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फैक्ट चेक

खालिस्तान समर्थक नारों का पांच साल पुराना वीडियो किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल

बूम ने पाया कि वायरल क्लिप अक्टूबर 2015 में कश्मीरी सिखों द्वारा पंजाब में उनके धर्मग्रंथ के अपमान के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन से है।

By - Anmol Alphonso |
Published -  12 Dec 2020 5:13 PM IST
  • खालिस्तान समर्थक नारों का पांच साल पुराना वीडियो किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल

    जम्मू और कश्मीर के बारामूला में आयोजित सिख धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान के ख़िलाफ़ पांच साल पुरानी एक विडियो क्लिप, जिसमें खालिस्तान और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए गए थे, को किसानों के विरोध प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

    विडियो क्लिप को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के तीन नए कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में शेयर किया जा रहा है. क़रीब 17 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियन के नेता कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और अन्य नेताओं के साथ बैठक कर चुके हैं. हालांकि अब तक इन बैठकों का कोई नतीजा नहीं निकला है.

    45 सेकेंड की क्लिप में, प्रदर्शनकारियों को जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर पकड़े हुए खालिस्तान समर्थक और पाकिस्तान समर्थक नारे, जैसे 'पंजाब बनेगा खालिस्तान' और 'कश्मीर बनेगा पाकिस्तान' के नारे लगाते सुना जा सकता है।

    क्या ऋतिक रोशन किसान आंदोलन में समर्थन देने पहुंचे हैं?

    इस क्लिप को कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसे मराठी से अनुवादित करते हुए लिखा गया है, "देखिये पंजाब के युवा किसानों द्वारा कृषि बिल का विरोध करते हुए क्या नारे लगाये जा रहे हैं? वही किसानों के कृषि बिल का शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, और कांग्रेस द्वारा समर्थन किया जा रहा है।"

    पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

    एक अन्य यूज़र ने विडियो शेयर करते हुए लिखा की "किसान आंदोलन की देश विरोधी झलक इस 1 मिनट के वीडियो में....कश्मीर बनेगा पाकिस्तान...पंजाब बनेगा खालिस्तान"

    पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

    इसी विडियो क्लिप को ट्विटर यूजर 'आकाश आरएसएस' ने शेयर किया था। बूम ने पहले भी इस ट्विटर हैंडल द्वारा शेयर की गई फ़र्ज़ी सूचनाओं को खारिज कर चुका है।

    अगर आप भी चाहते है कि इनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो तो ज्यादा से ज्यादा वायरल करें pic.twitter.com/VwjbioLuOJ

    — Akash RSS (@Satynistha) December 8, 2020

    पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

    बूम को अपने व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर (7700906111) पर भी वायरल क्लिप प्राप्त हुई।


    नहीं, यह ट्रैफ़िक जाम किसान आंदोलन के कारण नहीं हुआ है

    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने पाया कि वायरल क्लिप अक्टूबर 2015 से है, जब जम्मू-कश्मीर के बारामूला में सिख धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान के ख़िलाफ़ खालिस्तान और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए गए थे।

    हमने वीडियो में सुनाई दे रहे नारे 'कश्मीर बनेगा पाकिस्तान', 'पंजाब बनेगा खालिस्तान' 'सिख्स' जैसे कीवर्ड के साथ यूट्यूब पर सर्च किया और 18 अक्टूबर 2015 को यूट्यूब चैनल द कश्मीर पल्स द्वारा उस घटना पर अपलोड की गयी एक लंबी विडियो क्लिप मिली।

    वीडियो के विवरण में कहा गया है कि सिख प्रदर्शनकारियों ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला में सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए थे। वीडियो में दृश्य और लगाये जा रहे नारे वायरल क्लिप से मेल खाते हैं।

    इस वीडियो में उल्लिखित घटना के बारे में खोज करने पर, हमें डेक्कन क्रॉनिकल पर 19 अक्टूबर, 2015 की एक समाचार रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया कि पंजाब में सिखों के धर्म ग्रंथ के अपमान के ख़िलाफ़ जम्मू-कश्मीर के उत्तर-पश्चिमी शहर बारामूला में प्रदर्शन में प्रो-खालिस्तान और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए गए थे।


    बूम ने पहले भी किसान आंदोलन से जुड़ी भ्रामक और फ़र्ज़ी ख़बरों का खंडन कर चुका है, जिसमें प्रदर्शन में शामिल किसानों को पुरानी खालिस्तान समर्थक विडियो और तस्वीरों से जोड़कर निशाना बनाया गया है।

    #THREAD👇सरकार के कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हज़ारों #किसान_आंदोलन कर रहे हैं। जैसे जैसे ये आंदोलन बढ़ रहा हैं, उस से जोड़कर #FakeNews तेज़ी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। हमने ऐसी कुछ ख़बरो को ख़ारिज किया।#BOOMFactCheck #FarmersProtests

    — BOOM Hindi (@BoomFactsHindi) December 2, 2020

    कैप्टन अमरिंदर सिंह और मुकेश अम्बानी की पुरानी तस्वीर वायरल

    Tags

    Farmers protestKisan AndolanFake NewsFact Check
    Read Full Article
    Claim :   किसानों के विरोध प्रदर्शनों में खालिस्तान समर्थक और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए जा रहे हैं
    Claimed By :  Social Media Users
    Fact Check :  False
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