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      नीट में दो उम्मीदवारों के 720/720 आने पर भी रैंक अलग-अलग क्यों?

      बूम ने पाया कि जबकि आकांक्षा सिंह के भी 720 अंक हैं, वे दूसरे स्थान पर इसलिए हैं क्योंकि वे आफ़ताब से छोटी हैं

      By - Shachi Sutaria | 19 Oct 2020 12:17 PM GMT
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    • नीट में दो उम्मीदवारों के 720/720 आने पर भी रैंक अलग-अलग क्यों?

      पिछले हफ्ते 16 अक्टूबर को मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के रिजल्ट आये | सोएब आफ़ताब और आकांक्षा सिंह ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) में 'सटीक 720' अंक ला कर इतिहास रचा है | यह दोनों क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर आये हैं |

      रोचक बात यह है कि जबकि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर की आकांक्षा सिंह और राउरकेला, ओडिशा, के आफ़ताब दोनों ने ही 'परफ़ेक्ट 720' अंक लाये, आकांक्षा सिंह द्वितीय स्थान पर हैं |

      सिंह को द्वितीय स्थान नीट की उस निति के तहत मिला है जो समान अंक आने पर स्थान निर्धारित करने हेतु इस्तेमाल की जाती है | जब किसी दो या ज़्यादा उम्मीदवारों के एक जैसे अंक होते हैं तो चार मुख्य बातों को आधार बना कर स्थान निर्धारित किया जाता है: बायोलॉजी में अंक, केमिस्ट्री में अंक, गलत जवाबों की संख्या और उम्मीदवार की उम्र | इस बात पर इंटरनेट पर काफी बहस हुई की आफ़ताब को नीट टॉपर क्यों घोषित किया गया जब दोनों ने '720 में से 720 अंक प्राप्त किये थे' |

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      इस मुद्दे को लेकर फ़िल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री और लेखक शेफ़ाली वैद्य ने भी ट्वीट किया और साथ ही सवाल किया कि आफ़ताब को प्रथम स्थान क्यों दिया गया |

      आर्काइव यहां और यहां देखें |

      Why was only Soyeb Aftab declared NEET topper when Akanksha also scored 720/720?

      — Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) October 17, 2020


      If #AkankshaSingh has got the exact same marks as Soyeb Aftab, who decides he has top rank in #NEETResult2020 and she is number 2? pic.twitter.com/4A12Wp5Dcn

      — Shefali Vaidya. (@ShefVaidya) October 17, 2020

      टाई-ब्रेकर नीति

      राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के अनुसार चार नीतियां हैं जिसे ध्यान में रखते हुए नीट परीक्षा में स्थान निर्धारित किए जाते हैं |

      पहली नीति के अनुसार देखा जाता है कि छात्र/छात्रा ने जिव विज्ञान यानी बायोलॉजी में कितने अंक प्राप्त किया हैं | कुल 180 सवालों में 90 सवाल बायोलॉजी के होते हैं (बॉटनी और ज़ूलॉजी) बाक़ी 45 रसायनशात्र यानी केमिस्ट्री और 45 भौतिक विज्ञान यानी फिजिक्स के होते हैं |

      जब दो या दो से अधिक उम्मीदवार समान अंक प्राप्त करते हैं, उम्मीदवार जिसने बायोलॉजी में अधिक अंक प्राप्त किये हैं, उसे ऊंचा स्थान दिया जाता है | यदि बायोलॉजी में समान अंक हैं तो केमिस्ट्री में अधिक अंक पाने वाले को ऊंचा स्थान दिया जाता है |

      अब यदि केमिस्ट्री के अंक भी समान है तो देखा जाता है कि किसने कम गलत उत्तर दिए हैं | कम गलत उत्तर देने वाले उम्मीदवार को ऊंचा स्थान दिया जाता है |

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      यदि यह सारे मानदंड भी समान हैं तो उम्र में बड़े उम्मीदवार को ऊँची रैंक दी जाती है |

      क्योंकि आफ़ताब और सिंह ने पूरे अंक प्राप्त किए हैं, तीन मापदंड तुलनात्मक नहीं हैं | इसलिए उम्र की तुलना की गयी | आफ़ताब 18 वर्ष के होने के कारण प्रथम स्थान पर आये वहीँ आकांक्षा 17 वर्ष की होने की वजह से द्वितीय हैं, राष्ट्रिय परिक्षण एजेंसी ने पीटीआई को बताया |

      ध्यान देने लायक बात यह है कि यह नीतियां केवल नीट में इस्तेमाल होती हैं |

      इंजीनियरिंग के लिए होने वाले जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम यानी जी.इ.इ. में उम्र को मापदंड नहीं बनाया जाता है | जब जे.इ.इ. में उम्मीदवारों के समान अंक आते हैं तो तीन मापदंडों - उच्च पॉजिटिव अंक, गणित में अंक, फिजिक्स में अंक - को ध्यान में रखा जाता है | इसके बाद भी यदि अंक समान हैं तो एक ही स्थान दोनों उम्मीदवारों को दिया जाता है |

      नीट 2020

      नीट 2020 कोरोनावायरस महामारी के कारण दो बार स्थगित हुआ और आखिरकार 13 सितम्बर को आयोजित किया गया | लोगों ने विरोध किया था | जो उम्मीदवार कन्टेनमेंट ज़ोन में थे और परीक्षा नहीं दे सके थे, वे 14 अक्टूबर को नीट में शामिल हुए | 13.66 लाख लोगों में से 7,71,500 उम्मीदवार आगे के चरणों के लिए क्वालीफाई किए हैं |

      Tags

      Akanksha SinghAkansha SinghNEETNational Eligibility cum entrance testNEET 2020NEET tie breakerAkankshaNEET Air 1
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