फ़र्ज़ी: संबित पात्रा ने दावा किया कि अजमल कसाब को जेल में बिरयानी खिलाई गयी थी
पात्रा ने स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर उज्जवल निकम के दावे को दोहराया जिन्होंने 26/11 मुंबई अटैक मामले में स्टेट को रिप्रेजेंट किया था |
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक पुराने और फ़र्ज़ी दावे को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा कि आतंकवादी अज़मल कसाब को 2008 मुंबई अटैक के ट्रायल के इंतज़ार के दौरान जेल में बिरयानी खिलाई जाती थी |
बूम ने स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर उज्जवल निकम से इस दावे के बारे में शुक्रवार को बात की | निकम ने बूम से कहा, "यह पूरी तरह गलत है | अज़मल कसाब एक आतंकवादी था और जैसा की आरोप है, उसे कोई बिरयानी नहीं दी गयी थी | उसे जेल मैन्युअल के मुताबिक़ खाना दिया जाता था |"
पात्रा ने 10 सितम्बर 2020 को आज तक दंगल पर हुए एक पैनल डिस्कशन की क्लिप ट्वीट की जिसमें वह बोल रहे हैं: "जब कसाब को, जब कसाब को इन्ही के पैसे से बिरियानी खिलाया जाता था तो एक दिन तो इन्होने नहीं कहा की कसाब को बिरयानी मत खिलाओ मेरे पैसे से |"
कंगना रनौत को मिली Y+ सिक्योरिटी, इसका क्या मतलब है?
आज तक की यह बहस 9 सितम्बर 2020 को बी.एम.सी द्वारा बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के नरगिस दत्त रोड पर स्थित प्रोडक्शन हाउस के कुछ हिस्से को गिरा देने के आस पास थी |
बी.एम.सी ने कंगना रनौत के बंगले के कुछ हिस्से को यह आरोप लगते हुए गिराया की वह अवैध था | पात्रा ने यह पुराना मनगढ़ंत दावा फिर दोहराया जब पैनेलिस्ट रवि श्रीवास्तव ने पुछा की बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को Y + सिक्योरिटी करदाताओं के पैसे पर क्यों दी गयी |
अभिनेत्री सुशांत सिंह राजपूत की मौत के सिलसिले में महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री और कई अन्य लोगों से भिड़ी हुई हैं और कई विवादास्पद बयान भी दिए हैं |
रवि श्रीवास्तव : कंगना को security मेरे पैसे से क्यों दो गयी?
— Sambit Patra (@sambitswaraj) September 10, 2020
मेरा उत्तर : जब अजमल कसाब को आपके पैसे से बिरयानी दो जा रही थी तब आपको कोई दिक़्क़त नहीं थी। pic.twitter.com/OuqGuzfOJS
इसी दावे के साथ वीडियो फेसबुक पर भी शेयर किया जा रहा है |
ए.बी.पी न्यूज़ के फ़र्ज़ी स्क्रीनशॉट्स हो रहे हैं वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने 'उज्जवल निकम और कसाब बिरयानी' कीवर्ड्स के साथ सर्च किया और कई न्यूज़ रिपोर्ट्स पाई जहाँ यह मनगढंत दावे को रिपोर्ट किया गया था |
उज्जवल निकम स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर थे जिन्होंने देश यानी स्टेट की ओर से 2008 मुंबई हमले में दलीलें पेश की थीं | यह हमला लश्कर-ए-तैबा के आतंकवादी मुहम्मद अज़मल आमिर कसाब और 9 और आतंकवादियों ने नवंबर 26-29, 2008 के बीच किया था | इस हमले में ताज होटल शामिल था | कसाब अकेला आतंकवादी था जो ज़िंदा पकड़ा गया था और उसे 21 नवंबर 2012 को फांसी हुई थी |
बूम ने कई न्यूज़ रिपोर्ट्स पाई जिसमें निकम ने माना कि कसाब ने कभी बिरयानी की मांग नहीं की | उन्होंने यह भी कहा था कि दावा उनका मनगढंत था |
हमनें निकम से एक बयान के लिए संपर्क किया | उन्होंने मैसेज का जवाब दिया, "यह पूरी तरह गलत है | अज़मल कसाब एक आतंकवादी था और जैसा की आरोप है, उसे कोई बिरयानी नहीं दी गयी थी | उसे जेल मैन्युअल के मुताबिक़ खाना दिया जाता था |"
इंडियन एक्सप्रेस को 2015 में दिए गए एक बयान में निकम ने कहा था, "मीडिया को एक जिम्मेदार भूमिका निभानी होगी और सतर्क रहना होगा | उन्होंने [मीडिया ने] उसके [कसाब के] आंसुओं को दिखाया और उसे एक बलि के बकरे के रूप में पेश किया और एक युवा के रूप में पेश किया जो गलत था | मीडिया के इस प्रचार के बाद मैंने देखा कि लोगों के नज़रिये में झुकाव आया था | तब मैंने यह मनगढंत दावा किया कि उसने [कसाब ने] मटन बिरयानी की मांग की है ताकि लोगों का ध्यान भटके |"
निकम के इस बयान को इकनोमिक टाइम्स, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, इंडिया टुडे, फर्स्ट पोस्ट और कई अन्य मीडिया संस्थानों ने प्रकाशित किया था |
न्यूज़18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ सी.एन.एन आई.बी.एन को निकम ने बताया कि, "उस वक़्त मीडिया मुझसे ऐसे सवाल कर रही थी जिससे लग रहा था कि कसाब एक युवा था जिसे ब्रेनवाश कर एक बलि का बकरा बनाया गया था | इसके जवाब में मैंने कह दिया था कि उसने मटन बिरयानी की मांग की है | यह कभी तथ्यपूर्ण बयान नहीं था |