2019 लोकसभा चुनाव मतदाता सूची में जामिया शूटर का नाम? फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि मतदाता जानकारी समान नाम वाले किसी और शख़्स की है, जामिया शूटर से संबंधित नहीं|
चुनाव आयोग की वेबसाइट से "मतदाता जानकारी" का एक स्क्रीनशॉट झूठे दावों के साथ वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह जानकारी उस नाबालिग की है, जिसने 30 जनवरी, 2020 को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र पर गोली चलाई थी।
स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल यह दावा करने के लिए किया जा रहा है कि चूंकि शूटर का नाम मतदाता सूची में दिखाई देता है, इसलिए वह नाबालिग नहीं हो सकता। हालांकि, बूम ने पाया कि "मतदाता जानकारी" शूटर की नहीं है, बल्कि सामन नाम वाले किसी और व्यक्ति का है जो उस निर्वाचन क्षेत्र में रहता है।
उप्साला विश्वविद्यालय में पीस एंड कंफ्लिक्ट के प्रोफेसर अशोक स्वैन ने 2 फरवरी, 2020 को कैप्शन के साथ भ्रामक जानकारी देते हुए ट्वीट किया था: "हिंदुत्व आतंकवादी, 'रामभक्त' गोपाल शर्मा, जिसने, इस सप्ताह, जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के सामने एक कश्मीरी-मुस्लिम प्रदर्शनकारी पर गोली चलाई थी, वह नाबालिग नहीं लगता है। उसका नाम 11 अप्रैल 2019 के चुनाव के लिए मतदाता सूची में था। भारत में, मतदान के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष है।"
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ट्वीट का स्क्रीनशॉट यूट्यूबर ध्रुव राठी ने अपने फ़ेसबुक पेज पर भी शेयर किया था।
यह स्क्रीनशॉट जल्द की ट्वीटर पर अन्य कैप्शनों के साथ वायरल हो गया।
एएनआई द्वारा दो विरोधाभाषी ट्वीट किए जाने के बाद शूटर की उम्र को लेकर भ्रम की स्थिति सामने आई- पहले ट्वीट में शूटर की उम्र 19 साल बताई और दूसरे में बताया गया कि (सीबीएसआई मार्कशीट के अनुसार ) वह 18 साल से कुछ महीने कम का था।
Delhi: CBSE marksheet of the allegedly minor gunman who brandished a gun and opened fire in Jamia area, earlier today. One student was injured in the incident. pic.twitter.com/3p6Pgbsl7P
— ANI (@ANI) January 30, 2020
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने चुनाव आयोग के राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर स्क्रीनशॉट में दिया गया विवरण डाला और पाया कि जानकारी सही है। हालांकि, मतदाता की तस्वीर मौजूद नहीं थी, न ही अन्य विवरण थे जो बता सके कि यह शूटर का ही नाम है।
"मतदाता जानकारी" में वर्णित पिता का नाम दीपचंद शर्मा दिया गया है। बूम ने न्यूज़लांड्री के रिपोर्टर अयान शर्मा से बात की, जिन्होंने हाल ही में शूटर के परिवार और पड़ोसियों से मुलाकात की, जिन्होंने हमें बताया कि शूटर के पिता का नाम दीपचंद शर्मा नहीं है।
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शर्मा ने कहा, "शूटर के बारे में जो मतदाता जानकारी फैलाई जा रही है वो ग़लत है। उसके पिता का असली नाम मतदाता विवरण में दिए गए नाम से मेल नहीं खाता है।"
इस बीच, द क्विंट के संवाददाताओं ने गौतम बुद्ध नगर जिले में कलेक्ट्रेट कार्यालय का दौरा किया, जहां जेवर का निर्वाचन क्षेत्र स्थित है। वे वायरल हो रही मतदाता विवरण तक पहुंचे जिसमें उसकी तस्वीर भी शामिल है।
शूटर की तस्वीर के साथ तुलना करने पर, उन्होंने स्पष्ट असमानताएं पाईं, और उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि यह जानकारी शूटर की नहीं है। उन्होंने शूटर की सीबीएसई मार्कशीट और आधार कार्ड पर लिखे पिता के नाम के साथ वायरल हो रही मतदाता जानकारी की तुलना भी की और न्यूज़लांड्री के दावे को सही पाया कि शूटर के पिता का नाम "दीपचंद शर्मा" नहीं हैं।
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आगे पत्रकार अरविंद गुणसेकर ने पाया कि उस निर्वाचन क्षेत्र में 16 अन्य लोगों के नाम शूटर के नाम के समान है।