राजस्थान में राजनैतिक उथल-पुथल के बीच सारा पायलट का फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल वायरल
बूम ने पाया की सारा पायलट ट्विटर पर मौजूद नहीं हैं और उनके नाम से फ़र्ज़ी ट्वीट्स पर न्यूज़ रिपोर्ट्स लिखी गयी हैं
राजस्थान में राजनैतिक उठापटक के बीच राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की पत्नी सारा पायलट के नाम पर एक फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल से ट्वीट्स वायरल हो रहे हैं | वायरल ट्वीट्स में नाम लिए बगैर गहलोत की आलोचना की गयी है |
इसी बीच इन ट्वीट्स को सच मानते हुए न्यूज़ वायर एजेंसी आई.ए.एन.एस ने अपनी रिपोर्ट में इसका उल्लेख भी कर दिया और एजेंसी की इस रिपोर्ट को आउटलुक और फ़्री प्रेस जर्नल जैसे मीडिया संस्थानों ने भी प्रकाशित कर दिया | हिंदी अखबार दैनिक जागरण के प्रिंट और डिजिटल वर्शन में भी इन फ़र्ज़ी ट्वीट्स को जगह दी गयी है | आपको बता दें की सारा पायलट ट्विटर पर नहीं हैं |
ये पहली दफ़ा नहीं होगा की बूम ने आई.ए.एन.एस में छपी रिपोर्ट को फ़ैक्ट चेक किया हो | कुछ ही दिन पहले वायर एजेंसी ने सुशांत सिंह राजपूत के पिता के नाम से चल रहे एक फ़र्ज़ी ट्विटर अकाउंट को असली समझ लिया था |
सुशांत सिंह राजपूत: आई.ए.एन.एस, जागरण सीबीआई जाँच की मांग करने वाले फ़र्ज़ी एकाउंट के झांसे में आए
ये फ़र्ज़ी ट्वीट्स ऐसे समय पर वायरल हो रहें हैं जब राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के दो दिग्गज नेता - राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट - के बीच राजनैतिक अनबन शुरू है | न्यूज़ रिपोर्ट्स की माने तो पायलट ने गहलोत सरकार के ख़िलाफ़ बगावत कर दी है जिसकी वजह से प्रदेश में राजनैतिक संकट आन पड़ा है | पूरा मामला यहाँ और यहाँ पढ़ें |
इसी बीच सारा पायलट के नाम से वायरल किए गए फ़र्ज़ी ट्वीट्स को लोग असल समझ रहें हैं |
इस हैंडल से अशोक गहलोत के ख़िलाफ़ और सचिन पायलट के पक्ष में एक के बाद एक कई ट्वीट्स किए गए हैं | फॉलोवर्स की संख्या भी 20,000 के करीब है |
कुछ ट्वीट्स नीचे देखें |
सहन करने की #हिम्मत रखता हूँ .........
— Sarah Sachin Pilot (@SarahSachin) July 13, 2020
तो तबाह करने का #हौसला भी रखता हूँ..#Sachin_Pilot pic.twitter.com/hl0ZzPXENW
6 साल गांव ढाणी सडको पर चलने वालो के पेरो मे छाले पड गये।
— Sarah Sachin Pilot (@SarahSachin) July 12, 2020
संघर्ष भरे जीवन पर पानी फेरकर जयचंद सत्ता हथियाने मे लग गये। - @INCIndia#Sachin_pilot #Sachin_RajasthanKaPilot pic.twitter.com/0qwijT9xcg
इन ट्वीट्स के आधार पर न्यूज़ एजेंसियों द्वारा की गई न्यूज़ रिपोर्ट्स नीचे देखें | आउटलुक का लेख यहाँ और फ़्रीप्रेस जर्नल का लेख यहाँ पढ़ें |
इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |
दैनिक जागरण की रिपोर्ट यहाँ देखें और उसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ उपलब्ध है |
इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |
कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के साथ नज़र आ रहे संबित पात्रा की ये तस्वीर फ़र्ज़ी है
इन्ही ट्वीट्स को फ़ेसबुक पोस्ट्स (आर्काइव) पर भी शेयर किया गया है |
नीचे देखें |
यही समाचार यूट्यूब पर भी वायरल है |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने ट्विटर हैंडल के बायो को करीब से देखा और पाया की यह सारा पायलट का हैंडल नहीं है | सबसे पहले तो हैंडल में उनका नाम गलत लिखा गया है | अंग्रेजी में उनका नाम "Sarah" लिखा गया है जबकि उनका नाम "Sara" लिखा जाता है | यहाँ और यहाँ देखें |
इसके अलावा पॉलिटिक्स को "पोलटिक्स", कश्मीर को "कसमीर" लिखा है | बायो में लिंक भी सचिन पायलट के नाम पर बने विकिपीडिया का है ना की सारा पायलट का | सारा पायलट जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाह की बहन हैं और पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला की बेटी हैं | यह हैंडल ट्विटर द्वारा सत्यापित भी नहीं है |
बूम ने पाया की राजस्थान से एक पत्रकार तबीनाह अंजुम ने इस हैंडल को फ़र्ज़ी बताया है और न्यूज़ संस्थाओं को इस हैंडल से ट्वीट्स इस्तेमाल करने से मना किया है | उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा: "यह एक फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल है | मुझे ताज्जुब हो रहा है की इस हैंडल से ट्वीट्स मुख्य धारा की न्यूज़ और एजेंसी के लेखों में इस्तेमाल हुए हैं |"
Please don't use tweets from here to file stories. This is a FAKE twitter account.
— Tabeenah Anjum (@TabeenahAnjum) July 12, 2020
Surprised to see tweets from this account making it to mainstream news and agency stories. @TwitterIndia please take note
CC @OmarAbdullah @free_thinker @AltNews pic.twitter.com/hz8NinYgoH
इसके अलावा हमनें पाया की सचिन पायलट द्वारा इस हैंडल को फ़ॉलो नहीं किया जाता है | इसके अलावा ओमर अब्दुल्लाह भी इस हैंडल को फ़ॉलो नहीं करते | ट्विटर के एक टूल doesfollow की मदद से हमनें यह जानकारी प्राप्त की है | इस टूल से पता चल सकता है की कौन किस हैंडल को फ़ॉलो कर रहा है |
बूम ने इससे पहले भी न्यूज़ एजेंसी आई.ए.एन.एस द्वारा फ़र्ज़ी ख़बरों को प्रकाशित करने पर लेख लिखे हैं | यहाँ और यहाँ पढ़ें |