क्या छुट्टी पर आते ही किसान आंदोलन में पिता से मिलने पहुंचा सेना का जवान?
दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर दिल्ली से है, जहां एक सैनिक दिल्ली सीमा पर जारी किसान आंदोलन में शामिल अपने परिवार से मिलने पहुंच गया.
भारतीय सेना (Indian Army) की वर्दी में दो सिख सैनिकों और एक सिख व्यक्ति के बीच भावनात्मक क्षण दिखाने वाली तस्वीरों का एक सेट भ्रामक दावों के साथ वायरल है. दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर दिल्ली से है, जहां एक सैनिक दिल्ली सीमा पर जारी किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में शामिल अपने परिवार से मिलने पहुंच गया.
तस्वीर में एक सैनिक और दो अन्य लोगों के साथ एक रोते हुए भारतीय सेना के जवान को दिखाया गया है. तस्वीर के इर्द-गिर्द भावनात्मक माहौल दिखाता है कि ये दोनों जवान छुट्टी मिलते ही सीधे दिल्ली सीमा पर आ गए. वे अपने पिता, एक प्रदर्शनकारी किसान से मिले और आँसू रोक नहीं सके. इन दो तस्वीरों के सेट को कांग्रेस पार्टी, पंजाब प्रदेश कांग्रेस सेवादल, राष्ट्रीय शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा सहित कई सत्यापित हैंडल द्वारा शेयर किया गया है.
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मनजिंदर सिंह सिरसा ने तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया कि "फौजी छुट्टी पर घर आय तो सबसे पहले अपने किसान पिता से मिलने दिल्ली बॉर्डर पहुंचा और उनसे मिलकर उसकी आँखों में आंसू भर आये. देश के लिए जान लुटाने वाले फ़ौजी परिवारों को कोई घटिया सोच वाला इंसान ही खालिस्तानी कहेगा!"
फ़ेसबुक पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां और ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
न्यूज 18 पंजाबी ने सिरसा के सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों पर एक लेख भी प्रकाशित किया. यहां लेख पढ़ें.
कांग्रेस पार्टी के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी इन वायरल तस्वीरों को ट्वीट किया गया, जिसमें लिखा गया कि "जिस किसान और जवान को इस भाजपाई हुकूमत के अहंकार ने आमने-सामने खड़ा कर दिया है, वो दोनों ही देश सेवा के लिए समर्पित हैं और उनमें एक-दूसरे के प्रति सहयोग का भाव है. भाजपा की साजिशें हमारे किसान और जवान को बांट नहीं सकती."
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
पंजाब प्रदेश कांग्रेस सेवादल ने इन्हीं तस्वीरों को शेयर किया. ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ बड़े पैमाने पर तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर पंजाब के लुधियाना के बस स्टैंड की है. ये तस्वीरें दिल्ली की बाहरी सीमा पर जारी किसान आंदोलन से संबंधित नहीं है. हमने एक तस्वीर के पीछे दिख रहे बैनर को इन्विड के मैग्नीफाइंग टूल की मदद से बड़ा किया और पाया कि उसपर पार्किंग बस स्टैंड लुधियाना को लिखा देखा जा सकता है.
हमने तब कुछ कीवर्ड की मदद से फ़ेसबुक पर सर्च किया तो लुधियाना पोस्ट द्वारा शेयर किया गया एक वीडियो मिला, जो लुधियाना बस स्टैंड पर शूट किया गया था. हम लुधियाना पोस्ट के वीडियो के दृश्यों के साथ वायरल वीडियो में स्थान का मिलान करने में स्वतंत्र रूप से सक्षम थे. गूगल मैप्स की तस्वीरों के साथ इसकी पुष्टि हुई है. यहां क्लिक करें.
नीचे लुधियाना पोस्ट वीडियो और वायरल तस्वीरों के बीच तुलना देखें.
हालांकि, हम सैनिकों सहित वायरल तस्वीर में दिखने वाले लोगों की पहचान करने में असमर्थ थे. तस्वीर के स्थान की पहचान लुधियाना, पंजाब के रूप में की गई है. इस बात से यह ज़रूर साफ़ हो जाता है कि तस्वीरों के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है.
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