तस्वीरों का यह सेट हालिया नीट और जेईई एग्जाम सेंटर्स से नहीं हैं
बूम ने पाया कि चारों तस्वीरें पुरानी हैं जो 2019 या उससे पहले ली गयी थीं
चार तस्वीरों का एक सेट ट्विटर पर वायरल हो रहा है | इसमें चार अलग अलग इलाके दिखाए गए हैं जिनमें लबालब पानी भरा हुआ है | दावा किया जा रहा है कि यह नीट और जेईई परीक्षा केन्द्रो की हालत है जहाँ सरकार परीक्षाएं करवाना चाहती है | यह दावे फ़र्ज़ी हैं क्योंकि तसवीरें पुरानी हैं |
बूम ने चारों तस्वीरों की पड़ताल की और पाया की यह 2019 या उससे पहले से इंटरनेट पर मौजूद हैं और बाढ़ की स्थिति तो दर्शाती हैं मगर इस साल की तस्वीरें नहीं हैं |
दरअसल मई में होने वाले नीट और जे.ई.ई यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट और जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम जो मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए होते हैं, नोवेल कोरोनावायरस महामारी के चलते स्थगित हो गए थे |
नीट और जेईई को लेकर क्या है विवाद?
इनका दोबारा सितम्बर में आयोजित कराये जाने की बात थी | जे.ई.ई 2 सितम्बर और नीट 13 सितम्बर को कराया जाना तय हुआ था | कई राज्यों का कहना था कि इन्हें स्थगित किया जाए | यहाँ तक कि अंतराष्ट्रीय पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थन्बर्ग ने भी ट्वीट कर इन परीक्षाओं का विरोध किया था |
सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें स्थगित ना करने का फ़ैसला लिया जिसके चलते यह पोस्ट्स वायरल हैं |
इन तस्वीरों के साथ दावा है: "यह परीक्षा केंद्रों और सरकार परीक्षा आयोजित करना चाहती है #SpeakUpForStudentSafety"
(अंग्रेजी: This is the condition of examination centres and Govt. wants to conduct exam's #SpeakUpForStudentSafety)
This is the condition of examination centres and govt. wants to conduct exam's #SpeakUpForStudentSafety pic.twitter.com/tSGUaN9y78
— Political____Dr⏺ (@Political___dr) August 28, 2020
This is the condition of examination centres and govt. wants to conduct exam's #SpeakUpForStudentSafety pic.twitter.com/ognUn7lZb2
— मैं भी बेरोजगार -☝️✍️ (@RBaiplawat1) August 28, 2020
फ़ैक्ट चेक
पहली तस्वीर
तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च कर हमें पता चला कि यह पटना की है | यह तस्वीर जागरण में 9 जुलाई 2019 को प्रकाशित हुई थी | यह लेख पटना में भारी बारिश के बाद कई इलाकों में पानी भर जाने पर एक रिपोर्ट थी |
दूसरी तस्वीर
पड़ताल करने पर हमें मिला कि यह तस्वीर हरिद्वार में 4 अगस्त 2019 को ली गयी थी | इस तस्वीर को जागरण के एक लेख में प्रकाशित किया गया था जो करीब एक साल पुरानी है |
इसके अलावा किसी भी न्यूज़ रिपोर्ट में यह नहीं पुष्टि कि गयी है की हरिद्वार के किसी एग्जाम सेंटर में पानी भरा गया है |
तीसरी तस्वीर
इस तस्वीर को भी रिवर्स इमेज सर्च करके देखा | हमें न्यूज़18 की एक रिपोर्ट मिली जो 31 अगस्त 2017 को प्रकाशित हुई थी |
वायरल हो रही यह तस्वीर के कैप्शन में लिखा था कि तस्वीर मुंबई में 29 अगस्त 2017 को बारिश के बाद पानी से लबालब एक सड़क दिखाती है | तस्वीर का क्रेडिट एसोसिएटेड प्रेस को दिया गया था |
इसके बाद जब हमें एसोसिएटेड प्रेस कि आधिकारिक वेबसाइट पर टाइम फ़िल्टर डाल कर देखा तो यही तस्वीर हमें वहां भी मिली | यह करीब तीन साल पुरानी तस्वीर है |
चौथी तस्वीर
यह तस्वीर पत्रिका कि वेबसाइट पर चार साल पहले प्रकाशित हुई थी जो प्रयागराज (पहले इलाहाबाद) में भरा हुआ पानी दिखाती है |
इन साक्ष्यों से पुष्टि होती है कि तस्वीर पुरानी हैं |
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