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फैक्ट चेक

पुलिस सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ प्रदर्शन में शामिल? नहीं यह फ़र्ज़ी है

बूम ने पाया की वास्तव में तस्वीर पुलिस और वकीलों के बीच तिस हज़ारी कोर्ट में हुई झड़प के प्रदर्शन की है

By - BOOM FACT Check Team |
Published -  23 Dec 2019 4:17 PM IST
  • पुलिस सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ प्रदर्शन में शामिल? नहीं यह फ़र्ज़ी है

    सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर जिसमें पुलिसकर्मी नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ पोस्टर लेकर बैठे दिखाई देते हैं, वो फ़र्ज़ी और फ़ोटोशॉप्ड है | यह ऐसी दूसरी तस्वीर है जिसमें पुलिस को अधिनियम के ख़िलाफ प्रदर्शन में शामिल होते दिखाया गया है |

    यह तस्वीर उस वक़्त वायरल हो रही है जब भारत के कई राज्यों में पुलिस दल प्रदर्शनों को रोकने की भरसक कोशिश कर रहे हैं | यह प्रदर्शन नागरिकता संधोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर ने ख़िलाफ हैं | अब तक प्रदर्शनों में करीब 17 लोगों की मौत हो चुकी है जिसका कारण पुलिस के साथ झड़प रहा है |

    यह भी पढ़ें: गैरकानूनी तरीके से भारत आ रहे हैं बांग्लादेशी हिन्दू? नहीं, दावा झूठ है

    इस तस्वीर में पुलिसकर्मियों को तीन पोस्टर लिए हुए देखा जा सकता है, 1 - 'नो सीएए, नो एनआरसी', 'वी अपोस एनआरसी एंड सीएए', और 'मासूमों पर लाठीचार्ज हमसे न हो पाएगा'. यह तीनों पोस्टर फ़र्ज़ी हैं और डिजिटल तरीके से वास्तविक तस्वीर से छेड़ छाड़ कर बनाए गए हैं |

    यहाँ आर्काइव्ड वर्शन के लिए क्लिक करें |


    फ़ैक्ट चेक

    तस्वीरों को ध्यान से देखने पर मालूम होता है की इनके कोने अस्तव्यस्त हैं जो यह बताता है की इनसे डिजिटल रूप से छेड़छाड़ हुई है |


    रिवर्स इमेज सर्च से पता चलता है की यह तस्वीर वास्तविक तौर पर 5 नवंबर, 2019 की है जब पुलिसकर्मियों ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय तक लॉयर और पुलिसकर्मी के बीच हुई मुठभेड़ के ख़िलाफ प्रदर्शन में मार्च किया था |

    2 नवंबर, 2019 को तिस हज़ारी कोर्ट परिसर में पुलिस और वकीलों के बीच पार्किंग को लेकर एक बड़ी मुठभेड़ हुई थी | दोनों पक्षों के लोगों को काफी चोटें आयी थी और कई वाहन छतिग्रस्त हुए थे | इस घटना से पूरे देश को झटका लगा था |

    यह भी पढ़ें: महिला प्रदर्शनकारियों की असंबंधित तस्वीरें असम की घटना बता कर वायरल

    वास्तविक तस्वीर प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया द्वारा ली गयी थी जो स्क्रॉल और कई न्यूज़ वेबसाइट द्वारा इस्तेमाल की गयी थी | वास्तविक तस्वीर में, "वी वांट जस्टिस", "कौन सुनेगा किसको सुनाए", "आज पुलिस कल?" जैसे वाक्य थे |

    वास्तविक तस्वीर 5 नवंबर 2019 को दिल्ली में वकीलों के विरुद्ध पुलिस के प्रदर्शन की है | (तस्वीर: प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया)


    Tags

    National Register of CitizenCitizenship Amendment ActCitizenship Amendment BillNarendra ModiAmit Shahdelhi policeTis Hazaari CourtCAA Protest
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    Claim :   पुलिस सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ प्रदर्शन में शामिल
    Claimed By :  Facebook posts
    Fact Check :  False
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