तरह का कोई बयान दिया है। अफ्रीका चेक के प्रवक्ता जियोफ्रे नोकू ने कहा, "ये दावे यूनिसेफ़ के नहीं हैं।"

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    6 मार्च, 2020 को यूनिसेफ़ ने एक प्रेस रिलीज भी जारी की, जिसमें लोगों को सलाह दिया गया था कि वह मिलने वाली जानकारी को उल्लेख किए गए स्रोत के साथ क्रॉसचेक करें और सोशल मीडिया पर फैलाए जाने वाले किसी भी झूठी जानकारियों पर विश्वास ना करें।


    हालाँकि, ये दावे यूनिसेफ़ को श्रेय देते हुए और उन्हें दिए बिना श्रेय के साथ भी फैलाए जा रहे हैं।

    ये सभी दावे वैज्ञानिक रूप से समर्थित नहीं हैं और बूम ने पहले भी इनमें से कुछ सिद्धांतों को ख़ारिज किया है।

    दावे और उनके तथ्य इस प्रकार हैं:

    1. कोरोना वायरस आकार में बड़ा होता है और इसका डायमीटर 400-500 माइक्रोन होता है, इसलिए कोई भी मास्क इसके प्रवेश को रोक सकता है।

    रेटिंग: भ्रामक

    फ़ैक्ट: कोरोनावायरस एक कोशिका नहीं है बल्कि एक संक्रमक एजेंट है जो जीवित जीवों की कोशिकाओं में पनपता है। वायरस के आकार का पता लगाने के लिए अभी भी रिसर्च चल रहा है। इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन का सुझाव है कि मास्क उन व्यक्तियों द्वारा पहना जाना चाहिए जो स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं। फेस मास्क वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुए हैं। हालांकि, यह एक प्रभावित व्यक्ति से गैर-प्रभावित व्यक्तियों में वायरस को प्रसारित करने के जोखिम को कम करने में मदद करता है। लोग मास्क को कोविड -19 से बचने का ज़रिया समझ रहे हैं जिससे मास्क की मांग में वृद्धि हुई है।

    2. वायरस हवा में नहीं, बल्कि जमीन पर बसा होता है, इसलिए यह हवा द्वारा प्रसारित नहीं होता है।

    रेटिंग: आंशिक रूप से सच / आंशिक रूप से गलत

    फ़ैक्ट: यह दावा अब तक साबित नहीं किया जा सका है कि वायरस हवा द्वारा नहीं फैलता है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोविड-19 से पीड़ित व्यक्ति द्वारा खांसी या उसके द्वारा सांस छोड़ने पर यह वायरस नाक या मुंह के जरिए दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकता है। संक्रमित बूंदें व्यक्ति के आसपास की वस्तुओं और सतहों पर रहती हैं। लोग जब इस सतहों को छूने के बाद अपने चेहरे या नाक को छूते तो वह वायरस उनमें भी जा सकता है। लोगों के कोविड-19 से पीड़ित होने की संभावना तब भी है अगर वे कोविड-19 से पीड़ित व्यक्ति द्वारा खांसी करने पर बाहर निकलने वाली बूंदों में सांस लेते हैं। यही कारण है कि बीमार रहने वाले व्यक्ति से 1 मीटर (3 फीट) से अधिक रहना महत्वपूर्ण है। बूंदें हवा में मौजूद रहती हैं और अगर कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के करीब है, तो संभावना है कि वे कोविड-19 से पीड़ित हो जाएं।

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    3. कोरोनावायरस, जब यह एक धातु की सतह पर गिरता है, तो 12 घंटे तक जीवित रहेगा, इसलिए साबुन और पानी से अच्छी तरह से हाथ धोना अच्छा है।

    रेटिंग: आंशिक रूप से सच / आंशिक रूप से गलत

    फ़ैक्ट: डब्लूएचओ ने कोविड-19 पर अपने प्रश्नोत्तर में इस दावे को संबोधित किया है। यह बताता है कि यह निश्चित नहीं है कि कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस सतहों पर कितनी देर तक जीवित रहता है, लेकिन यह अन्य कोरोनावायरस की तरह व्यवहार करता है। अध्ययनों से पता चलता है कि कोरोनावायरस (COVID-19 वायरस पर प्रारंभिक जानकारी सहित) कुछ घंटों या कई दिनों तक सतहों पर बना रह सकता है। यह अलग-अलग स्थितियों (उदाहरण के लिए सतह, तापमान या वातावरण की आर्द्रता) के तहत भिन्न हो सकता है।

