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फैक्ट चेक

जर्मनी के गुरुकुल के रूप में वायरल यह तस्वीर असल में कहां की है?

दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर जर्मनी के एक गुरुकुल की है, जहां बच्चे सनातन संस्कृति अपना रहे हैं और साथ में भोजन ग्रहण करते हैं.

By - Mohammad Salman |
Published -  21 Jan 2021 10:30 AM
  • जर्मनी के गुरुकुल के रूप में वायरल यह तस्वीर असल में कहां की है?

    सोशल मीडिया पर एक तस्वीर खूब वायरल है, जिसमें कुछ बच्चों को सफ़ेद धोती और गमछा पहने केले के पत्तों पर खाना खाते देखा देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर जर्मनी के एक गुरुकुल की है, जहां बच्चे सनातन संस्कृति अपना रहे हैं और साथ में भोजन ग्रहण करते हैं.

    बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट का दावा फ़र्ज़ी है. वायरल तस्वीर जर्मनी के गुरुकुल की नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल के दतिया ज़िले के मायापुर में स्थित इस्कॉन संस्था के भक्तिवेदांत अकादमी की है.

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    फ़ेसबुक पर तस्वीर शेयर करते हुए सोनालिसा बहेरा नाम की एक यूज़र ने दावा किया कि "यह भारत नहीं बल्कि जर्मनी की तस्वीर है, जहाँ बच्चे गुरुकुल में पढ़ते हैं और साथ में भोजन ग्रहण करते हैं. जिस सनातन संस्कृति को हम भूलते जा रहे हैं विदेशी उसे सहृदय अपना रहे हैं. तो क्या हम विदेशी से स्वदेशी नहीं अपना सकते. गरज रहे हनुमान गगन में,,मथुरा की तैयारी है. काम हो गया अवधपुरी का,,अब काशी की बारी है."


    पोस्ट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

    यह जो आप तस्वीर देख रहे हैं यह तस्वीर "#भारत" की नहीं "जर्मनी" की है.
    जहां के बच्चे गुरुकुल में पढ़ते हैं जिस #संस्कृती को हम भूल रहे हैं विदेशी लोग उसे अपना रहे हैं
    यहां संस्कृत की परंपरा और सभ्यता को सहेजने का संभावित संरक्षक दिख रहा है।
    जय #सनातन 🙏🚩 pic.twitter.com/6oyYnBs029

    — दीपक शर्मा(सनातन सर्व श्रेष्ठ) (@sharma_Deepak45) January 6, 2021

    पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

    यह तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म फ़ेसबुक और ट्विटर पर बड़े पैमाने पर इसी दावे के साथ वायरल है.

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    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए तस्वीर को रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो हमें यह तस्वीर वेदिक साइंस नाम के एक फ़ेसबुक पेज पर मिली, जिसके कैप्शन में लिखा था, "हमारी अगली पीढ़ी, भक्तिवेदांत गुरुकुल, मायापुर, पश्चिम बंगाल, भारत में."

    इससे हिंट लेते हुए हमने भक्तिवेदांत अकादमी के फ़ेसबुक पेज और वेबसाइट पर जाकर देखा. हालांकि हमें हूबहू वही वायरल तस्वीर तो नहीं मिली, लेकिन अकादमी की कई तस्वीरें मिलीं जिसमें देश-विदेश के विद्यार्थियों को विभिन्न मुद्राओं में देखा जा सकता है.

    हमने इस्कॉन संस्था, मायापुर के मीडिया संचार प्रमुख सुब्रतो दास से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने पुष्टि की कि वायरल तस्वीर इस्कॉन संस्था के भक्तिवेदांत अकादमी की है.

    सुब्रतो दास ने बताया कि "पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले के मायापुर में इस्कॉन संस्था है, उसी में भक्तिवेदांत अकादमी है. इस अकादमी में 72 देशों के करीब 200 से ज़्यादा बच्चे हैं जो वेदिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं."

    हालांकि मीडिया संचार प्रमुख यह नहीं बता सके कि यह तस्वीर कब क्लिक गई थी, लेकिन उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि तस्वीर में दिख रहे विद्यार्थी भक्तिवेदांत अकादमी के हैं.

    इसके अलावा हमें यूट्यूब चैनल 'आई लव मायापुर' पर एक वीडियो मिला, जिसके डिस्क्रिप्शन में लिखा है,'गुरुकुल मायापुर: एक टूर - हमारे बेटे द्वारा दिया गया'. वीडियो में एक विद्यार्थी द्वारा मायापुर भक्तिवेदांत गुरुकुल के विभिन्न स्थानों के बारे में जानकारी देते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में वायरल तस्वीर में दिख रहे उस स्थान को भी देखा जा सकता है, जहां विद्यार्थी बैठकर खाना खा रहे हैं.

    तस्वीर में दिख रही इमारत अमेरिका में बाबा साहब आंबेडकर की लाइब्रेरी नहीं है

    Tags

    West BengalISKCONHinduFake NewsFact CheckViral ImageViral Tweets
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    Claim :   यह भारत नहीं बल्कि जर्मनी की तस्वीर है, जहाँ बच्चे गुरुकुल में पढ़ते हैं और साथ में भोजन ग्रहण करते हैं
    Claimed By :  Social Media Users
    Fact Check :  False
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