    यदि आपको लगता है कि एक सतह संक्रमित हो सकती है, तो वायरस को मारने के लिए सरल कीटाणुनाशक से सफाई करें और अपनी और दूसरों की रक्षा करें। अपने हाथों को अल्कोहल-आधारित हैंड-वॉश से साफ करें या उन्हें साबुन और पानी से धोएं। अपनी आंखों, मुंह या नाक को छूने से बचें।

    इस प्रकार, यह दावा है कि वायरस 12 घंटे तक सक्रिय है, वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं हुआ है, लेकिन डब्ल्यूएचओ का मानना ​​है कि सतह पर एक कीटाणुनाशक का उपयोग करना और अपने हाथों को धोना वायरस को दूर रखेगा।

    4. कोरोनावायरस जब कपड़ों पर गिरता है तो 9 घंटे तक रहता है इसलिए कपड़े धोने या उन्हें दो घंटे के लिए धूप में में रखने ने वे मर जाते हैं।

    रेटिंग: भ्रामक

    फ़ैक्ट: कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो बताता है कि सूरज के संपर्क में आने के बाद वायरस को मारा जा सकता है। हालिया वायरस पर अभी भी रिसर्च चल रहा है। यह दावा कि वायरस निश्चित समय के लिए सक्रिय है भ्रामक हैं और लोग पैमाने पर इस मुद्दे के बारे में ग़लत सूचना फैला रहे हैं।

    5. वायरस हाथों पर 10 मिनट तक रहता है इसलिए अल्कोहल सैनिटाइजर से इसे रोका जा सकता है।

    रेटिंग: आंशिक रूप से सच / आंशिक रूप से गलत

    फ़ैक्ट: वायरस के सक्रिय रहने के मामले में डब्लूएचओ ने अभी तक कोई निश्चित समय नहीं बताया है लेकिन वायरस को रोकने के लिए अल्कोहल सैनिटाइज़र के उपयोग की सिफारिश की गई है। अल्कोहल सैनिटाइज़र तेजी से हाथों पर सूखते हैं। ज्यादातर वैज्ञानिक बार-बार सैनिटाइज़र का उपयोग करके साबुन और पानी से हाथ धोने की सलाह देते हैं।

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    6. यदि वायरस 26-27 डिग्री सेल्सियस के तापमान के संपर्क में है, तो यह मर जाएगा, यह गर्म क्षेत्रों में नहीं रहता है। साथ ही गर्म पानी पीना और सूरज के संपर्क में रहना काफी अच्छा है।

    रेटिंग: अधिक वैज्ञानिक साक्ष्य की आवश्यकता है

    फ़ैक्ट: अन्य वायरस की तरह, कोरोनावायरस उच्च तापमान पर आसानी से निष्क्रिय हो जाता है, लेकिन सटीक तापमान का अभी तक पता नहीं चल पाया है। आम तौर पर, ठंड और फ्लू जैसे वायरस कम तापमान के दौरान उभरते और पनपते हैं। वह उच्च तापमान पर पूरी तरह से मिट नहीं रहे हैं।

    7. आइसक्रीम और ठंडा भोजन से दूर रहना महत्वपूर्ण है।

    रेटिंग: ग़लत

    फ़ैक्ट: हमें कोई सबूत नहीं मिला कि गर्म पानी पीना, सूरज के संपर्क में आना या "आइसक्रीम से दूर रहना" संक्रमण को रोक सकता है। बूम ने पहले भी इस दावे को ख़ारिज किया है।

    8. गर्म पानी और नमक से गरारे करने से टॉन्सिल मर जाते हैं और उन्हें फेफड़ों में जाने से रोकता है।

    रेटिंग: - अस्पष्ट

    फ़ैक्ट: यह सामान्य सर्दी और खांसी को दूर रखने के लिए निर्धारित एक सामान्य उपाय है और विशेष रूप से कोविड-19 से संबंधित नहीं है।

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    Claim :   कोरोनावायरस पर यूनिसेफ़ ने जारी की आठ सलाहों की सूचि
    Claimed By :  WhatsApp
    Fact Check :  False
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